कोरोना संकट में जरूरतमंदों की सेवा कैसे की जाती हैं, अगर यह सीखना है, तो योगदा संन्यासियों से सीखिये
कोरोना संकट में जरुरतमंदों की सेवा कैसे करनी चाहिए, अगर यह ईमानदारी से सीखना हैं तो योगदा सन्यासियों से सीखिये, इस भयंकर महामारी में सारे प्रमुख कार्यों को छोड़, इन संन्यासियों ने योगदा सत्संग आश्रम के अंदर ही खुद सहायता पैकेट तैयार कर रहे हैं तथा इन सहायता पैकेटों को जरुरतमंदों तक खुद ही पहुंचा रहे हैं, आश्चर्य इस बात की भी है कि वे स्वयं के द्वारा किये गये इस सेवा कार्य का ढोल भी नहीं पीट रहे, जैसा कि और स्वयसेवी/राजनीतिक/एनजीओ से जुड़ी संस्थाएं करती है।
फिर भी कहा जाता है न कि अगर आप कोई भी कार्य करते हैं, तो वे कार्य के प्रतिफल आप तक स्वयं ही पहुंच जाते हैं, वहीं चीजें योगदा संन्यासियों को स्वतः प्राप्त हो जा रही है। पिछले कई दिनों से विद्रोही24 डॉट कॉम की नजर योगदा सत्संग आश्रम द्वारा चलाये जा रहे इस दिव्य कार्य की ओर हैं, जिसे वो सामान्य जन तक समाचार के माध्यम से पहुंचा रहा है।
श्री श्री परमहंस योगानन्द के जीवनादर्शों पर चलते हुए योगदा सत्संग के संन्यासी इन दिनों आश्रम परिसर में सहायता पैकेट बनाने में लगे हैं। वे पिछले तीन दिनों में डेढ़ टन चावल, आठ-आठ सौ किलो दाल और आलू, 400 किलो प्याज, दो सौ लीटर सरसों तेल, दो सौ किलो नमक, 20 किलो हल्दी पाउडर, 7,200 नहाने के साबुन, 5,700 कपड़े धोने के साबुन और 3,800 फेस मास्क के अलग-अलग पैकेट बनाकर 1,500 जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध करा चुके हैं।
यह सहायता सामग्री शनिवार से सोमवार तक धुर्वा क्षेत्र के जगन्नाथपुर व जोन्हा के गांवों में आश्रम के संन्यासियों एवं सेवकों द्वारा वितरित की गई। योगदा संन्यासी बताते हैं कि परमहंस योगानन्द ने पीड़ित और जरूरतमंद मानव समाज की आसक्तिरहित सेवा की पुरजोर हिमायत की थी। उन्होंने नसीहत दी थी कि आध्यात्मिक उन्नति का सीधा मतलब है कि अक्लमंदी और ईमानदारी के साथ ऐसे कार्य किये जाने चाहिए, जो स्वयं को और समाज दोनों को लाभ पहुंचाएं।
परमहंस योगानन्द ने समुचित व्यवहार, सौहार्द, स्वास्थ्य और मानव जीवन के अनुकूल कार्यों की वकालत की थी। इसी पर अमल करते हुए योगदा आश्रम विश्वव्यापी ‘कोरोना आतंक’ के बीच केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों, बीमारों और बेरोजगारों को आवश्यक खाद्य और स्वच्छता सामग्री उपलब्ध कराने की मुहिम चला रहा है।
आश्रम सू़त्रों ने बताया कि लॉकडाउन आदर्शों का समुचित पालन करते-कराते हुए शनिवार से लेकर सोमवार तक वितरित उक्त सहायता सामग्री के पूर्व गुजरे दो हफ्तों में रांची और आसपास के क्षेत्रों में 500 किलो चावल, एक-एक टन आलू और प्याज, 250 लीटर सरसों तेल, 13 हजार साबुन टिकिया और तीन हजार फेस मास्क जरूरतमंदों को उपलब्ध कराये गये थे।
योगदा आश्रम ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों तथा दैनिक मजदूरी से वंचित लोगों को सहायता सामग्री उपलब्ध कराने का अभियान जारी रखने की बात दोहराई है। आश्रम ने यह अपील भी की है कि उसके इस अभियान में जो कोई भागीदार बनना चाहता है, वह योगदा सत्संग आश्रम के वेबसाइट पर दान कर सकते हैं।