झारखण्ड में दोहरा मापदंड, कोरोनाकाल में भाजपाइयों पर सख्ती, राजद व कांग्रेसियों को 14 दिन की कोरेन्टिन से मिली छूट
यही गलती कभी भाजपावाले किया करते थे हेमन्त जी। आज उस गलती के कारण भाजपा का हश्र झारखण्ड में क्या है? वह किसी से छुपा नहीं है और भाजपा का हश्र हमेशा यही रहेगा, इसकी भी कोई गारंटी नहीं, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल को ताकत तभी मिलती है, जब सत्तापक्ष सत्ता के मद में गलतियों की लंबी सूची स्वयं तैयार करने लगता है। मैं जो देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं, सत्तापक्ष की ओर से भी अब गलतियां पर गलतियां हो रही हैं, और ये गलतियां जनता को खटकने भी लगी हैं।
जनता पूछती है। भाजपा के साक्षीजी महाराज, बाबू लाल मरांडी, दीपक प्रकाश, संजय सेठ, पीएन सिंह दिल्ली से लौटे तो आपके द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन करें, 14 दिन की कोरेंटिन में जाये और कांग्रेस के उमर सिंघार आये, राष्ट्रीय जनता दल के तेज प्रताप यादव आये तो वे आपके द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए, जो मन करें वो करें, और प्रशासनिक अधिकारियों को ठेंगा दिखाते हुए चले जाये। अब सवाल आप से ही है कि ये सब कब तक चलेगा और क्यों चलेगा?
हालांकि, मैं आपके दर्द को भली-भांति समझता हूं, गठबंधन को लेकर चल रही सरकार में कैसी-कैसी दिक्कत उनके सहयोगी दल मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हैं, वो हम जानते हैं, पर कांग्रेस और राजद की ये गुंडागर्दी आप कब तक झेंलेंगे? क्योंकि इनकी गुंडागर्दी तो बढ़ती जा रही है। वे तो राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों को खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं, नहीं तो बताइये कि 5 अगस्त को झारखण्ड कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार रांची आये और 6 अगस्त को गिरिडीह और धनबाद के लिए रवाना कैसे हो गये?
फिर उसी दिन वे दिल्ली के लिए कैसे प्रस्थान कर गये, आखिर आपके प्रशासनिक अधिकारियों ने जिस प्रकार आज साक्षी महाराज को कोरेन्टिन का लागू नियम का पाठ पढ़ाया, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का समूह उमंग सिंघार और तेज प्रताप के आगे भींगी बिल्ली कैसे बन गया?
आप गिरह बांध लीजिये, लोकप्रियता और अलोकप्रियता में ज्यादा का अंतर नहीं रहता, जिसे जनता शिरोधार्य करती है, उसे पटकना भी जानती है, ठीक उसी प्रकार जैसे जब आप कुछ महीने पहले सत्ता में नहीं थे, तो आपको कौन लोग आपकी मदद करने के लिए आगे आते थे, आपको पता ही होगा, और आज आप उन्हीं को भूलकर, वैसे लोगों के साथ गलबहियां लेकर चल रहे हैं, जो आपको कही का नहीं छोड़ेंगे और फिर वहीं ले जाकर पटकेंगे, जहां आप आठ महीने पहले थे।
निर्णय आपको करना है, आप स्वतंत्र है, अगर आपने मान लिया कि आप को सब कुछ प्राप्त हो गया और इससे अधिक की आवश्यकता नहीं, तो हमारी ओर से बधाई। विपक्ष तो तैयार है ही, अपना कमाल दिखाने को और वे मठाधीश पत्रकार भी तैयार है आपको सबक सिखाने को, जो आपको किसी भी हाल में सत्ता में बैठे नहीं देखना चाहते। जिस प्रकार से भाजपा नेताओं को चून-चून कर कोरेन्टिन कराया गया और राजद व कांग्रेस के बड़े नेता खुले साढ़ की तरह झारखण्ड में घुमे हैं, उसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता।