राजनीतिक पराक्रम व शौर्य के साथ पहली बार झारखण्ड में हेमन्त सोरेन के रुप में आदिवासी CM का प्रार्दुभाव
झारखण्ड राज्य निर्माण के 19 साल बाद अपने राजनीतिक पराक्रम व शौर्य के साथ पहली बार झारखण्ड में आदिवासी मुख्यमंत्री का प्रार्दुभाव हुआ। नाम है – हेमन्त सोरेन। जिन्होंने आज 11 वें मुख्यमंत्री के रुप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। ऐसे तो राज्य में बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा एवं खुद हेमन्त सोरेन भी मुख्यमंत्री बन चुके हैं, पर इनमें ज्यादातर नेता केन्द्र या राष्ट्रीय पार्टियों की कृपा पर मुख्यमंत्री बने।
पर आज हेमन्त सोरेन की जो ताजपोशी हुई, उसमें किसी केन्द्र या राष्ट्रीय पार्टी की कृपा नहीं, बल्कि इसमें हेमन्त सोरेन की राजनीतिक पराक्रम, कौशल, व शौर्य की प्रमुखता है, क्योंकि हेमन्त सोरेन ने पहली बार अपनी पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बना डाला, झामुमो के 30 सदस्य आज सदन में मौजूद है, और हेमन्त सोरेन बहुत जल्दी राष्ट्रीय क्षितिज पर चमके भी हैं।
हमने हेमन्त सोरेन को नजदीक से देखा है, हमारी पहली मुलाकात धनबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर वन पर बने अतिथिगृह में हुई थी, जब मैं सन् 2000 में दैनिक जागरण धनबाद में कार्यालय प्रभारी के रुप में कार्यरत था, हमें याद हैं, उस वक्त अमितेश सहाय ने मुझे इनसे मिलवाया था और कहा था कि आप दिशोम गुरु शिबू सोरेन के बेटे हैं।
तब से लेकर आज तक जब भी देखा, हेमन्त सोरेन उसी तरह दिखे, कोई घमंड नहीं, कोई दिखावा नहीं, सबके लिए सरल-सहज उपलब्ध, यहीं हेमन्त सोरेन की विशेषता हैं, और मैं चाहूंगा कि ये बरकरार रहे। आश्चर्य है राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर जितने भी अखबार व चैनल हैं, वे 22 दिसम्बर तक सभी यहीं कह रहे थे कि राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही हैं, रघुवर की सरकार बनने जा रही हैं, पर मेरा मन मानने को कभी तैयार ही नहीं हुआ।
क्योंकि जब हम कही निकलते तो लोगों का हुजूम, लोगों का जोश, लोगों का हेमन्त के प्रति उमड़ता प्यार, कुछ और ही हमसे कहता, इसलिए विद्रोही24.कॉम ने डंके की चोट पर कहा कि अबकी बार हेमन्त सरकार, जो लोग विद्रोही24.कॉम के नियमित पाठक हैं, वे इस बात को जानते है, कुछ लोग ऐसा लिखने पर हमें झामुमो का समर्थक व कार्यकर्ता तक कहकर सोशल साइट पर अनाप-शनाप बकते, पर मैं उन पर ध्यान नहीं देता, क्योंकि जब आप सच बोलते हैं तो आपको ये सब सुनने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
मैं यह भी जानता था कि जिस प्रकार रघुवर सरकार ने अपनी इमेज जनता के बीच बना ली हैं, उस इमेज को हेमन्त बखूबी भुना रहे हैं, और लीजिये अंत में जो भाजपा लोकसभा की 14 में से 12 सीटें जीती थी, वह विधानसभा चुनाव में 25 तक सिमट गई और ये सब हुआ हेमन्त सोरेन की कड़ी मेहनत, जनता के प्रति समर्पण तथा अपने विरोधियों व समर्थकों के प्रति भी प्रेम का प्रदर्शन ने।
जो लोग दुमका के दिन मतदान के दौरान जब भाजपा प्रत्याशी लुईस मरांडी के साथ उनका मिलना हो रहा था, वो फोटो देखे होंगे तो पता लग जायेगा कि हेमन्त सोरेन क्या है? हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ उनके द्वारा जो एससीएसटी थाने में केस दर्ज करवा दिया गया था, उसे वापस लेने की उनकी बात बहुत कुछ कह देती है कि वे किस मिट्टी के बने हैं?
हालांकि पूर्व की रघुवर सरकार ने उनके सामने ऐसी-ऐसी दिक्कतें खड़ी कर दी हैं कि उन दिक्कतों को सामना करना ही बड़ी चुनौती हैं, पर जनता को विश्वास है कि इन सारी चुनौतियों पर हेमन्त विजय प्राप्त करेंगे, क्योंकि आज मोराबादी में जो लोगों का उमंग, उत्साह व जोश देखने को मिला, वो बताता है कि जनता की आशाएं हेमन्त से कुछ ज्यादा हैं और आशीर्वाद तो निहित है ही, उस आशीर्वाद के क्या कहने। हेमन्त जी, आपको विद्रोही 24 डॉट कॉम की ओर से ढेर सारी बधाइयां।