अपनी बात

भाजपाइयों ने शुरु की उपवास की नौटंकी, अपना दीदा देखने के बजाय, CM हेमन्त को नीचा दिखाने की कोशिश

भाजपाइयों ने राज्यस्तर पर उपवास की नौटंकी शुरु कर दी है। इस नौटंकी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश तथा अन्य भाजपाई नेता भी शामिल है, इसमें वे भी शामिल है, जो जूम्मे-जूम्मे एक-दो महीने हुए, भाजपा में शामिल हुए हैं। ये भाजपाई अपने-अपने घरों में, सोफे पर बैठ मुंह पर मास्क लगाए हुए हैं, तो कोई बिना मास्क लगाये, दिवारों पर उपवास का पोस्टर चिपकाकर बैठा है, तथा अपने-अपने मातहतों से इन फोटो को वायरल भी करा रहा है।

इन वायरल फोटो के माध्यम से ये वो चीजें बताने की कोशिश कर रहे है, जैसे लगता है कि झारखण्ड की जनता की सर्वाधिक पीड़ा अगर किसी को हैं, तो बस इन्हें ही हैं, जबकि राज्य का आर्थिक ढांचा किसने कैसे बिगाड़ा? हेमन्त सोरेन सरकार को आर्थिक मुद्दे पर क्यों विधानसभा में श्वेत पत्र जारी करना पड़ा, जो लोग श्वेत पत्र को देखे या पढ़ें हैं, वे सभी जानते हैं।

सच्चाई यह है कि राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है, उसके बावजूद भी राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनके मंत्रिमंडल द्वारा जिस प्रकार से राज्य की जनता की सेवा की जा रही हैं, उसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है। हेमन्त सरकार द्वारा राज्य के प्रमुख पदों पर जैसे मुख्य सचिव पद पर सुखदेव सिंह और पुलिस महानिदेशक के पद पर एमवी राव को लाकर, जिस प्रकार बेहतर प्रशासन से राज्य की जनता को सेवा उपलब्ध कराया जा रहा हैं, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है।

सच देखा जाय, तो वर्तमान समय राजनीति करने का नहीं और न ही किसी को नीचा दिखाने का है। वर्तमान समय सिर्फ और सिर्फ राज्य की जनता को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने का है, इसमें कोई दो मत नहीं कि कई स्थानों पर भाजपा नेताओं ने मोदी आहार के नाम पर लोगों को भोजन उपलब्ध कराये, पर ये भाजपा नेता ये न भूले कि उन्होंने इस कोरोना काल में अपने ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वास और उनके सपनों को भी तोड़ा हैं।

लॉकडाउन काल में दिल्ली से रांची और दिल्ली से धनबाद आने वाले भाजपा सांसद संजय सेठ और पीएन सिंह को तो इस प्रकार की राजनीति करने का कोई हक ही नहीं, निशिकांत दूबे जैसे नेता जो कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का नाम अपने सोशल साइट पर डाल देते हैं, अगर ऐसे नेता इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो साफ पता लग जाता है कि यह नौटंकी के सिवा कुछ भी नहीं। ऐसे भी आम जनता जानती है कि झारखण्ड में फिलहाल भाजपा की नौटंकी ही चल रही है।

सच्चाई यह भी है कि पीएम मोदी से वार्ता के दौरान, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने जो उपकरण मांगे, जो सुविधाएं मांगी, वो अभी भी उपलब्ध नहीं हो सकी हैं, झारखण्ड के जो लोग बाहर में फंसे हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से कोई भी ऐसे प्रयास नहीं छोड़े हैं, जिसको लेकर कोई अंगूली उठा सकता है, पर ऐसे महामारी के समय में भाजपा जैसी राजनीतिक दल और उसके नेता उपवास की नौटंकी कर, राज्य सरकार को सहयोग करने के बजाय, उसका राजनीतिक लाभ लेना शुरु कर दें, तो आम जनता की नजरों में ये खुद ब खुद गिर जायेंगे, इसके लिए किसी को ज्यादा दिमाग लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

अभी आंदोलन या उपवास या किसी को नीचा दिखाने की जरुरत ही नहीं थी, अभी तो राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग करने का समय था। अच्छा रहता ये नेता केन्द्र और राज्य के बीच सेतु का काम करते हुए, अपने लोगों को सेवा करने का एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करते, पर जिस प्रकार से उपवास की नौटंकी शुरु की है, वो साफ लगता है कि इससे उनके चेहरे खुद बदरंग हुए हैं।

राज्य के हेमन्त सरकार को अब चाहिए कि ऐसे लोगों पर विश्वास न करें, खासकर भाजपा जैसी पार्टियों से तो एकदम नहीं, क्योंकि ये हर चीज में राजनीतिक लाभ लेने का काम करेगी, इसलिए अभी राजनीति को दूर किसी खूंटी में टांगकर एकमात्र कार्य जनसाधारण को सेवा करने के व्रत को पूरा करने का हैं, जल्द ही वो समय भी आयेगा कि हम झारखण्ड के लोग एक बेहतर दिशा में आगे बढ़ेंगे और कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे।

जरुरत हैं, राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे, कोई भूखा न सोए, जो बाहर में हैं, उनसे संपर्क बना रहे और उन्हें भी जरुरत की वो सारी चीजें उपलब्ध हो, जो जीने के लिए जरुरी है, आम जनता सब देख रही हैं, कोई प्रचार-प्रसार की जरुरत नहीं, आप विजय होंगे, हमें पूरी आशा है।