आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर थाने में माफी मांगनेवालों में, पूर्व मुख्यमंत्री का प्रेस सलाहकार रह चुका एक पत्रकार का भी नाम
कल यानी 25 मई को “प्रभात खबर” ने अपने यहां “पहले आपत्तिजनक टिप्पणी अब थाने में मांग रहे माफी” नामक शीर्षक से एक खबर छापी। इस खबर में अखबार ने एक सूची भी जारी की है। अखबार का कहना है कि इस सूची में उन लोगों के नाम है – जो आपत्तिजनक पोस्ट के बाद माफी मांग कर पोस्ट डिलीट कर चुके हैं।
इस सूची में राज्य के एक पूर्व भाजपाई मुख्यमंत्री के शासनकाल में मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार रह चुके एक व्यक्ति का भी नाम है। अगर अखबार ने अपने समाचार में सत्य को लिखा है, तो समझ लीजिये, यह किसी भी पत्रकार या प्रेस सलाहकार रह चुके व्यक्ति के लिए शर्मनाक है, क्योंकि आप ने स्वीकार किया कि आपने अपराध किया, तभी तो माफी मांगी और पोस्ट डिलीट किया।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि किसी पत्रकार या पूर्व में प्रेस सलाहकार रह चुके किसी भी व्यक्ति के द्वारा किया गया इस प्रकार का अपराध ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, ऐसा लोग कहते हैं, जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में भी घून लग जाये तो फिर स्थिति विकट हो जायेगी, क्योंकि पत्रकारों को बुद्धिजीवियों में रखा गया है, क्योंकि उनकी बातों को जनता हाथों-हाथ लेती हैं।
राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि हमारे शास्त्र कहते हैं “अक्षरेति परं ब्रह्म” प्रत्येक अक्षर में परब्रह्म का वास है, इसलिए अक्षरों से बने शब्द किसी भी अस्त्र-शस्त्र से ज्यादा प्रभावशाली या मारक होते हैं, अगर इन शब्दों का प्रयोग समाज व देश के निर्माण में किया गया तो यह सही है, पर इसका गलत प्रयोग किया गया तो यह खतरनाक है।
राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि अखबार में छपी समाचार को आधार बनाएं तो संभवतः झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां एक पूर्व मुख्यमंत्री का प्रेस सलाहकार रहा व्यक्ति इस प्रकार के मामले में थाने का चक्कर लगाया है और उसे सफाई देनी पड़ रही है, तथा उसने अपने पोस्ट को डिलीट किया। इसका मतलब राज्य में कानून-व्यवस्था पटरी पर हैं, और किसी को छोड़ा नहीं जा रहा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, इसके लिए हेमन्त सरकार और उनके प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करनी ही होगी।
अखबार ने समाचार में लिखा है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करनेवाले अब थाने में जाकर माफी मांग रहे हैं। इसके साथ ही पोस्ट को डिलीट कर भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं करने का आश्वासन भी दे रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के तहत धारा 107 के तहत कार्रवाई भी की जा रही है।
अखबार यह भी कहता है कि रांची पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान अभी तक साधारण प्रवृत्ति के आपत्तिजनक पोस्ट के मामलें में 52 लोगों को नोटिस भेजा गया था, इनमें से सभी लोग थाना आकर माफी मांगने के बाद पोस्ट डिलीट कर चुके है।
क्षमा करेंगे श्री मान लेकिन आप भी वर्तमान सरकार की हद से अधिक ही प्रशंसा कर रहे हैं। सरकार के 4 माह ही हुए हैं। आप ऐसी प्रशंसा जर रहे हैं जैसे इस सरकार में सबकुछ ठीक नही बहुत ठीक चल रहा है। उम्मीद तो आपसे भी की जाएगी कि निष्पक्ष बोलिये। हम जहाँ रहते हैं। वहाँ तो सरेआम उल्टी चोर कोतवाल को ठेंगा दिखाता है। पुरानी सरकार से इतना क्षुब्ध मत हो जाइए की अपने लिए कर्ण जैसी भूमिका में खड़े हो जाइए।