रांची में धर्मांधों के गालों पर कोरोना ने कस कर दिया तमाचा, झारखण्ड भी कोरोना के चपेट में, जिन्हें स्थिति संभालनी हैं, वे खुद कर रहे नियमों की अवहेलना
रांची में कोरोना की दस्तक इस बात के संकेत हैं कि अगर सरकार, प्रशासनिक अधिकारी व जनता ने समझदारी नहीं दिखाई, तो झारखण्ड में स्थिति भयावह हो सकती हैं, कल तक जिन्हें लग रहा था कि झारखण्ड अभी तक कोरोना मुक्त हैं, उन्हें आज की रिपोर्ट ने गहरा धक्का पहुंचाया हैं, साथ ही जो लोग कल तक झारखण्ड की जांच रिपोर्ट पर अंगूली उठा रहे थे कि यहां कोरोना की जांच ठीक से नहीं हो रही हैं, जिस कारण कोरोना की सही तस्वीर नहीं मिल रही हैं, उन्हें भी आज कोरोना पोजिटिव की रिपोर्ट ने जरुर संतुष्ट किया होगा कि यहां भी कोरोना की जांच सही ढंग से हो रही हैं।
जैसे ही राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के द्वारा इस बात की जानकारी मिली कि कल हिन्दपीढ़ी थाना क्षेत्र के बड़ी मस्जिद से जिन 22 लोगों को खेलगांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया हैं, उनमें से एक कोरोना पाजिटिव पाया गया हैं, लोगों की नींद उड़ गई। ज्ञातव्य है कि इन 22 लोगों में 17 विदेशी नागरिक हैं, जिनमें आठ मलेशिया, तीन इंग्लैंड, दो वेस्टइंडीज, एक हॉलैंड, एक बांगलादेश, दो अफ्रीका तथा तीन दिल्ली, एक गुजराती और एक महाराष्ट्र से हैं, जिन्हें आइसोलेशन में रखा गया था, आज जिस मलेशियाई युवती को कोरोना पॉजिटिव पाया गया, उसे रांची के रिम्स में भर्ती करा दिया गया।
इधर बिहार-झारखण्ड के कई इलाकों की मस्जिदों से बड़ी संख्या में ये विदेशी मुस्लिम नागरिक मिल रहे हैं, जिसको लेकर स्थानीय लोग भी आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि हाल ही में पटना, फिर झारखण्ड के रड़गाव और अब रांची की एक बड़ी मस्जिद से विदेशी मुस्लिम पकड़े गये। आखिर ये क्यों यहां हैं? किसी को पता नहीं चल रहा, हालांकि पुलिस अब इन सारी मामलों की जांच कर रही हैं।
कमाल यह भी हैं कि पूरे देश में कोरोना को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार कैंपेन चला रही हैं, पर झारखण्ड में हेमन्त मंत्रिमंडल में शामिल संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम खुद लॉकडाउन का कल मजाक बनाकर रख दिया, जब उसने अजीम शेख के कहने पर रांची के डीसी को पत्र लिख दिया और रांची के डीसी महिमापत रे ने पीएम मोदी और सीएम हेमन्त की बातों को नजरंदाज कर रांची से पाकुड़ और साहेबगंज के लिए बसें खुलवा दी, अब इन बसों में कौन लोग थे, बताने की जरुरत नहीं, दिमाग लगाइये, सब पता लग जायेगा।
कहने का तात्पर्य हैं, जिन्हें लॉकडाउन का अक्षरशः पालन करवाना हैं, वे जब खुद कानून तोड़ने का काम करेंगे, नियमों को नहीं मानेंगे तो आम जनता तो आम जनता ही हैं। हालांकि सीएम हेमन्त सोरेन ने राज्य के मुख्य सचिव से इस संबंध में संज्ञान लेने व कार्रवाई करने को कहा हैं, क्या कार्रवाई होती है, फिलहाल सभी का नजर उसी ओर हैं।
लेकिन जो झारखण्ड की स्थिति हैं, यहां का स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन जिस प्रकार लुंज-पूंज स्थिति में हैं, हमें संदेह है कि यहां कोरोना पर विजय पाने में हम समर्थ होंगे, क्योंकि सबसे पहले सभी को केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना ही होगा। राज्य में जो प्रशासनिक सेवा में हैं, उन्हें भी आम और खास में विभेद करना बंद करना होगा, सभी को एक समान सुविधा देना होगा तथा कानून का पालन कराना होगा, नहीं तो जिस प्रकार से कोरोना चुपके से कदम बढ़ा रही हैं, वो खतरनाक हैं।
अंत में, राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों/पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारियों से एक सवाल पूरे राज्य के विभिन्न मस्जिदों में इतनी बड़ी संख्या में विदेशी मुस्लिम कर क्या रहे हैं? आखिर इसकी जानकारी इन्हें क्यों नहीं थी? यहां का खुफिया विभाग कर क्या रहा हैं? कुछ सवाल ऐसे लोगों का बचाव कर रहे उन लोगों से जो धर्मांधता के शिकार हैं, वे खुद बताएं कि जो विदेशी महिला आज कोरोना पाजिटिव पाई गई, आखिर उससे किन्हें नुकसान होगा? आपको ही न।
तो फिर ये बात समझ में क्यों नहीं आती। मंदिर बंद, चर्च बंद तो फिर मस्जिद में ये सब क्या हो रहा हैं, अभी भी वक्त हैं, संभलिये, हिन्दू-मुसलमान मत करिये, मानवता के लिए खतरा मत बनिये, मिलजुलकर सरकार का सहयोग करिये, बाल का खाल मत निकालिये, मिलकर एक नये वातावरण बनाएं, कोरोनामुक्त भारत बनाएं, नहीं तो आनेवाली पीढ़ी आपको कभी माफ नहीं करेगी, इसे गांठ बांध कर रख लीजिये।
त्वरित निष्पक्ष निर्णय लेने की जरूरत..
Lockdown में भीड़ लगाने वाले चिरकुटों को अंदर रखें..🙏