पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग को लेकर अलबर्ट एक्का चौक पर अकेला खड़ा है 12वीं का छात्र शलभ
वो किसान का बेटा हैं, उसके पिता अरविन्द चौधरी बिहार के मुंगेर में किसान हैं। शलभ चौधरी रांची के जेवीएम श्यामली में 12वीं का छात्र हैं। वह प्रचार–प्रसार से दूर, हाथों में तिरंगा लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सिर्फ एक ही मांग कर रहा है कि वो पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाएं, ताकि फिर कोई आतंकी घटना भारत में न हो, तथा कोई जवान आतंकी घटना का शिकार न हो सकें।
हालांकि अलबर्ट एक्का चौक पर प्रतिदिन लाखों लोग गुजर रहे हैं, कोई शलभ चौधरी की ओर ध्यान दे रहा हैं तो किसी का उस पर ध्यान ही नहीं, पर वह इन सबसे अलग अपने मन में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश लिए अकेला खड़ा है, संघर्ष कर रहा है।
जब 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में ये आतंकी घटना घटी थी और 44 जवानों के शहीद हो जाने की खबर मिली थी, तब वह ठीक दूसरे दिन हाथों में तिरंगा लेकर आकर अकेले खड़ा हो गया था, रात में जब स्थानीय पुलिस की उस पर नजर पड़ी तो वह उसे समझा–बुझाकर, घर भेजने की कोशिश की थी, तथा उस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र भी भेजा था, जिसमें उसने कश्मीर से धारा 370 और 35 ए समाप्त करने की मांग की थी।
शलभ चौधरी का कहना है कि जब तक उसकी मांग पुरी नहीं होगी, वह हाथों में तिरंगा थामे इसी प्रकार परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का की प्रतिमा के पास खड़ा रहेगा, शलभ चौधरी के इस संकल्प को लेकर, लोग चिन्तित भी हैं, उनका कहना है कि अगर इस ठंड के मौसम में ये छात्र इसी तरह खड़ा रहा तो उसे दिक्कत हो सकती है, राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस को चाहिए कि उसकी सुध लें तथा उसकी भावनाओं का कद्र करते हुए, सम्मान के साथ उसे समझा–बुझाकर संकल्प तुड़वाने का प्रयास करें।