खेल पत्रकार सुशील ने CM हेमन्त, BJP नेता बाबूलाल व DGP एमवी राव को टैग कर खुद पर CCL द्वारा लगाये आरोपों की त्वरित जांच की कर डाली मांग
झारखण्ड के वरिष्ठ खेल पत्रकार सुशील सिंह ‘मंटू’ ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी, पुलिस महानिदेशक एम वी राव को टैग करते हुए पिछले दिनों सोशल साइट पर एडीजी, सीआइडी शाखा को पूर्व में जारी किये गये अपने पत्र का हवाला देते हुए अपनी भावनाओं को शब्दों में उकेरते हुए, स्वयं के खिलाफ त्वरित जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने जो अपनी बातें लिखी है, वो इस प्रकार है…
“मैं खुद के खिलाफ त्वरित जांच करवाने की मांग करता हूँ। मेरे खिलाफ CCL के एक महाप्रबंधक ने कोतवाली थाने में 9 जून 2017 को कांड संख्या 136/2017 दर्ज़ कराया, फिर CCL के एक और काबिल अफसर ने गोंदा थाने में दिसंबर 2018 में एक और सनहा दर्ज़ कराया, दोनों मामले में मुझसे लिखित पक्ष जांच पदाधिकारी/आलाधिकारी द्वारा मांगा गया था। मैंने ससमय अपना पक्ष दे दिया और मामले की त्वरित व निष्पक्ष जांच करने की गुज़ारिश की।
जांच न होता देख मैंने CID के वरीय अधिकारियों से मिल मामले की जांच करने की गुहार लगाई। वहां जांच पदाधिकारी ने सितंबर 2019 में बुलाया, मैंने अपना पक्ष रखा। जांच किस दिशा में है पता नहीं? एक पखवाड़े पहले कोतवाली गया, पता चला कि पुराने IO का ट्रांसफर हो गया और केस का नया IO किसी को बनाया नहीं गया। गोंदा थाने में सनहा का कोई ओर-छोर पता नहीं चला
मैं दोनों मामले में आरोपी हूँ और जांच की मांग कर रहा हूँ लेकिन जांच नहीं हो रही। जल्द ही जांच मुकाम को पहुंचे इसी आशा के साथ,
सुशील कुमार सिंह मंटू”
अब सवाल उठता है कि जिस पत्रकार के खिलाफ सीसीएल के वरीय अधिकारी कई थानों में शिकायत दर्ज कराते हैं, और फिर वे शिकायते किस गतल खाने में चली जाती है, पता ही नहीं चलता और जिनके खिलाफ शिकायत की जाती है, वे लोग जब उन शिकायतों को लेकर थाने का चक्कर लगाते हैं तो थाने से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। आश्चर्य यह भी है कि जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई, वे भी शिकायत दर्ज कराकर भूल जाते हैं कि आगे क्या हुआ?
जहां तक वरिष्ठ खेल पत्रकार सुशील सिंह मंटू को जो लोग जानते हैं, वे उनके स्वभाव को जानते है कि वे जो कुछ लिखते हैं, प्रमाण के साथ लिखते हैं और यही लिखना (जिनके खिलाफ लिखा गया), उनके लिए काल बन जाता है, अब चूंकि सुशील सिंह मंटू स्वयं के खिलाफ की गई शिकायत को लेकर खुद सक्रिय है, तो इसी बात से जाना जा सकता है कि उनके खिलाफ शिकायत करनेवाले के शिकायत में कितना दम है?
सुशील सिंह मंटू ने अपनी बातों को सीएम हेमन्त सोरेन, बाबू लाल मरांडी एवं डीजीपी एमवी राव तक पहुंचाकर, इतना तो बता दिया कि वे सीसीएल के इन शिकायतवाली धमकियों से डरनेवाले नहीं और न ही उन्हें इन शिकायतों के बाद उन्हें छोड़ने जा रहे हैं, ऐसे में सीसीएल के अधिकारियों को ही सोचना होगा कि वे इस मामले को कहां तक ले जाते हैं।
जहां तक सुशील सिंह मंटू का सवाल है, सभी को मालूम हो जाना चाहिए कि वे इस मामले को लटकाकर तो नहीं छोड़ेंगे, जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई है और जिन पुलिस अधिकारियों ने इस शिकायत को हलके में लिया है, उसे भी कानून का रास्ता जरुर दिखायेंगे, साथ ही बतायेंगे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलनेवाले कलम के खिलाफ, आवाज बुलंद करनेवालों का क्या हश्र होता है?