अपनी बात

भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने रांची के हिंदपीढ़ी को बताया कोरोना की दुकान, कांग्रेस ने की कड़ी आलोचना

भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही के एक विवादित बयान ने पूरे झारखण्ड में एक बार फिर बवाल मचाने का काम किया है। भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने ट्विवटर पर रांची के हिंदपीढ़ी मुहल्ले को कोरोना की दुकान कहकर संबोधित किया है। शाही ने ट्विटर पर लिखा है कि “कोरोना की दुकान हिंदपीढ़ी को बंद नहीं करा पा रही हेमन्त सरकार तो राज्य कैसे चला पायेगी, इस बात की चिन्ता है? ये आपकी कमजोरी है या मजबूरी।”

भानु प्रताप शाही के इस बयान की कांग्रेस पार्टी ने कड़ी आलोचना की है, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने अपने बयान में कहा है कि रांची के हिंदपीड़ी इलाके को कोरोना की दुकान बताने वाले भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इस आपातकाल के समय में भी भाजपा साप्रदायिक जहर घोलने से बाज नहीं आ रही है।

सच तो यह है कि पूरे देश में भाजपा सांप्रदायिक वायरस फैला रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 जैसे खतरनाक महामारी के दौरान अपने घर में बैठकर मक्खनरोटी तोड़ने वाले भानु प्रताप शाही एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को यह भी बताना चाहिए कि संकट में पड़े प्रवासी श्रमिकों और जरूरतमंद परिवारों के लिए ओछी व घटिया राजनीति के तहत उन्होंने अपने आवास में धरना देने को छोड़कर ऐसा कौन सा काम किया है, जिससे राज्य की जनता उन पर भरोसा करें।

आलोक दूबे ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि देश के विभिन्न हिस्सों में श्रमिकों व छात्रों को वापस लाने के नाम पर रेलवे द्वारा मुनाफा कमाने के खिलाफ भानु प्रताप शाही को आवाज उठानी चाहिए थी। महामारी के इस दौर में भाजपा के साम्प्रदायिक चरित्र एवं घटिया राजनीति को देश एवं झारखण्ड कभी माफ नहीं करेगा।

इधर राजनीतिक पंडितों का भी मानना है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में किसी भी पार्टी को इस प्रकार के बयान देने से बचना चाहिए, क्योंकि अभी सबका लक्ष्य कोरोना पर विजय पाना है, अगर इस प्रकार के बयान आते रहे, तो लोगों में आक्रोश फैलेगा, तथा कोरोना पर विजय पाने में मुश्किलें आयेगी, क्योंकि पिछले दो दिनों से झारखण्ड के किसी भी कोने से कोरोना के एक भी मरीज सामने नहीं आये हैं, ऐसे में माहौल शांत रहे, कही कोई शांति में खलल न पड़े, इसके लिए हर को प्रयास करने होंगे, विवादास्पद बयान से सभी बचे, ये झारखण्ड के हित में है।