CMO से कोरेन्टिन के मिले निर्देश की धज्जियां उड़ा रहे कांग्रेसी मंत्री रामेश्वर उरांव, जनता गलत करे तो FIR और मंत्री करे तो?
सीएमओ से सभी मंत्रियों को कोरेंटिन में रहने का निर्देश है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्वयं अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं। एक को छोड़ सभी मंत्रियों को चार-पांच दिन अपने घरों में ही रहने को कहा गया है। कारण यह है कि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कोरोना पोजिटिव पाये गये और उसी दिन कैबिनेट भी थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी भाग लिया था, इसलिए एहतियात के तौर पर सभी मंत्रियों को कोरेन्टिन में रहने का निर्देश दिया गया।
पर राज्य के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एक वरीय मंत्री रामेश्वर उरांव को देख लीजिये, इन पर सीएमओ के निर्देश का कोई प्रभाव नहीं दिख रहा, वे खुलकर सीएमओ के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं, शायद उन्हें इस बात का अहं होगा कि चूंकि वे कांग्रेस से हैं और कांग्रेस के सहारे ये सरकार चल रही हैं तो उन पर सीएमओ के निर्देश का क्या मतलब? कौन उसके खिलाफ बोल या एक्शन ले सकता है?
जनाब खुलकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। ये मास्क का भी ठीक से प्रयोग नहीं करते। सभी लोग मास्क से अपने मुंह नाक ढंकते हैं, स्वयं केन्द्र-राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग मास्क का प्रयोग ठीक ढंग से करने को सबसे अपील करता है, पर मंत्री रामेश्वर उरांव मास्क का उपयोग अपनी दाढ़ी बचाने में करते हैं और यही काम उनके आगे-पीछे चलनेवाले लोग करते हैं, जरा आप नीचे दिये गये फोटो को देखिये, आज ही का है,सच्चाई आपके सामने है।
अब जरा आम आदमी कोरेन्टिन का उल्लंघन करें, मास्क ठीक से न पहनें तो क्या होगा, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी, उससे जुर्माना वसूला जायेगा, पर मंत्री जी पर प्राथमिकी कौन दर्ज करेगा? उनसे और उनके लोगों से जुर्माना कौन वसूलेगा? क्योंकि सरकार में तो यही शामिल है और यहां कौन ईमानदार अधिकारी है, जो उन्हें कानून का आइना दिखाये।
एक अखबार में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी का बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत चार दिन बाद, मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों की सैंपल जांच लेकर जांच की जायेगी। इस दौरान उन्हें होम कोरेंटिन में रहने की सलाह दी गई है, पर ये क्या? जब ये कोरोना को और जगह फैला देंगे तब? पूरे देश व झारखण्ड में कोरोना की स्थिति क्या है? वह किसी से छूपा नहीं है।
पर उसके बावजूद जिस प्रकार से यहां के मंत्री कोरोना के साथ कबड्डी खेल रहे हैं, वो उनके लिए ही नहीं, बहुत लोगों के लिए महंगा पड़ सकता है, पर ये बात इनके मन-मस्तिष्क में घुसेगी तब न। कमाल है कि आज ही के अखबार में खबर है – रांची के डाक्टर समेत कोरोना से नौ की मौत, फिर भी ये सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
आज रांची के कांग्रेस भवन में मंत्री रामेश्वर उरांव ने जिस प्रकार सीएमओ के दिशा-निर्देशों का मजाक उड़ाया। कोरेन्टिन व सोशल डिस्टेन्स की धज्जियां उड़ा दी। मास्क से नाक व मुंह ढंकने के बजाय, अपनी दाढ़ी ढंक ली और जिस प्रकार पत्रकारों ने भी सोशल डिस्टेन्स की धज्जियां उड़ाई, ये बताता है कि यहां के नेता और तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग कोरोना को मजाक के रुप में ले रहा है।