अपनी बात

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत झारखण्ड के शत प्रतिशत लाभुक आच्छादित, 23,944 दुकानों में DWM का अधिष्ठापन, 6,671 राशन दुकानों को CSC के रूप में किया गया विकसित

खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की बीते चार वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है। वे आज सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दे रहे थे। विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य की एक बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा विभाग की विभिन्न स्कीमों से आच्छादित किया जा रहा है।

विभाग योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहा है। योजनाओं में नवाचार का समावेश करते हुए राज्य के लोगों को न्यूट्रिशन सिक्योरक्टी करीब 66 लाख लाभुक परिवारों को दी जा रही है। साथ ही सोना सोबरन धोती/लुंगी, साड़ी वितरण योजना के अंतर्गत 10 रू. के अनुदानित दर पर राज्य के गरीब लोगों को उपलब्ध करायी जा रही है।

राज्य की जनता के पोषण की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य खाद्य सुरक्षा योजना स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत लाभुकों को पांच किलोग्राम प्रति लाभुक प्रति माह चावल उपलब्ध कराया जाता है। इस योजनान्तर्गत प्रारंभ में 15 लाख लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है। इस योजनान्तर्गत अबतक 33,16,489 लाभुक आच्छादित हुए है।

किसानों से धान का क्रय सीधे करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने व्यापक व्यवस्था की है ताकि राज्य के किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए सभी जिलों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में धान अधिप्राप्ति केन्द्र खोले गये हैं। धान अधिप्राप्ति के लिए झारखण्ड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लि0 को नोडल एजेंसी बनाया गया है। खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में धान अधिप्राप्ति हेतु कुल 6.00 लाख एमटी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्लिंटल के अतिरिक्त 117 रूपये प्रति किंटल की दर से किसानों को उनके आय में वृद्धि एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बोनस भुगतान का निर्णय लिया गया है।

खरीफ विपणन मौसम 2023-24 से धान अधिप्राप्ति योजना अन्तर्गत Minimum Threshold Parameters (MTPs) के तहत Biometric Based Procurement (आधार आधारित अधिप्राति प्रणाली) लागू किया गया है, जिससे अधिप्राप्ति केन्द्रों (लैम्पस/पैक्स आदि) पर किसानों से धान क्रय के समय उनका Biometric प्राप्त करते हुए पहचान सुनिश्चित की जायेगी। इससे वास्तविक किसानों को योजना का लाम मिल पायेगा एवं अधिप्राप्ति में बिचौलियागिरी की संभावना नगण्य होगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (JSFSS) से आच्छादित 65,98,574 लाभुक परिवारों के बीच वर्ष में दो बार एक धोती / लुंगी तथा एक साड़ी रूपये 10/-प्रति वस्त्र की दर से धोती, लुंगी एवं साड़ी का वितरण किया जा रहा है।

PVTG डाकिया योजना

राज्य अन्तर्गत PVTG डाकिया योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित PVTG परिवारों को अन्त्योदय श्रेणी के तहत रखते हुए 35 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल) प्रति परिवार प्रतिमाह बंद पैकेट में उनके निवास स्थान पर मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है। योजनान्तर्गत खाद्यान्न के पैकेजिंग का कार्य ग्रामीण विकास विभाग के झारखण्ड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाईटी (Jharkhand State livelihood Promotion Society)  के सखी मंडलों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इस योजना के तहत 74,597 PVTG परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो श्रेणियों यथा-अन्त्योदय परिवार (AAY) तथा पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ श्रेणी (PHH) को नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। पात्र गृहस्थ योजना के अन्तर्गत लाभुकों को 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य प्रतिमाह एवं अन्त्योदय अन्न योजना के अन्तर्गत लाभुक परिवार को 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार प्रतिमाह करायी जाती है। अधिनियम के तहत लाभुकों का आच्छादित किये जाने का लक्ष्य 2,64,25,385 है, जिसके विरूद्ध वर्तमान में शत् प्रतिशत यथा 2,64,25,385 लाभुक आच्छादित है। भारत सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में NFSA से आच्छादित लाभुकों को माह जनवरी, 2023 से मुफ्त में खाद्यान्न (चावल एवं गेहूँ) उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

कोविड संक्रमण एवं इसके बढ़ते दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई गयी। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभुकों को पांच किलोग्राम खाद्यान्न (चावल एवं गेहूँ) प्रति लाभुक प्रतिमाह मुफ्त में उपलब्ध करायी गई। इस योजनान्तर्गत लाभुकों को उपलब्ध कराया गया खाद्यान्न राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले नियमित खाद्यान्न के अतिरिक्त था।

सरकारी भोजन केन्द्र योजना सम्प्रति मुख्यमंत्री दाल-भात योजना

इस योजनान्तर्गत पूरे राज्य में सरकारी भोजन केन्द्र के माध्यम से राज्य के जरूरतमंदों यथा-दिहाड़ी मजदूर, गरीब/निर्धन एवं अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को पांच रुपये के भुगतान पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में 377 स्वीकृत नियमित दाल-भात केन्द्रों के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

नमक एवं चीनी वितरण योजना

पूर्व से परिवारों को के अन्त्योदय एवं पूर्वविक्ता प्राप्त परिवारों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर पर फ्री-लो आयोडीनयुक्त नमक वितरण किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से इस योजनान्तर्गत झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक परिवारों को भी सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में नमक वितरण योजना से 65,98,574 परिवार आच्छादित है।

चीनी वितरण योजना भारत सरकार से रुपये 18.50 प्रति किलोग्राम प्राप्त अनुदान से कार्यान्वित की जा रही है। इस योजनान्तर्गत राज्य के अन्त्योदय परिवारों को प्रतिमाह एक किलोग्राम चीनी अनुदानित दर पर उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य में इस योजना से 8,93,026 परिवार आच्छादित है।

लाभुकों को उचित मात्रा में हो खाद्यान्न वितरण 

सभी जनवितरण प्रणाली दुकानों में Digital Weighing Machines का अधिष्ठापन किया जा रहा है। कुल 25,282 जनवितरण प्रणाली दुकानों में से अबतक 23,944 दुकानों में Digital Weighing Machines का अधिष्ठापन किया जा चुका है। शेष दुकानों में अधिष्ठापन की कार्रवाई की जा रही है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के 50 जन वितरण प्रणाली दुकानों एवं रामगढ़ जिला के 07 जन वितरण प्रणाली दुकानों में 4G नेटवर्क आधारित ई-पॉस मशीनों के माध्यम से पॉयलट आधारित खाद्यान्न वितरण की जा रही है। राज्य अन्तर्गत बॉयोमेट्रिक सत्यापन असफल होने का प्रतिशत ज्यादा वाले लगभग 1500 जन वितरण प्रणाली दुकानों में IRIS Scanner उपलब्ध कराते हुए खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।

राज्य के जन वितरण प्रणाली दुकानों को Common Service Centre (CSC) के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। 10 हजार जनवितरण प्रणाली दुकानों को CSC हेतु चिन्हित किया गया, जिसमें से अबतक 6,671 जन वितरण प्रणाली दुकानों को CSC के रूप में विकसित किया जा चुका है। इससे जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के आय में वृद्धि होगी। CSC के रूप में परिवर्तित 318 दुकानें DigiPay के रूप में,  580 दुकानें डिजिटल सेवा पोर्टल (DSP) के रूप में एवं 802 दुकानें eStore के रूप में रजिस्टर्ड हैं। जन वितरण प्रणाली के अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त किया गया है।