कोरोना काल में शानो-शौकत में जीवन व्यतीत करनेवाले केलेवाले भाई के घर दीपक के लिए वोटों की जुगाड़
जिस राज्य में ऐसे शानो-शौकत से जिंदगी बसर करनेवाले नेता होते हैं। वहां की जनता भूखों मरने और पलायन करने के लिए मजबूर होती हैं। वहां के संसाधनों पर दूसरे देशों/राज्यों के निवासियों का कब्जा होता है। वहां के निवासी स्वास्थ्य सेवा के लिए दूसरे राज्यों के चिकित्सालयों पर निर्भर रहते हैं। वहां के निवासी दूसरे राज्यों के नगरों/महानगरों में रहनेवाले संभ्रांत व धनाढ्य परिवारों के जूठन साफ करने का काम करते है।
ऐसे में ही, जब कोरोना जैसी बीमारी देश में फैलते हुए, झारखण्ड में दस्तक देती हैं, तो दूसरे राज्यों में शोषित होनेवाली राज्य की जनता बेहाल होकर, अपने इन नेताओं को टुकूर-टुकूर देखती हैं, पर इन नेताओं को इनसे क्या मतलब, अपनी शानो-शौकत जिंदगी जीने में ही ज्यादा समय बिताते हैं और अपने ही लोगों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं।
जरा पूछिये केलेवाले भाई साहब से, मेरा मतलब आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से कि आप जो समय-समय पर झारखण्ड की राजनीति को नई दिशा देने का ड्रामा कर, सत्ता को अपने इशारों पर नचाने का, जो शौक रखते हैं, आखिर इन्हीं शौक को बरकरार रखने के लिए, झूठा ही सही, आपने या आपकी पार्टी या आपके लोगों ने राज्य के कौन-कौन से मुहल्ले या गांवों/कस्बों में गरीब परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था की?
क्या आपका ये दायित्व नहीं बनता था कि आप अपने झारखण्डवासियों का सुध लें, अरे भाई आप आजसू है, आजसू मतलब तो आप जानते ही होंगे, पूर्व में तो कहा जाता था कि आल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन पर ये हैं भी या केवल इसे ढोया जा रहा है। जरा अब इस आर्टिकल में दिये गये फोटो को देखिये, जिसमें एक ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और नेता विरोधी दल बनने को लालायित झाविमो से भाजपा में गये बाबू लाल मरांडी और दूसरी ओर भाजपा के कथित संगठन मंत्री धर्मपाल और मुख्य स्थान पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो बैठे हैं।
यह फोटो ज्यादा दिनों का नहीं है, जरा इस फोटो को देखकर घर का अंदाजा लगाइये। वहां सजाये गये आराम दायक व विलासिता संबंधी आवश्यकताओं पर गौर फरमाएं, ये आवास के अंदर का डेकोरेशन है, और उसमें भी ये तीनों जो भाजपा के नेता, इनके घर पर बैठे हैं, वे कोरोना बीमारी से लड़ रहे राज्य की जनता को मदद पहुंचाने के विषय को लेकर गुफ्तूगूं नहीं कर रहे, ये तो गुफ्तगूं कर रहे है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (पूर्व में झाविमो में शामिल थे ) जो फिलहाल राज्यसभा का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दीपक प्रकाश को आजसू नेता का आशीर्वाद मिल जाये।
वे दीपक प्रकाश को वोट करें, ताकि दीपक प्रकाश आराम से राज्यसभा में चले जाये। दीपक प्रकाश की हाड़ में हल्दी लग जाये, उनका जीवन का बहुत बड़ा शौक पूरा हो जाये, उनके जीवन में खुशहाली आ जाये, क्योंकि राज्य की जनता के लिए कौन कितना सोच रहा हैं, वो राज्य की जनता खुब देख रही हैं, क्योंकि ये वहीं लोग हैं, जो आजसू की मदद से मोमेंटम झारखण्ड कराकर राज्य की जनता का बाजा बजवा चुके हैं, हाथी उड़वा चुके हैं, रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय स्थापित करवा कर, वहां से डिग्री प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को एटीएम गार्ड की नौकरी दिलवा चुके हैं, रांची में शंघाई टावर बनाने का सपना भी दिखवा चुके हैं और राज्य में कितना विदेशी पूंजी निवेश हुआ, उसका बंटाधार करवा चुके हैं।
कहने का तात्पर्य यह है कि अगर कोरोना के इस काल में भी इन नेताओं के अंदर चल रहे, जनता व राज्य के प्रति प्रेम के बुखार को थर्मामीटर से अब तक नहीं नापे हैं, तो आप निरामूर्ख हैं, आप यकीन मानिये, ये नेता आपके हितैषी नहीं हैं, ये स्वयं और अपने परिवार के आगे कभी सोच ही नहीं पाये हैं, नहीं तो इनकी जिंदगी इस प्रकार शानो-शौकत से नहीं बीत रही होती, क्योंकि एक कहावत है, कि दुनिया का कोई बाप, तब तक अच्छे कपड़े नहीं पहन सकता, जब तक उसका बेटा या बेटी भूखा या नंगा है, ठीक उसी प्रकार जिस देश व राज्य का नेता ऐसे शानो-शौकत से जीवन व्यतीत कर रहा हैं तो या तो उसके बाप-दादाओं की अर्जी हुई संपत्ति उसके पास हैं या पूर्व में उसके परिवार का कोई सदस्य किसी रियासत का राजा जरुर रहा होगा, नहीं तो समझ लीजिये, हम ज्यादा क्या समझाये?