उधर त्रिपाठी ने अक्षम्य अपराध किया, इधर भाजपा समर्थक चैनलों ने ‘ठुमरी’ गाना और नाचना शुरु किया
डालटनगंज के चैनपुर स्थित कोशियारा बूथ पर भाजपा समर्थकों ने डालटनगंज के कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी पर जानलेवा हमला किया, अपने उपर जानलेवा हमला होता देख, कांग्रेस प्रत्याशी ने तमंचा निकाला और उसे हवा में लहराया, जो कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी द्वारा किया गया अक्षम्य अपराध हैं, जिसे किसी भी हालत में सही नहीं ठहराया जा सकता।
बताया जाता है कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरु कर दी गई है, इस घटना ने झारखण्ड में हो रहे विधानसभा चुनाव में एक ऐसा कलंक लगाया है कि जिसे आनेवाले समय में शायद ही धोया जा सकेगा। राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस कलंक के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों समान रुप से दोषी है, अगर इस अपराध पर कोई भी अखबार या चैनल किसी पार्टी का पक्ष लेता हैं तो वह भी उतना ही बड़ा अपराधी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
लोग बताते है कि जिस इलाके में घटना घटी, वह इलाका आलोक चौरसिया का इलाका है, जो फिलहाल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, यानी फिलहाल उस इलाके में भाजपा का दबदबा है, इसलिए नहीं कि लोग भाजपा को प्यार करते हैं, बल्कि इसलिए कि आलोक चौरसिया वहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं, अगर आलोक चौरसिया निर्दलीय उम्मीदवार या महागठबंधन के प्रत्याशी होते तो वह सारा इलाका निर्दलीय या महागठबंधन को वोट देता, यह ध्रुव सत्य हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो उस इलाके में आज के दिन केएन त्रिपाठी को जाना ही नहीं चाहिए था, वो कुछ भी कर लें, वहां उन्हें एक भी वोट नहीं मिलेगा, यह भी ध्रुव सत्य हैं और आप किसी को मतदान के दिन कुछ कह भी नहीं सकते, केएन त्रिपाठी वहां गये, एकतरफा वोट गिरता देखे, वहां कोई फोर्स नहीं देखा, बमक गये, आलोक चौरसिया के भाजपा उम्मीदवार होने के कारण भाजपा समर्थक वहां के लोगो को बुरा लगा, वे उलझ पड़े और पत्थरबाजी कर दी, उस इलाके में हमने भी पत्रकारिता की है, और वहां जातिवाद किस कदर काम करता हैं, हमसे बेहतर कोई नहीं जान सकता।
केएन त्रिपाठी को लगा कि कही आलोक चौरसिया के समर्थक उनकी जान न ले लें, उन्होंने तमंचा निकाला और लीजिये लोगों को मिल गया मौका, केएन त्रिपाठी को भला बुरा कहने का, जो मीडिया में लोग हैं, जो ऐसे भी कांग्रेस से खार खाये रहते हैं, या भाजपा के पैसों पर अपना परिवार चलाते हैं, उन्हें इस न्यूज को लहराने का मौका मिल गया, और लीजिये जी भरकर केएन त्रिपाठी ने उन्हें मौका दे दिया, बक-बक करने की, वे बक-बक किये जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा की ओर से उन्हें हरी झंडी मिल गई है कि इसे ज्यादा दिखाया जाय, ताकि जो वोट भाजपा के खिलाफ था, वो फिर भाजपा की ओर चल दें, पर क्या ये संभव है कि लोग भाजपाई चैनलों के चक्कर में आ जाये, वह भी मतदान के दिन, हमें तो नहीं लगता।
एक रिजनल चैनल का चैनल हेड जो कट्टर भाजपाई हैं, बड़े ही सुंदर और तार्किक ढंग से अपने यहां दो लोगों को बुलाया हैं, एक को मैं जानता हूं, अंग्रेजी का प्रोफेसर है, आजसू का आदमी है और दूसरा कट्टर महागठबंधन विरोधी, अब ऐसे में तर्क-वितर्क कैसा होगा? समझ लीजिये, बड़े ही सुंदर ढंग से ये तीनों मिलकर सुनियोजित ढंग से न्यूज न चलाकर कांग्रेस को कोसे जा रहे हैं, केएन त्रिपाठी को कोसे जा रहे हैं, बचे हुए मतदान के समय को देख भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहे हैं और बोल क्या रहे हैं, वह ध्यान से सुनिये।
चैनल हेड कह रहा है कि केएन त्रिपाठी कह रहे हैं, कि उन पर हमला हुआ, पर तस्वीर में तो ऐसा कुछ नहीं दिख रहा, अरे भाई इसमें कमाल तस्वीर उतारनेवाला या तुम्हें उपलब्ध करानेवाला और तुम्हें दिशा-निर्देश देनेवाला का है या तुम्हारा, अगर भाजपा समर्थक वहां मौजूद है, वहां आलोक चौरसिया के लोग मौजूद हैं तो तुम्हें विजूयल उपलब्ध करानेवाला आलोक चौरसिया या उनके समर्थकों की गलती का विजूयल तुम्हें भेजेगा?
यही नहीं चैनल हेड यह भी कहता है कि केएन त्रिपाठी कह रहे है कि वहां बूथ कैप्चरिंग हो रही थी, भला आज के समय में बूथ कैप्चरिंग कैसे हो सकती हैं और उसके सामने बैठे दोनों नमूने कह रहे हैं कि पहले की तरह बैलेट पेपर का जमाना नहीं, यानी ये तीनों कैसे दर्शकों को चोनहर समझते हैं, सोचने की आवश्यकता है? ये किसने कह दिया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बूथ कैप्चरिंग नहीं होती, अगर हम अपने सौ लोगों को पंक्तिबद्ध खड़ा करवा दें और वहीं सौ लोग एक स्कूल में बने पांच बूथों पर बारी-बारी से वोट करते रह गये,तो क्या यह बूथ कैप्चरिंग नहीं हुआ? यानी इतना तुम चोनहर समझता है दर्शकों को?
लोग चोनहर नहीं हैं, सब समझते है कि कौन चैनल-कौन अखबार किस पार्टी के लिए काम कर रहा हैं, किसके लिए माहौल बना रहा हैं, तुमलोगों ने भी बड़ा अपराध किया है, वोट की शेयरिंग में तुम सबने दलाली की हैं, तुम चुनाव आयोग से बच सकते हो, पर तुम्हारे द्वारा किये गये अपराध ईश्वर भी माफ नहीं कर सकते, वो दिन दूर नहीं कि तुम जनता के सामने दुरदुराये जाओगे, हाल ही में तुम्हारे संवाददाता और कैमरामैन की पिटाई हुई, पर तुम्हें शर्म नहीं, पर वो दिन जल्द आनेवाला है कि तुम कही के नहीं रहोगे।
समाचार क्या है? तो समाचार यहीं है कि भाजपा उम्मीदवार आलोक चौरसिया के इलाके में कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी गये, वहां उन पर आलोक चौरसिया के लोगों ने जानलेवा हमला किया, दुर्व्यवहार किया, केएन त्रिपाठी ने तमंचा निकालकर लहराया, यही उनका बहुत बड़ा अपराध है, जो नहीं करना चाहिए था, इसकी जितनी निन्दा की जाय कम है, इस अपराध के लिए दोनों पार्टियां समान रुप से दोषी हैं, जो पार्टी एक प्रत्याशी को मतदान केन्द्र तक जाने में रोकती हैं, वह भी दोषी है और वह प्रशासन भी दोषी है, जो किसी खास इलाके में उचित पुलिस बल की तैनाती नहीं करता, छोड़ देता है कि जाइये वर्तमान विधायक जी मस्ती काटिये, जैसा कि चैनपुर में हो रहा था और अपराध उन चैनलों की, जिन्होंने भाजपा के पक्ष में ठुमरी गाना और नाचना शुरु कर दिया।