राजनीति

जयन्त द्वारा कर्ज लेने की सलाह पर बिफरे झामुमो नेता, प्रमाण के साथ अच्छी क्लास ली भाजपा नेता की

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा नेता एवं हजारीबाग के सांसद जयन्त सिन्हा की अच्छी क्लास ले ली है। पूरे प्रमाण के साथ ली गई क्लास का लब्बो-लुआब यह है कि भाजपा नेताओं के पास इन प्रमाणों को असत्य साबित करने के लिए, उनके पास कुछ है भी नहीं, इधर झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा नेताओं को प्रमाण के साथ वे मुफ्त ट्यूशन देने को तैयार है, आज से प्रत्येक दिन उनका कार्यालय भाजपा नेताओं को ट्यूशन देने के लिए खुला रहेगा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ कहा कि उन्हें लगता था कि विदेशों में पढ़े लोग, उनलोगों से कुछ ज्यादा जानते हैं, पर जयन्त सिन्हा के कर्ज लेनेवाले बयान ने साफ कर दिया कि ये लोग भी आम भाजपाइयों की तरह भ्रम फैलाने में उस्ताद है, और इस भ्रम को जो लगातार दस महीनों से भाजपाई फैला रहे थे, उसमें आहुति देने का काम आज जयन्त सिन्हा ने भी कर दिया।

उन्होंने कहा पिछले पांच वर्षों (2014-19) के रघुवर शासन काल में डबल इंजन की सरकार के नाम पर किस प्रकार फिनासिंयल मिसमैनेजमेंन्ट रहा, कैसे पैसे उड़ाये गये, ये बात कौन नहीं जानता, इसलिए तो हेमन्त सरकार ने इस वर्ष बजट पेश करने के पूर्व, पूर्व की सरकार द्वारा वित्तीय एवं विकास के नाम पर किस प्रकार की लूट हुई, उस पर श्वेत पत्र ही जारी कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि 2014 में जब हेमन्त सरकार जा रही थी, उस वक्त हेमन्त सरकार में विकास दर साढ़े 12 प्रतिशत था लेकिन 2019 में जब रघुवर सरकार जा रही थी तब यहां का विकास दर 5.7 प्रतिशत था, हालांकि जब रघुवर सरकार में कर्ज लिया जा रहा था, तब भी हमलोगों ने कहा था, जो बेतहाशा कर्ज ले रहे हैं, स्टेट प्रापर्टी को जिस प्रकार बेच रहे हैं, वो चाहे पीटीपीएस को ज्वाइंट बेंचर बनाकर एनटीपीसी को बेचने का काम हो, शराब के लिए एक्साइज डिपार्टमेंट को आउटसोर्सिंग में बदलने का काम हो, वो भी ऑक्शन के स्थान पर, शराब में राज्य सरकार को 800 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था।

अपना चेहरा चमकाने के लिए 400 करोड़ रुपये विज्ञापन के नाम पर खर्च कर देने का हो, या जमीन दलाली के नाम पर पचास-पचास लाख की जमीन एक रुपये की रजिस्ट्री में कर देने का काम हो, इससे फायदा किसको हुआ, बड़े-बड़े जमीन दलालों ने अपने घर की महिलाओं को आगे कर, करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली, क्या इसमें से कोई गरीब है, अरे गरीब के पास तो इतने पैसे ही नहीं, वो जमीन क्या खरीदेगा? सही मायनों में अगर इसकी ऑडिट हो जाये, तो पिछली सरकार नंगी हो जायेगी, क्योंकि इसमें कोई गरीब है ही नहीं, क्योंकि गरीबों के पास पचास-पचास लाख आयेंगे कहां से, इसमें भी 450 करोड़ के राजस्व का चूना लगा दिया गया। खान लीज के नाम पर लगभग 4000 करोड़ रुपये, इस राज्य ने राजस्व का घाटा सहा, ये तो कुछ बानगियां हैं।

उन्होंने कहा कि जयंत कह रहे थे, हमलोग को कर्ज ले लेना चाहिए। क्यों भाई, हम कर्ज क्यों लें? 18000 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किसने किया, उसका जिम्मेदार कौन है? 25000 करोड़ अभी भी जीसएटी में हम पाते हैं, जिसे केन्द्र सरकार नहीं दे रही है। हम कोल कंपनी से 65 हजार करोड़, उसके जमीन, कॉमन कोकस के नाम पर, हम रेल से, सेल से 75000 करोड़ रुपये पाते हैं, उसके बाद भी कर्ज ले, यानी माल महाराज का मिर्जा खेले होली, ये कौन सा तरीका है, कौन सा अर्थशास्त्र पढ़ा रहे है, जयन्त? समझ नहीं आ रहा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 85000 करोड़ रुपये रघुवर सरकार ने केन्द्र से उदय योजना के नाम पर उठाया और उस वक्त कहा था कि इससे वो डीवीसी को 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे, उस वक्त भी हमलोगों ने कर्ज लेने से मना किया था, इन्होंने कर्ज भी लिया और डीवीसी का भुगतान भी नहीं किया। नतीजा, हमारा 14.50 करोड़ रुपये आरबीआई ने काट लिया, ये अन्याय झारखण्ड के साथ हुआ। खेत खाये गधा, मार खाये जोलहा, खाओ तुम भरे हम, यही पिछली रघुवर सरकार की विगत पाचं वर्षों की नीतियां रही है।

उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में इलेक्शन था, स्टेट इम्पलाइज को 16 दिसम्बर को तन्खवाह मिला था, खजाना इस प्रकार से लूट लिया गया था कि कुछ कहा नहीं जा सकता। तभी हेमन्त सरकार ने कहा था, केन्द्र सरकार ने भी माना, जब भुवनेश्वर में पूर्वी प्रांतों के जो राज्य थे, आर्थिक समीक्षा हुई थी, नीति आयोग आरबीआई भी थी। उन्होंने कहा जो बैंकिंग सिस्टम है, वो बैंकिंग सिस्टम में डिपोजिट ले लेते हैं, लेकिन क्रेडिट नहीं करते राज्य के लोगों को। हमलोगों ने उस वक्त कहा था, इन बातों पर रोक लगनी चाहिए। जो साठ प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया, उसे घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया, जिसके कारण राज्य सरकार का खजाना खाली हो गया और अब बुद्धि दे रहे हैं, क्यों कर्जा लें?

उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार के पहले, अर्जुन मुंडा की सरकार में 1200 रुपये प्रति व्यक्ति का कर्ज था, आज वो बढ़कर 24 हजार रुपये प्रति व्यक्ति हो गया, ये काम रघुवर सरकार छोड़कर गई, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?  इसलिए श्वेत पत्र जारी किया गया था, ये श्वेत पत्र भाजपा के 25 विधायकों के पास आज भी मौजूद है। जयन्त को पढ़ लेना चाहिए, उनको पढ़ लेना चाहिए, झूठ के लिए भी आधार होना चाहिए। जयन्त सिन्हा ने मोमेंटम झारखण्ड पर क्यों नहीं कहा? खेलगांव में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से एक व्यक्ति के लिए हेलीकाप्टर उड़ता था, आप भी तो उड़कर आये थे, उसका खर्च कौन देगा? भाजपा के लोकसभा के 13 सदस्य है, राज्यसभा में चार सदस्य है, आप लोग कर क्या रहे हैं?

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस राज्य से बेइमानी न करें भाजपा के लोग। धनबाद चक्रधरपुर ये दो रेलमंडल भारत सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देते है, पर हमको रेल परियोजना के लिए दो तिहाई खर्च उठाना पड़ता है, बहुत सारे ऐसे भी राज्य हैं जिन राज्यों को पैसे ही नहीं देना पड़ता है और हमसे दो तिहाई, आरओबी के लिए भी आधा पैसा लिया जाता है, और सांसद गलतबयानी करते है, आप किसको भ्रम में रखना चाहते है, आप कण-कण को बेचना चाहते थे, और आपने बेच भी दिया, अडानी को। कोयला हमारा, पानी-जमीन हमारा, मानव संसाधन हमारा, और बिजली बांगला देश को।

आज एनटीपीसी के नाम पर उजड़ गये लोग, पीटीपीएस को बेचा आपने, धड़ाधड़ भाजपा के उस काल में सरकारी जमीन की लीज की गई, और एचईसी का एरिया में क्या हुआ, भाजपा से जुड़े लोगों को किस प्रकार लाभ पहुंचाया गया। यही नहीं भाजपा के लोगों को बोकारो धनबाद में भी लाभ पहुंचाया गया, टाटा का लीज, शाह ब्रदर्स का माइनिंग लंबा फेहरिस्त है, और नाटक करने के लिए जयन्त सिन्हा को बुलाया जाता है।

अब ये नाटक नहीं चलेगा, जनादेश का सम्मान करिये, राज्य को गर्त में डालकर नहीं, राज्य के हक के लिए लिए बात करें, साढ़े तीन करोड़ की जनता, जिस चीज को चाहती है, वो विकास है।  झारखण्ड की समृद्धि, शांति पर भ्रम मत फैलाइये। कुछ पढ़-लिखकर आइये। हमारा कार्यालय भाजपा के लोगो के लिए अब खुला रहेगा, लोग आये,पांच वर्षों में एक बाहरी आदमी कैसे इस राज्य को लूटा है, पूरा दस्तावेज के साथ सिखाने का काम करेंगे, छ माह तक ट्यूशन लें, हम मुफ्त ट्यूशन देंगे, फिर सरकार  की आलोचना करें।

सुप्रियो ने कहा कि 14 महीने की पूर्व की हेमन्त सरकार हो या वर्तमान चल रही 10 महीने की हेमन्त सरकार, कोई अंगूली नहीं उठा सकता और आपने तो पांच वर्षों तक लूटने का काम किया। हिसाब तो अब होगा, जयन्त बाबू, हम हिसाब जरुर करेंगे, राज्य का खजाना जिसने भी लूटा हैं, चाहे वो मंत्री हो, अधिकारी हो, विधायक हो या नगर विकास हो, उर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, ग्राम विकास, सबका हिसाब होगा।

सुप्रियो ने कहा कि जयन्त सिन्हा को यह नहीं भूलना चाहिए कि रघुवर शासनकाल में उनका ही एक मंत्री, लगातार भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरता रहा, यहां तक कि इसी कारण से कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होता था, और रघुवर की हिम्मत तक नहीं थी कि उन्हें अपने कैबिनेट से हटा दें, आखिर में वहीं व्यक्ति (सरयू राय) ने रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व से हराया भी। इसलिए अनर्गल बातें न करें, क्योंकि समाज गंदगी बर्दाश्त नहीं करता।