संभावित भारी पराजय से घबराए CM ने एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष को दी गाली, हेमन्त ने SC/ST एक्ट के तहत रघुवर के खिलाफ FIR कराई दर्ज
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास महान हैं, वे ऐसे ही हाथी नहीं उड़ा देते हैं, उन्हें हाथी उड़ाने में महारत हासिल हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं, वे किसी भी जाति-समुदाय को गालियां दे सकते हैं, वे गालियां सदन में भी दे सकते हैं और गली-मुहल्लों, चुनावी सभाओं में भी दे सकते हैं। शायद उन्हें इसका विशेषाधिकार हैं।
इधर राज्य के अखबारों व चैनलों को भी सीएम रघुवर द्वारा विपक्ष के खिलाफ किये जा रहे आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग पर पर्दा डालने का विशेषाधिकार लगता है कि मिला हुआ हैं और विपक्ष सही भी बोले तो विपक्ष को कटघरे में खड़ा करने का भी इन अखबारों-चैनलों ने लगता है कि संकल्प कर लिया है। यही कारण है कि इतनी बड़ी खबर राज्य के सभी प्रमुख अखबारों-चैनलों ने डकार लिया।
लेकिन कहा जाता है कि सच को आप कितना भी ताला में बंद करने की कोशिश करें, सच बाहर आ ही जाता हैं, एक बहुत ही छोटे अखबार ने मुख्यमंत्री के उस भाषण को अपने अखबार में स्थान दे दिया, तथा इधर सोशल साइट पर भी यह समाचार वायरल हो गया, जिसके कारण राज्य के सभी लोगों को पता चल गया कि दुमका के मिहिजाम में सीएम रघुवर दास ने नेता प्रतिपक्ष के लिए कौन से शब्द का प्रयोग किया।
ज्ञातव्य है कि यह पहला मामला नहीं हैं, सीएम रघुवर दास ने विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष के लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया था, जिसे बाद में पर्दा डालने का असफल प्रयास सीएम रघुवर दास द्वारा किया गया। नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने इस बात की जानकारी स्थानीय संवाददाताओं को देते हुए कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कल एक चुनावी सभा में उनके लिए जातिसूचक-अपशब्दों का प्रयोग किया। जिसको लेकर वे दुमका के एससी/एसटी थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि क्या आदिवासी समाज में जन्म लेना गुनाह है। सीएम रघुवर दास सदन से लेकर संथाल तक उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है। अब बात बर्दाश्त से बाहर है, इसलिए उन्होंने अब कानून का सहारा लिया है। उनका ये भी कहना है कि सीएम/शासक का आचरण इस कदर आज है कि वे उनके आचरण से मर्माहत है, इतनी ओछी व निचली स्तर की बातें सीएम रघुवर कर रहे हैं, जिससे पूरे राज्य का सम्मान प्रभावित हो रहा है, क्या सीएम की ये भाषा है?
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनके बदौलत वे नेता प्रतिपक्ष नहीं बने हैं, बल्कि जनबल के बदौलत है, अगर उनकी भाषा नेता प्रतिपक्ष के लिए ऐसी है तो जनता के लिए कैसी होगी? इधर इस संबंध में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखण्ड को पत्र लिखा है, तथा सीएम रघुवर दास द्वारा नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन को मिहिजाम की सभा में गाली दिये जाने के विरोध में सुंसगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।