अपनी बात

बदलाव की बही बयार, हेमन्त ने कई मेडिकल कॉलेजों के नाम झारखण्ड के वीर सपूतों के नाम पर रखने की घोषणा की

पूरे झारखण्ड में हर्ष एवं उल्लास के बीच आज 74वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। झारखण्ड में मुख्य समारोह हमेशा की तरह मोराबादी मैदान में मनाया गया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भारत के महान सपूतों के साथ-साथ, झारखण्ड के धरतीपुत्रों को भी बड़ी श्रद्धा के साथ याद किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखण्ड के वीर श्रमिकों ने दशकों से देश की सीमाओं पर सड़क का निर्माण अपने खून-पसीने से किया है।

वीर श्रमिकों के खून-पसीने से आज लेह लद्दाख की मिट्टी में ही नहीं, देश की रक्षा और सुरक्षा में झारखण्डवासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने झारखण्ड के इन वीर श्रमिकों के लिए रोड वॉरियर शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने इसी दौरान कहा कि सीमा की रक्षा के लिए सड़क निर्माण के दौरान झारखण्ड के वीर श्रमिक शिव ठाकुर सोरेन का बलिदान यहां के लोग हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने राज्य की जनता को विश्वास दिलाया कि जनादेश के माध्यम से जो उन्हें राज्य की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, वे उसे पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस के प्रभाव और उसके कारण राज्य की स्थिति की भी अपने भाषण में चर्चा की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि हम सभी मिलकर इस कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, निश्चय ही इस पर हम विजय प्राप्त करेंगे। उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ रहे चिकित्साकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों व स्वच्छताकर्मियों के योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना ने झारखण्ड में दस्तक दिया, उससे लड़ने के लिए जो भी उनके पास संसाधन था, उन्होंने उसका इस्तेमाल किया। लोगों को बाहर से लाना हो, लोगों की भोजन व्यवस्था करनी हो, रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने हो, सभी स्तर पर सरकार जनप्रयास से सजग रही।

उन्होंने कहा कि लगभग पांच लाख से अधिक झारखण्ड के प्रवासी राज्य से बाहर फंसे थे, राज्य सरकार ने उन्हे घर वापसी के लिए बेहतर कदम उठाएं। देश में पहली ट्रेन कोरोना काल में तेलंगाना और झारखण्ड के बीच चली और फिर शुरु हुआ, प्रवासियों को झारखण्ड लाना। जिसे पूरे विश्व ने देखा। उन्होंने कहा कि राज्य का अंतिम व्यक्ति हमारी सरकार की प्राथमिकता में सबसे उपर है।

उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध हो, तथा राज्य विकास की ओर अग्रसर हो, इन दोनों को देखते हुए, राज्य सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना चलाई है, जिसका फायदा राज्यवासी उठायेंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जल्द ही शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ नामक नई संस्था खोली जायेगी। जिसके द्वारा श्रमिकों के समस्या का निदान, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना, तथा उनके कल्याण के लिए स्कीम चालू की जायेगी।

उन्होंने घोषणा कि झारखण्डवासियों के अनुरुप पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फूल-झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एवं पाटलिपुत्रा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का नया नाम शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होगा।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने पांच हजार विद्यालयों को शिक्षक-छात्र अनुपात, प्रशिक्षक सहित खेल का मैदान, पुस्तकालय आदि सभी सुविधाओं से युक्त करते हुए सोबरन मांझी आदर्श विद्यालय के रुप में विकसित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उनकी सरकार हो, कुड़ुख व मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजेगी। जल्द ही खेल-नीति भी लागू की जायेगी। उन्होंने फिर कहा कि स्थानीय नीति को पुनः परिभाषित करने के लिए जल्द ही एक समिति का गठन किया जायेगा तथा राज्य के लोगों को 75 प्रतिशत नौकरी मिले, इसके लिए प्रयास किये जायेंगे।