मजदूरों का गुस्सा मोदी सरकार को बहुत महंगा पड़ेगा – एक्टू
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत आम हड़ताल में एक्टू से संबद्ध निर्माण मजदूर यूनियन से जुड़े निर्माण मजदूरों ने आज रांची में विशाल रैली निकाली। हाथों में काम के औजार और लाल झंडे लिए तनी मुठ्ठी से श्रम कोड नहीं, सभी श्रम कानून वापस करो, मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश बंद करो, अडानी – अंबानी की जागीर नहीं, यह हिंदुस्तान हमारा है, के जोशीले नारे में मजदूरों का गुस्सा साफ झलक रहा था।
रांची के महेंद्र सिंह भवन से रैली मेन रोड, डेली मार्केट, शहीद चौक, होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा ,जहां घंटो प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एक्टू प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि केंद्र सरकार कंपनियों के इशारे पर श्रम कानूनों में बदलाव बंद करें। कंपनियों की नहीं सरकार मजदूरों की चिंता करें, अन्यथा मजदूरों का गुस्सा सरकार के लिए महंगा पड़ेगा।
निर्माण मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि संविधान दिवस पर मजदूरों का विरोध, मोदी सरकार के लिए खतरे का संकेत है। श्रम कानून सरकार की कृपा से नहीं मजदूरों के संघर्ष मिली है। चार श्रम कोड गुलामी की दस्तावेज है, और यह हम मजदूरों को स्वीकार नहीं है। कंपनियों से नहीं, देश की अर्थव्यवस्था मजदूरों से मजबूत होगी। हड़ताल मजदूर आंदोलन की इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।
देशव्यापी आम हड़ताल का पूरे राज्य में व्यापक प्रभाव पड़ा है। कोयला, बैंकिग, इंश्योरेंस समेत निर्माण और असंगठित क्षेत्र के हज़ारों मजदूर कर्मचारी आज हड़ताल पर रहे। आज रांची के अलावा रामगढ़, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, जमशेदपुर, लोहरदगा, गुमला, पलामू समेत सभी जिलों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। हड़ताल के समर्थन में निकाली गई रैली में मजदूर नेता अजब लाल सिंह, रामचरित्र शर्मा, भीम साहू, सोहेल अंसारी, अनिल कुमार सिंह, महावीर मुंडा, सनम लोहरा, काली मिंज, राजू महतो, सरिता तिग्गा, आयती तिर्की आदि मुख्य रूप से शामिल थे।