झारखण्ड में CAA के खिलाफ हुए भारत बंद का कोई असर नहीं, जनता ने बंद समर्थकों को नहीं दिया साथ
झारखण्ड में CAA के खिलाफ हुए भारत बंद का कोई असर नहीं है। पूरे प्रदेश में व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुले हुए हैं। सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में भी पठन-पाठन का कार्य प्रतिदिनों की तरह जारी हैं, कुछ स्कूलों में सरस्वती पूजा की तैयारी में छात्र व शिक्षक पूरी तरह तन्मयता से जूटे दिखे।
राजधानी रांची में भारत बंद को लेकर राज्य सरकार ने अच्छी व्यवस्था की थी। आम लोगों को बंद से किसी प्रकार की तकलीफ न हो, इसका विशेष ख्याल रखा गया। मुस्लिम बहुल इलाकों में बंद का कुछ हल्का प्रभाव दिखा, जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित खादगड़ा बस पड़ाव और कांटा टोली से एक भी बस नहीं खुली, जबकि सरकारी बस स्टैंड पर बंद का कोई प्रभाव नहीं दिखा, वहां से आम दिनों की तरह गाड़ियां अपने गंतव्य की ओर निकली।
कुल मिलाकर आज का बंद हिन्दू-मुसलमान के नाम पर बंटता दिखा। कहने को तो आज के बंद को बहुजन क्रांति मोर्चा ने आयोजित किया था, पर पूरे झारखण्ड में यह बंद हिन्दू-मुसलमान का रुप लेता दिखा। ज्यादातर लोगों का कहना था कि यह बंद मुसलमानों द्वारा बुलाया गया है, जिसका विरोध होना चाहिए, कई इलाकों में इसके कारण भी लोगों ने जान-बूझकर व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले रखा, जमकर खरीदारी भी की।
जबकि यह बंद हिन्दू-मुसलमान के नाम पर नहीं, सीएए के विरोध में बंद एक संगठन ने बुलाया था, जिसका मौन समर्थन करीब-करीब भाजपा और उनके अनुषांगिक संगठनों को छोड़कर, सभी ने दे रखा था, सोशल साइट पर इस बंद का विरोध करने के लिए कुछ संगठनों ने अभियान चला रखा था, जिसका प्रभाव यहां रांची में जबर्दस्त रुप से दिखा।
झारखण्ड के प्रमुख शहरों जैसे धनबाद, जमशेदपुर, डालटनगंज में यहीं स्थिति रही, कही पर बंद का असर नहीं दिखा। आम तौर पर सड़कों पर वाहन रोज की तरह चले। सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज खुले रहे। सरकारी व निजी कार्यालयों में काम आम दिनों की तरह होते दिखे।