राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 17वां राष्ट्रीय महाधिवेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद में संपन्न, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया ऑनलाइन उद्घाटन, संस्था के कार्यों की उन्होंने खुलकर की प्रशंसा
राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 17 वां राष्ट्रीय अधिवेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद में राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन का ऑनलाइन उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से अपनी बातें कही। उन्होंने कहा कि 21 दिसम्बर एक अन्य कारण से विशेष है। यूनाइटेड नेशन ने भारत के साथ मिलकर 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है।
मुझे इस बात की खुशी है कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने अपने अधिवेशन के लिए भी आज का ही दिन चुना है। सैनिक देश की सुरक्षा का प्रहरी होता है। जो अपने जीवन को संकट में डाल कर देश की अखंडता की सुरक्षा करता है। समाज सेवा और राष्ट्रीय सेवा दो अलग अलग चीजें हैं। बॉर्डर पर रहकर भी सैनिक राष्ट्र समाज की सेवा करता है। जब वह घर आता है तब भी वह राष्ट्र के लिए जीता है।
उसके समाज मे जीने और रहने का तरीका लोगों को प्रेरित करता है। समाज को सैनिक व बलिदानियों का सम्मान करना चाहिए। त्योहार पर भी सैनिक अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा करते हैं। उनके पत्नियों को अकेले घर की सभी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। सही मायने में देश की सुरक्षा सैनिक ही नहीं, बल्कि सैनिक का परिवार भी करता है। सीमा पर सैनिक तैनात हैं। हमारी सीमाएं सुरक्षित है। राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी के कार्यों की सराहना भी की।
मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रत्येक सैनिक के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरी होता है। यदि हमारे युवा कठिन परिश्रम से देश हित के लिए कार्य करेगें। तो निश्चित रूप से 2047 तक भारत विश्वगुरु बनकर उभरेगा। नशे जैसी बुराइयां समाज को खोखला कर रही हैं। युवा इससे दूर रहें। उन्होनें युवाओं पर विशेष रूप से जोर दिया। आज की युवा शक्ति ही आने वाले कल का भविष्य है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुरमीत सिंह ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि सहनशीलता व्यक्तिगत चरित्र का हिस्सा है। परंतु जब देश की सुरक्षा का सवाल हो तो सहनशीलता शून्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि राष्ट्रीय एकीकरण का प्रयास विद्युत गति से किये जाना चाहिए व शहीद सिपाहियों के परिवार का सम्मान इस दिशा के एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर शहीदों के परिवार को उपहार देकर सम्मानित किया गया। शहीदों की आरती गाई गई और राष्ट्रीय सैनिक संस्था के द्वारा किये गए कार्य का उल्लेख किया गया। इस अधिवेशन में 20 प्रदेशों के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। जिसमे 500 लोग शामिल हुए। इसमें हापुड़ के टीम को अच्छे कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक 24 वर्ष पुराना पंजीकृत अराजनैतिक ऐसा संगठन है। जिसमे पूर्व सैनिक और देश भक्त नागरिक दोनों शामिल हैं। आज यह राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का धवल चरित्र और निष्कलंक संगठन है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं पावन चिंतन धारा के संस्थापक डॉक्टर गुरु पवन सिन्हा, आंध्र प्रदेश सरकार स्कोडा ग्रुप व लोहिया ग्रुप के सलाहकार राजन छिब्बर, क्लाइड ग्रुप आफ होटल्स के अध्यक्ष विजय कपूर, आर्डनेंस कॉपर्स के पुर्व प्रभागीय अधिकारी मेजर जनरल मोहन लाल कपूर एवं तिरकित थाईलैंड के पूर्व मंत्री पद्मश्री डॉक्टर चिरपत जी, विश्व शांति केंद्र व अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक डॉक्टर लोकेश मुनि, ज्ञान सिंह, गौरव सेनानी राजेन्द बगासी ,पी पी सिंह एवं अन्य लोग शामिल थे।
इस पूरे कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय सैनिक संस्था झारखंड प्रदेश के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद में लगी सारी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। यह सारी जानकारी विद्रोही24 को झारखण्ड प्रदेश के राष्ट्रीय सैनिक संस्था युवा कमांड अध्यक्ष मनोज कुमार पुट्टू ने दी।