रघुवर सरकार की गलत नीतियों के कारण औद्योगिक क्षेत्रों की 60 कंपनियां बंद, हजारों कर्मचारियों के परिवार भूखों मरने को विवश
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य के रघुवर सरकार की गलत नीतियों की तीखी आलोचना की है, उनका कहना है कि राज्य सरकार की गलत नीतियो के कारण राज्य की करीब 60 कंपनियों में ताले लटक गये, उन कंपनियों में काम करनेवाले कर्मचारियों के परिवार आज भूखों मरने को विवश हैं, जिसकी यहां की सरकार को कोई चिन्ता ही नहीं।
हर बात पर विकास का ढोल पीटनेवाली, डबल इंजन की सरकार खुद को कहनेवाली सरकार बताये कि इज ऑफ डूइंज बिजनेस में खुद को टॉप रखनेवाली इस सरकार में सिंहभूम, सरायकेला–खरसावा इलाकों में चलनेवाले इस्पात संयंत्र एक–एक कर बंद क्यों हो गये? मुरी में जो 13 अप्रैल की हिंडाल्कों में जो घटना घटी, उसके बाद उस कंपनी में जो ताला लटका और उसके कारण जो वहां काम कर रहे 6000 से भी ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो गये, उन परिवारों की सुध कौन लेगा?
टाटा मोटर्स और टाटा हिटाची में ताले क्यों लटक गये, वहां कार्यरत 12 हजार से ज्यादा कर्मचारी आज बेरोजगार क्यों हो गये? जमशेदपुर की स्थित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 25 स्टील फैक्ट्रियों में ताले क्यों लटक गये, यहीं हाल बोकारो और रांची–रामगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों का क्यों हैं? आज जिन–जिन फैक्ट्रियों में ताले लटके हैं, जिनके कारण यहां के कर्मचारी बेरोजगार हो गये, उनके घर में अगर किसी प्रकार की घटना घट जाये तो उसके लिए जिम्मेवार कौन होगा?
सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि इस राज्य सरकार के पास कोई नीति ही नहीं है और न ही कोई सिद्धांत हैं, यह तो केवल बड़बोलेपन पर काम करती है। उन्होंने कहा कि आज जिन–जिन फैक्ट्रियों में ताले लटके हैं, उसके लिए सीधे–सीधे सीएम रघुवर दास जिम्मेवार है, क्योंकि ऊर्जा विभाग उन्हीं के जिम्मे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग ने कर्मशियल बिजली की दर 38 प्रतिशत बढ़ा दी, अन्य टैक्स भी जबर्दस्ती लाद दिये गये, जिसके कारण एक–एक कर सारे उद्योग ठप पड़ने शुरु हो गये। प्रोडक्शन कम होना शुरु हुआ और फैक्ट्री मालिक कर्ज में डूबते हुए चले गये, और लोग बेरोजगार होते चले गये।