मुख्यमंत्री के रुप में बहुत तेजी से लोकप्रियता की ओर अग्रसर हुए हेमन्त सोरेन
आम जनमानस में हेमन्त सोरेन मुख्यमंत्री के रुप में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, अगर लोकप्रियता का ग्राफ इसी तेजी से रहा, तो जान लीजिये अगले विधानसभा चुनाव में भी हेमन्त की सत्ता बरकरार रहेगी। हेमन्त की लोकप्रियता केवल जनता के बीच ही नहीं, बल्कि उन राजनीतिक दलों में भी बहुत तेजी से हो रही हैं, जो भाजपा को पसन्द नहीं करते या भाजपा को बहुत ही पसन्द करते हैं। कारण पूछने पर सभी यही कहते है कि उनकी विनम्रता, बेहतर कुछ करने की सोच तथा सबको एक साथ ले चलने की कोशिश सबको भा रही है।
रांची विश्वविद्यालय की छात्रा कंचन बताती है, उसे हेमन्त सोरेन बहुत पसन्द है, उसका मूल कारण हैं, जनता की समस्याओं को चुटकी में हल करने की उनकी प्लानिंग। अब जरा देखिये, इस काम के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र चलवा रहे थे, और उसमें करोड़ों फूंक रहे थे, उससे आम जनता को तो लाभ कुछ नहीं हुआ, पर जो लोग इससे जुड़े थे, वे जरुर बन गये, यहां जो लड़कियां काम करती थी, उन लड़कियों में से कुछ ने तो यहां हो रहे गड़बड़ियों पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिख दी।
अब सवाल उठता है कि आज के तकनीकी युग में जहां टिवटर तथा अन्य सोशल साइट हैं, अगर आम जनता को कोई दिक्कत हैं, और वह सीधे मुख्यमंत्री से जुड़कर अपनी समस्याएं चुटकी में हल करवा रहा हैं तो ये भी सुनिश्चित है कि उसके दिल से हेमन्त सोरेन के लिए दिल से दुआ ही निकलेगी, यही काम करने का ढंग कंचन को बहुत भा रहा है।
अवकाश प्राप्त सरोज प्रसाद बताते है कि पहले उन्हें झामुमो के नाम से ही चिढ़ होती थी, वे हमेशा भाजपा के समर्थक व वोटर रहे हैं, पर इस युवा नेता हेमन्त ने अपनी ओर ध्यान आकृष्ट किया है, बहुत सारे लोगों ने उनके दिलों-दिमाग में हेमन्त सोरेन और झामुमो के बारे में गलत बातें डाल दी थी, पर जिस प्रकार से खूंटी के बेकसूरों पर पिछली सरकार ने राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करवा दिया था, उसे सत्ता में आते ही, उन्होंने हटवाया तथा हाल ही में किसी भी हालत में कानून-व्यवस्था को चुनौती देनेवालों के खिलाफ उन्होंने शिकंजा कसा, हमें लगता है कि हम सुरक्षित शासन में हैं, हेमन्त को हमारा आशीर्वाद प्राप्त है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शादी के बाद नई दुल्हन के पांव देखे जाते हैं, ठीक उसी प्रकार नई-नई सत्ता संभाल रही सरकार के नये-नये फैसले देखे जाते हैं, और हेमन्त सरकार के फैसलों व संकल्पों को देख लगता है कि जनता के बीच हेमन्त सोरेन की लोकप्रियता और बढ़ेगी, क्योंकि जिस प्रकार धनबाद के तीन हजार लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा लगा और उस पर जिस तरह उन्होंने एक्शन लिया।
ठीक इसी प्रकार महिलाओं के सम्मान को लेकर बलात्कार और पोस्को एक्ट के लंबित मामलों पर त्वरित सुनवाई और जल्द से जल्द फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय की प्रशासनिक स्थापना करने की बात की, सीएनटी-एसपीटी पर अपना पक्ष रखा, तथा सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सरकार की नीति व नीयत का खुलासा किया, भला ऐसे फैसले को कौन गलत ठहरायेगा।
राजनीतिक पंडितों का तो ये भी कहना है कि राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हेमन्त सोरेन का श्वेत पत्र जारी करने का फैसला भी लोगों को रास आ रहा है, इसमें देर भी नहीं होना चाहिए, राज्य सरकार को आगामी 2020-21 के बजट के पूर्व राज्य की जनता के समक्ष यह श्वेत पत्र आ जाना चाहिए, ताकि लोग अपने होनहार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथी उड़ाने की कला को और बेहतर ढंग से समझ सके।
रही बात सरकार के पूरे फार्म में आने की, तो अभी समय नहीं गया है, जल्द ही सरकार पूरी फार्म में भी आयेगी, पर जनता को इतना जरुर भरोसा हो गया कि हेमन्त जनता को गुमराह नहीं करेंगे, वे हाथी नहीं उड़ायेंगे, जनता और झारखण्ड दोनों को नई दिशा देंगे, आदिवासियों-दलितों और सवर्णों में भी जो गरीब लोग है, उसकी भी सुध लेंगे, तथा पूर्व की सरकार द्वारा जो जनविरोधी फैसले लिये गये, जिससे झारखण्ड की बदनामी हुई, उस पर एक्शन जरुर लेंगे।