अडानी-अंबानी की गोद में बैठनेवाले भाजपा सांसद बताए , कहां गई दत्तोपंत ठेंगरी व संघ के आदर्श – झामुमो
लोकसभा एवं राज्यसभा में बैठे भाजपा के सांसद बताए, कहां गई दत्तोपंत ठेंगरी के द्वारा बनाये गये भारतीय मजदूर संघ के आदर्श, कहां गई संघ की वो विचारधारा, आज तो भाजपा के ही लोग अडानी और अंबानी की गोद में बैठकर कारपोरेट जगत को मजबूत करने में लगे हैं, अगर थोड़ा सा भी इनमें इन दोनों के प्रति संवेदना है तो तत्काल सदन से इस्तीफा दें। ये कहना है झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के।
सुप्रियो भट्टाचार्य आज रांची में केन्द्र द्वारा प्रस्तुत कृषि एवं श्रम सुधार विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ये उनकी पार्टी का नहीं, भाजपा एवं संघ की मजदूरों की इकाई भारतीय मजदूर संघ का कथन है कि भारतीय संविधान के अशोक स्तंभ के नीचे जो लिखा है रिपब्लिक ऑफ इंडिया अब उसकी जगह कारपोरेट ऑफ इंडिया लिख देना चाहिए।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम तो विपक्ष में हैं, लोग कहते है कि विपक्ष का काम ही है, विरोध करना। अब तो भाजपा एवं संघ की मजदूर इकाई भारतीय मजदूर संघ भी केन्द्र सरकार के विरोध में वक्तव्य देने लगी है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में इस केन्द्र सरकार ने अर्थव्यवस्था और किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने का नहीं, बल्कि किसानों का ही कत्ल करने का काम किया है। वह भी इस वैश्विक महामारी में, वह भी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से मजदूरों के खिलाफ काला कानून ला दिया। आज इस काला कानून की वजह से पूरे देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मजदूरों की जिंदगी भी तबाही के कगार पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि कृषि बिल जिस प्रकार से बिना सदन में बहस कराए, बिना वोटिंग के ध्वनिमत से पारित कराया गया, वो लज्जा की बात है। भारत सरकार द्वारा लाया गया मजदूरों से संबंधित कानून अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है, क्योंकि इसमें नियोक्ता को ही सारे अधिकार दे दिये गये और मजदूरों को बेबसी के सिवा कुछ दिया ही नहीं। उन्होंने कहा कि हायर एंड फायर के अधिकार नियोक्ताओं को दे दिये गये हैं। कमाल है, केन्द्र सरकार का कमाल देखिये, उसने कहा है कि उसने मिनिमम वेजेज की व्यवस्था 176 रुपये से बढ़ाकर 178 रुपये कर दी है, अब बताइये कि इस दो रुपये की बढ़ोत्तरी से मजदूरों को क्या फायदा होगा। एक परिवार में अगर मान लिया जाय कि चार सदस्य मिनिमम हैं तो एक सदस्य को क्या मिला, मात्र पचास पैसे, तो इस पचास पैसे में क्या होगा?
उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा लाये गये कानून से अब ब्यूरोक्रेट तय करेंगे कि मजदूरों के लिए क्या सही है और क्या गलत, जबकि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। अब मालिकों को सुविधा देने के लिए इंस्पेक्टर तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून से 74 प्रतिशत कामगार बर्बाद हो जायेंगे, 70 प्रतिशत इंटरप्राइजेज फैक्ट्रियां बंदी के कगार पर चली जायेगी। लोगों को काम नहीं मिलेगा। ठेकेदारों के माध्यम से मजदूर बहाल होंगे।
उन्होंने कहा कि आज ढाई बजे दिन में भाजपा की ओर से एक रटा-रटाया तोता, जो पूर्व में स्पीकर भी रह चुके हैं, पांच साल मंत्री भी रहे हैं, वे दाल-चावल का भाव बता रहे थे। जिस यूपीए के शासनकाल में 60 रुपये लीटर पेट्रोल पर चलते थे, आज वे 85 रुपये लीटर पेट्रोल पर चल रहे हैं, वह तोता बड़ी तेज बोल रहा था। कागज देखकर बोल रहा था, कह रहा था कि एमएसपी बढ़ा दिया गया। जबकि सच्चाई क्या है? वे ये बताना भूल गये कि लोधमा का किसान लुधियाना और करनाल का किसान कर्रा कैसे पहुंचेगा? सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के लोगों को बताना चाहिए कि पंजाब के मोगा में 2100 एकड़ में फैला गोदाम अडानी ने क्यों तैयार किये है? हरियाणा के रोहतक में अम्बानी का गोदाम क्यों तैयार हैं? आज जो पंजाब व हरियाणा के किसान जो सड़कों पर उतरे हैं, वे ऐसे ही नहीं उतर गये?
उन्होंने कहा कि पिछले साल इंडियन लेबर कांग्रेस में पीएम मोदी ने जो कहा था, ठीक उसका उलटा उन्होंने सदन में कर के दिखा दिया। सुप्रियो ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में इस प्रकार के काले कानून लागू होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विकास के खिलाफ नहीं हैं, पर मजदूरों के हितों को नजरंदाज कर विकास करना उनकी पार्टी को मजूंर नहीं। उन्होंने कहा कि यह धरती नीलाम्बर-पीताम्बर, सिदो-कान्हो, फूलो-झानो आदि की धरती है। यह संघर्ष की धरती है। यह शिबू सोरेन की धरती है, उनकी पार्टी इस काले कानून के खिलाफ आंदोलन करेगी।