राजनीति

शर्मनाक, जिस BJP MLA का अश्लील विडियो सोशल साइट पर वायरल है, उसके साथ PM ने किया मंच शेयर – JMM

झारखण्ड में सत्ता की प्रबल दावेदार एवं महागठबंधन की प्रमुख पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरी चुनावी विजिट पर गंभीर सवाल उठाएं। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस देश का दुर्भाग्य देखिये, जिस बोकारो के भाजपा विधायक विरंची नारायण का अश्लील विडियो पूरे सोशल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे शख्स के साथ अपना मंच शेयर करते हैं और अपना मान बढ़ाते हैं।

कमाल है, जब वे अपने चुनावी यात्रा की पहली शुरुआत की थी, तब भी वे 130 करोड़ रुपये के दवा घोटाले के आरोपी, जिस पर आरोप गठित हो चुकी है, जिसके खिलाफ इडी, आइटी, सीबीआइ ने जांचोपरांत चार्जशीट समर्पित कर दिया है, उसके साथ प्रधानमंत्री ने मंच शेयर किया था, यहीं नहीं रेप व हत्या के आरोपी शशिभूषण मेहता को भी महिमामंडित किया, क्या ऐसे में नहीं लग रहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी यात्रा को स्वयं मजाक बनाकर रख दिया।

झारखण्ड में 370 की क्या प्रासंगिकता? मोदी को बताना चाहिए कि यहां के CM, 24 हजार करोड़ चूहों को कैसे खिला देते हैं?

उन्होंने कहा कि जमशेदपुर की रैली में प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते है, और वहीं पर भ्रष्टाचार के आरोप में उनके ही पार्टी के नेता व राज्य के मुख्यमंत्री जनता के कोपभाजन का शिकार बन चुके है, पर प्रधानमंत्री की बतकही जारी है। सच्चाई यह कि प्रधानमंत्री के भाषण में कही रोजगार नहीं है, और न ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट है। चूंकि एक प्रधानमंत्री का भाषण पूरे देश के लिए होता है, ऐसे में वे यह बोल नहीं पाते कि यहां किसान आत्महत्या को क्यों मजबूर है, उनके भाषण में हमेशा कश्मीर, राममंदिर और धारा 370 होता है, अब सवाल उठता है कि झारखण्ड के गढ़वा से लेकर पाकुड़ तक 370 की क्या प्रासंगिकता?

कमाल है, वे रांची आकर अर्द्धनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन कर चले जाते हैं, क्या वे बता सकते है कि ऐसा कर उन्होंने प्रधानमंत्री की गरिमा को बचाया या प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि बरही में भाषण दे रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बोलना चाहिए था कि उनके मुख्यमंत्री रघुवर दास 24 हजार करोड़ चूहों को कैसे खिला देते हैं।

मोदी भाषण देने व जमीन से जुड़ने की कला राहुल गांधी से सीखें

उन्होंने कहा कि एक ओर राहुल गांधी को देखिये, जो जनता से जुड़ी हुई समस्याओं पर अपनी बाते रख रहे हैं, राहुल गांधी ने कहा कि यहां की जमीन वास्तविक अधिकार में आता है, यहां की जो पहचान है, वह झारखण्डी पहचान है, वे रोजगार की बात करते हैं, पर हमारे पीएम की बात ही निराली है। इनकी सरकार 1600 रुपये धान का समर्थन मूल्य घोषित करती हैं और क्रय करते हैं 1300 रुपये में, साथ ही जीएसटी काटकर किसानों को 1100 रुपये उपलब्ध कराते हैं, जबकि बगल के राज्य बिना जीएसटी काटे 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान किसानों से क्रय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक बदहाल अगर कोई राज्य है तो वह झारखण्ड है, पर इसे बदहाल किसने बनाया, इस पर वे मौन साध लेते हैं, अब तक 33 सीटों पर चुनाव हो गये, फिर भी 65-65 चिल्ला रहे हैं। पांच वर्षों में एक जेपीएससी के अतंर्गत एक परीक्षा तक नहीं करा पाये। एक लाख लोगों को नौकरी देने की बात कही और पीएचडी धारकों को एटीएम गार्ड, चपरासी व होटल का बेरा की नौकरी दिलवा दी, और वह भी वो नौकरी 4000 रुपये से लेकर 12000 रुपये तक की, ऐसे में झारखण्डी युवा कैसे रह पायेंगे? जिन्होंने इसके बावजूद जाने की कोशिश भी की, उन्हें अप्वाइंटमेंट लेटर न देकर, ऑफर लेटर ही सिर्फ दिया गया। पता नहीं किस आधार पर लिम्का बुक वालों ने सीएम रघुवर दास की आरती उतार दी, यानी ये लोग भी महान ही है।

पीएम मोदी जी, फिलहाल हाथी हाथ से निकल गया, अब पूंछ पकड़ कर लटकते रहिये

कमाल है, अभी पूरा केन्द्रीय मंत्रिमंडल पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, पता नहीं और कौन-कौन से मंत्री झारखण्ड के दौरे पर है, और उधर 200 रुपये किलो प्याज पर किसी का ध्यान ही नहीं हैं, बल्कि एक मंत्री तो इस प्याज को लेकर संसद में पांडित्य तक झार रही हैं। मतलब कैसा मजाक बनाकर रख दिया है, इनलोगों ने समझ नहीं आ रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मालूम होना चाहिए कि फिलहाल हाथी हाथ से निकल गया, अब पूंछ पकड़ कर लटकते रहिये।