राजनीति

हेमन्त सरकार के 4 साल बाबूलाल मरांडी की नजरों में – झारखण्ड की वर्तमान हेमन्त सरकार फाइल, फोल्डर और बॉस वाली सरकार जबकि पूर्व की सभी भाजपा सरकारें दूध से धुली

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है कि झारखंड के भ्रष्टाचार की चर्चा केवल राज्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी गूंज पूरे देश में है। हेमंत सोरेन सरकार ने इन चार वर्षो में कोई लीगल काम किया ही नहीं किया, बल्कि सारा इलीगल काम किया है। उन्होंने कहा कि इडी की छापेमारी और आईटी रेड में कांग्रेस के सांसद के यहां से करोड़ों की नगदी बरामद होती है। यह मोदी जी की सरकार है, जनता से लूटी गई पाई-पाई भ्रष्टाचारियों को लौटानी होगी।

श्री मरांडी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में राज्य सरकार के चार वर्षो की विफलताओं को उजागर करते हुए आरोप-पत्र के विमोचन के बाद हेमंत सोरेन सरकार पर आरोपों की बौछार  की। श्री मरांडी ने इस दौरान जहां हेमंत सरकार की विफलताओं पर जमकर हमला बोला वहीं झारखंड में अब तक भाजपा की रही तीनों सरकारों और पिछले नौ सालों में केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा देश और झारखंड के संदर्भ में किए उल्लेखनीय कार्यों को विस्तारपूर्वक बताया।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार फाइल, फोल्डर और बॉस वाली सरकार है। आरोप-पत्र के पहले पेज पर नोटों का बंडल और कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां से पैसों की बरामदगी के दौरान प्रधानमंत्री जी के द्वारा किया गया ट्वीट डालकर इस लूटेरी सरकार के चाल, चरित्र और चेहरे को सामने लाने का प्रयास किया गया है। ताकि देश और राज्यवासी इस सरकार के असली चेहरे को देख सके। जनता को यह देखना और समझना बहुत जरूरी है।

श्री मरांडी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए महंगी-महंगी वकीलों को हायर कर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाते हैं। इडी ने कई अफसरों व लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखकर दिया लेकिन आज भी वह सारी फाइल हेमंत सोरेन की अलमीरा की शोभा बढ़ा रही है। एफआइआर दर्ज नहीं किया जा रहा है। जब राज्य का सीएम खुद भ्रष्टाचार में संलिप्त हो, भ्रष्ट अफसरों को बचाने में खुद सीएम लगे हों तो भला भ्रष्टाचार कैसे समाप्त होगा।

उन्होंने कहा कि इडी द्वारा मुख्यमंत्री को छः नोटिस के बाद भी उपस्थित नहीं होना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है। सीएम कहते हैं कि वे डरते नहीं है तो फिर वे भागते क्यों हैं? किसी प्रकार की गड़बड़ नहीं किए होते तो सीएम सीना तानकर इडी ऑफिस जाते। सीएम को पता होगा कि उन्हें किन कारण से नोटिस की जा रही है और उसका जवाब उनके पास नहीं होगा इसलिए वे भागे-भागे फिर रहे हैं।

श्री मरांडी ने हेमंत सोरेन द्वारा 18-19 वर्षो तक झारखंड में भाजपा की सरकार होने और केन्द्र सरकार द्वारा झारखंड की उपेक्षा करने के झूठे आरोप पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन केवल वर्तमान चार साल के अपने कार्यकाल को छोड़कर सारा ठीकरा भाजपा पर फोड़ते रहे हैं।

सच्चाई यह है कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्वकाल को जोड़कर कुल 4764 दिन यानि लगभग 13 वर्षो तक भाजपा को सेवा करने का अवसर मिला है जिसमें कई उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भाजपा के नेतृत्व में तीनों सरकारों द्वारा बुनियादी सुविधाएं सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज के कल्याण को तेजी से आगे बढ़ाया गया।

मोदी सरकार के साथ प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने विकास के कीर्तिमान स्थापित किए। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में अलग राज्य का सपना साकार हुआ। वहीं यूपीए गठबंधन ने राष्टपति शासन सहित जोड़कर 3625 दिन यानि लगभग 10 वर्ष शासन किया है। इनका कार्यकाल किसी से छुपा नहीं है। अपने नौ साल के ऐतिहासिक और स्वर्णिम कार्यकाल में मोदी सरकार ने देश और राज्य को कई सौगात दिया है।

पीएम आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान कार्ड, जन धन खाता, गरीब कल्याण योजना, हवाई अड्डा, एम्स, शौचालय, किसान सम्मान निधि, पीएम श्रमयोगी मानधन योजना, मेडिकल कॉलेज सहित इसकी लंबी फेहरिस्त है। इसलिए हेमंत सोरेन, जेएमएम और कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है।

उन्होंने कहा कि झामुमो, कांग्रेस, राजद की सरकारों ने राज्य केवल राज्य की प्रगति ही बाधित नहीं की बल्कि सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार से कलंकित किया। यूपीए सरकारें काम के लिए नही कमाने के लिए बनी। इन्होंने जनता का नहीं बल्कि परिवार का विकास किया। श्री मरांडी ने कहा कि चाहे नदी-नालों से बालू का उठाव हो, कोयला हो या पत्थर के अवैध खनन का मामला हो, किसी से छुपा नहीं है।

बालू का ऑक्शन नहीं हुआ, बिना ऑक्शन ही बिहार, यूपी को भेजकर खूब कमाई की गई। साहिबंगज की बहुचर्चित घटना, जिसकी सीबीआई जांच चल रही है। उपर से लेकर नीचे के कार्यालयों में जहां आम लोगों को प्रतिदिन जरूरत पड़ती है वहां  बिना पैसा कोई काम नहीं होता। श्री मरांडी ने कहा कि किसी भी राज्य की पहचान वहां की कानून-व्यवस्था से होती है। प्रदेश की हालत बद से बदतर है। चोरी, डकैती, अपहरण, लूट चरम पर है। बहू-बेटियां सहित आम लोग तक कहीं सुरक्षित नहीं हैं।

धनबाद की भयावह हालत से सभी अवगत हैं। व्हाट्सअप कॉल, वीडियो कॉल, मैसेज कर लोगों को धमकाया जाता है। पुलिस पर लोगों को भरोसा नहीं रहा है। सूचना लीक होने के कारण लोग पुलिस को मैसेज तक नहीं दिखाते। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में काबू में रही नक्सल की समस्या के मोर्चे पर भी यह सरकार विफल है। पलामू के हिस्सों में आये दिन घटनाएं आम है। कई बार कुछ हिस्सों में पुलिस हम लोगों को जाने से रोक देती है। कानून व्यवस्था दुरूस्त करने की बजाय भ्रष्टाचारियों को, दलाल-बिचैलियों को बचाना और पैसा कमाना झारखंड सरकार की प्राथमिकता में है।

श्री मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार के चार साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार देते सभी सभी मोर्चो पर नाकाम बताया। उन्होंने हेमंत सोरेन द्वारा युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, किसानों, पिछड़ों सहित तमाम वर्गो से किए गए एक एक वादों और उनकी हकीकत का बिन्दुवार पोल खोलते हुए राज्य सरकार को आइना दिखाने का काम किया।

उन्होंने कहा कि पांचं लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, भत्ता नही तो राजनीति से सन्यास, ये सारे दावे फिसड्डी साबित हुए हैं। युवाओं, आदिवासियों-दलितों के साथ दमन, किसानों के साथ ज्यादती जितना हेमंत सरकार में हुई उतनी किसी सरकार में नहीं। पिछले चार वर्षों के शासन में हेमंत सरकार ने राज्य के युवा, किसान, मजदूर महिला, दलित, आदिवासी, पिछड़े सभी समाज को केवल धोखा दिया। झारखंड के इतिहास में सबसे विफल और भ्रष्ट सरकार साबित हुई है।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में तुष्टिकरण का मामला किसी से छुपा नहीं है। लोहरदगा की घटना, मेन रोड हिंसा, विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन का मामला इसके उदाहरण हैं। मेन रोड हिंसा, नमाज कक्ष मामले में आज तक कमेटी कोई निर्णय नहीं कर सकी है। सामान्य विद्यालयों को उर्दू विद्यालय में तब्दील करना, रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी करना, सहित कई मामले आए पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एक खास वर्ग को खुश करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है।

वहीं जबरन धर्मांतरण की खबरें यहां आम हो चली है। पाकुड़ का ही एक मामला आज संज्ञान में आया है जिसमें एक पहाड़िया के साथ जबरन प्रतिबंधित मांस खिलाने का मामला है। 26 तारीख को एसपी को लिखित शिकायत के बाद भी अभी तक एफआइआर नहीं किया गया है। एक तरफ खास वर्ग द्वारा आदिवासी लड़कियों से शादी कर जमीन हथियाने की घटना तो होती रही है अब लड़कियों को लगाकर लड़को का जबरन धर्मातंरण कराया जा रहा है।

श्री मरांडी ने कहा कि जल जीवन मिशन सहित तमाम केन्द्रीय योजनाओं का हाल बुरा है। राज्य सरकार को इन योजनाओं को प्रमुखता से क्रियान्वयन करने की कोई चिंता नहीं है। केवल टेंडर में कमीशन की चिंता है। गरीब कल्याण योजना का राशन लाभार्थियों तक पहुंचाने में हेमंत सोरेन असफल साबित हुए हैं।

दूसरे इलाकों की बात तो अलग है, सीएम के इलाके बरहेट, सुंदरपहाड़ी, पतना में जहां पहाड़िया जनजाति रहते हैं उनके अनाज को बेचने का मामला सामने आ चुका है। दोषियों पर कार्रवाई और जांच के नाम पर केवल भरमाया गया। वहीं राज्य में बुनियादी सुविधाओं को दुरूस्त करने को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं है। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो सडक हो, बिजली हो सभी की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।