छठ पर सरकार की गाइडलाइन्स पर अंगूली उठानेवालों भाजपाइयों क्या केवल तुम ही हिन्दू हो, CM हेमन्त हिन्दू नहीं
छठ को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा की जा रही राजनीति पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने कड़ा प्रहार किया है। झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेताओं को आगाह किया कि वे धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का काम बंद करें। उन्होंने कहा कि यह ऐसा पर्व है, जिसको माननेवाले पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक फैले हुए हैं, इस पर्व के प्रति लोगों की श्रद्धा देखते बनती हैं।
उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी कोविड 19 में हमने बहुत सारे व्रत-त्यौहार मनाएं हैं, पर आस्था को नहीं छोड़ा और छठ पर्व भी हम उसी श्रद्धा के साथ मनायेंगे, पर भाजपा जो इस महापर्व को लेकर गंदी राजनीति शुरु की हैं, उस गंदी राजनीति को जितना जल्द हो, बंद करें। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा जो आज हेमन्त सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं, क्या उसे नहीं पता कि कोविड 19 का संकट आज भी बरकरार है, देश संकट से गुजर रहा है।
क्या भाजपा को यह भी नहीं मालूम, जब इसे 12 मार्च को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया, तब भारत सरकार ने बहुत जल्दबाजी में लोगों को बिना तैयार किये, अचानक चार घंटे में लॉक डाउन करने का काम कर दिया। जिससे लोगों के रोजगार छीन गये, अफरताफरी मच गई, लोग लहूलुहान होते हुए अपने घर की ओर लौटने लगे। इसी बीच प्रधानमंत्री ने अवैज्ञानिक तरीके से लोगों को थाली पीटने, दिये जलाने, जैसे उपहास के कार्यक्रम प्रारम्भ कर दिया। नतीजा अर्थव्यवस्था बिगड़ गई। लोगों के निवाले छीने जाने लगे। जब अर्थ व्यवस्था खराब होने लगी तब केन्द्र सरकार ने अनलॉक करना शुरु किया। सिनेमा हॉल खुलने लगे, बाजार सजने लगे, यातायात खुल गये, संक्रमण बढ़ने लगा और भाजपा के लोग इसे प्रधानमंत्री की उपलब्धि बताने लगे।
क्या भाजपा को नहीं मालूम की छठ को लेकर गाइडलाइन्स इसलिए जारी किया गया कि केन्द्र सरकार भी चाहती है कि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाई जाये और जहां भाजपा की सरकार हैं, जैसे बिहार-उत्तरप्रदेश वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की गई है। क्या कोई इस बात से इनकार कर सकता है कि जल में कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं होता है, क्योंकि जब लोग कुल्ला करेंगे या थूकने का काम करेंगे तो उससे संक्रमण पानी में ज्यादा तेजी से फैलेगा।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या केवल भाजपा के लोग हिन्दू है, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन हिन्दू नहीं है, या सुप्रियो भट्टाचार्य हिन्दू नहीं हैं, जब हमलोगों ने रामनवमी, गुरुनानक जयंती, ईद, करमा-सरहुल आदि पर्वों को आस्था व धूम-धाम के साथ मनाया तो फिर छठ पर्व हम कैसे नहीं मनायेंगे? लेकिन हम छठ महापर्व उस प्रकार से मनायेंगे, जैसे हम संक्रमण पर काबू भी पा लें और महापर्व भी मना लें।
उन्होंने कहा कि हम छठ भी मनायेंगे पर गंदी राजनीति के साथ नहीं, बल्कि छठ की पवित्रता के साथ। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के इस डायलॉग की राज्य सरकार का आदेश हिन्दू धर्म के खिलाफ है, इसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि जो व्यक्ति सांसद है, जो संविधान की शपथ लेता है, वह इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करता है, उसे लज्जा आनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार किसी धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि सरकारें धर्म-निरपेक्ष होती है।
उन्होंने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म शास्त्रों में – मन चंगा तो कठौती में गंगा कहा गया है। हमलोग तो प्रतिदिन जब स्नान करते हैं, तो भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का काम करते हैं। छठ एक महान पर्व है। जिसमें व्रती महिला/पुरुष 36 घंटे का उपवास रखती है, ऐसे में इस महान पर्व में गंदी राजनीति की दुर्गंध कहां से आ गई। उन्होंने राज्यवासियों को भरोसा दिलाया कि उनकी भावनाओं का पूरा ख्याल रखा जायेगा, जनता बहकावे में न आये, हेमन्त सोरेन जी खुद में संवदेनशील व्यक्ति है, पूरी सरकार संवेदनशील है, उन्हें जनभावनाओं का ख्याल है, पर पहली प्राथमिकता लोगों को संक्रमण से बचाने की है।
उन्होंने जनता को आह्वान किया कि वे भाजपा की बातों में न आये, भाजपा वाले राजनीति कर रहे हैं, यह सामाजिक समरसता का पर्व है। हमें किसी भी हालत में भाजपा के बहकावे में नहीं आना है, क्योंकि इसमें सूप-दौरा दलित भाइयों से तो फल अल्पसंख्यकों के दुकान से लोग लाते हैं। यह जाति-धर्म से उपर उठनेवाला पर्व है, इसे गंदगी के ढेर में ढकेलनेवालों से खुद को बचाना है।