गजब का दिमाग पाया है चिरकूटों ने BJP को पता नहीं, “ऑपरेशन लोट्स” को खबर बना फैला दिया गंध
भले ही भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ अथवा प्रदेश के नेताओं को मालूम हो या न हो अथवा उनके दिमाग में ये बात उपजी हो या न उपजी हो, पर रांची में बैठे कुछ चिरकूट टाइप के पत्रकारों ने “ऑपरेशन लोटस” के माध्यम से राज्य में सत्ता परिवर्तन का समाचार चला रखा है, यही नहीं देखते ही देखते कांग्रेस व झामुमो के विधायकों को तोड़-फोड़ कर भाजपा के सत्ता में आने की गंध भी फैला दी है।
जबकि सच्चाई यह है कि न तो भाजपा के खाने में ऐसी कोई बात चल रही है और न ही भाजपा की फिलहाल इतनी हिम्मत है कि वो झामुमो व कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर झारखण्ड में अपनी सरकार बना लें, क्योंकि यहां पर सत्ता परिवर्तन की बात करना ही भाजपा के लिए झारखण्ड में सदा के लिए सर्वनाश की बात सुनिश्चित कर लेना होगा, क्योंकि जैसे बिहार की जनता लालू के शासन को अब तक नहीं भूली है, ठीक उसी प्रकार यहां की जनता रघुवर के बड़बोले शासन को अब तक नहीं भूली हैं। ऐसे भी विद्रोही24 का मानना है कि हेमन्त सोरेन को झारखण्ड से फिलहाल सत्ता से डिगा पाना आसां नहीं, शत प्रतिशत नाममुकिन हैं।
ऐसे भी जब से हेमन्त की सरकार आई है। हेमन्त को फूंटी आंखों नहीं देखनेवालों पत्रकारों की जमात कुछ न कुछ खुराफात रचती रही है, उन्हें लगता है कि उनका ये खुराफात करना जन्मसिद्ध अधिकार है, ये वो लोग हैं, जिनकी कोई औकात नहीं होती, बस इनका काम ही है, गंध फैलाना, ये पत्रकार ठीक वैसे लोग है, जिन्हें कुछ नहीं मिला, कोई रोजगार नहीं मिला तो लीजिये किसी इलेक्ट्रानिक दुकान पर गये, कहीं से दो-पांच कर बूम खरीद लिया, अपना-अपना पोर्टल खोल लिया, और पत्रकार बन गये।
अब किसी के भी पोर्टल से जाकर किसी का भी आर्टिकल चुरा लेना और उसमें उपर की दो लाइन और नीचे के दो लाइन फेर-बदल कर, पूरा का पूरा आर्टिकल अपने पोर्टल पर चेप देना, बेमतलब का गंध फैलाना, हर महीने सरकार बदलने का ख्वाब देखना और इसे जनता के बीच पोर्टल के माध्यम से रखना, यही इनका काम रह गया है।
मैं बार-बार कह रहा हूं कि ये वो लोग हैं, जैसे पूर्व में किसी को रोजगार नहीं मिलता था, तो वह नगरपालिका द्वारा चलाई जा रही स्कूलों में टीचर बन जाता था, आज वैसे लोग कही कोई रोजगार नहीं मिलने पर पत्रकार बन जा रहे हैं, क्योंकि इसमें कोई ज्यादा राशि खर्च करना नहीं पड़ता, बस ऑनलाइन डोमेन खरीदा और लीजिये पत्रकार बन गये। अब किसी भी नेताओं के संवाददाता सम्मेलन में जाइये, भरपेट खाइये, गिफ्ट लीजिये और गंध फैलाइये, गंध भी ऐसा कि ब्रांडेड अखबार या चैनल या पोर्टल फेल हो जाये और इनका पोर्टल देखते ही देखते एक अच्छे शहर के कोने पर महंगे ऑफिस भी खोल दें, है न मजेवाली मस्ती वाली बात।
अगर नेताओं से अच्छी पट गई, तो लीजिये विज्ञापन भी खुलकर आने लगा, ऐसे ही लोगों ने इस बार गंध मचाया है कि हेमन्त सरकार को हटाने के लिए भाजपा वालों ने ऑपरेशन लोटस चला रखा है, लेकिन सच्चाई इसमें कुछ है ही नहीं, क्योंकि भाजपा और भाजपा जिसको तोड़कर सत्ता प्राप्त करना चाहेंगी भी तो उन दोनों को पता है कि ऐसा यहां संभव नहीं, क्योंकि पार्टी की छवि सदा के लिए समाप्त हो जायेगी, वो अलग।
यानी जितनी पोर्टल, उतनी बेसिरपैर की बातें, शायद इन पोर्टल में काम करनेवाले लोगों को इस बात का आभास हो गया है कि जितना वे गंध फैलायेंगे, झूठी बातों से जनता को अपनी ओर आकृष्ट करेंगे, जनता उतने ही उनके पोर्टल को लाइक करेंगी, पर उन्हें नहीं पता कि ये जनता उन्हें बुखार भी छुड़ाना जानती है, क्योंकि धोखेबाजी-गंधबाजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलती, एक बार समझ में आ जाने के बाद तो फिर कहां ऐसे लोग जनता की नजरों में फेकाते हैं, कि उन्हें पता ही नहीं चलता।
आज भी देखिये, जो कल तक शानो-शौकत में चलते थे, खुद को रेजीडेंट एडीटर बोलते नहीं थकते थे, आज ऐसे लोगों की फौज कहां हैं? वे कर क्या रहे हैं? फिलहाल जिसने भी ऑपरेशन लोटस का शिगुफा फूंका है और इसमें वे खुद को मास्टर माइन्ड बनाने में जूट गये हैं, वे समझ लें कि उनका खेल इस ऑपरेशन लोटस की तरह सदा के लिए समाप्त हो चुका है, उन्हें हम सुधरने की भी सलाह नहीं देंगे, क्योंकि सुधरने का सलाह उन्हें दिया जाता है, जिनमें सुधरने का थोड़ा सा भी गुंजाइश होता है, पर जिन्होंने सदा के लिए गंध ही फैलाने की सोच रखी है तो उन्हें तो जाना ही है कचरे के ढेर पर, जहां स्वच्छता अभियान से जुड़े लोग पहले से ही तैयार है, उन्हें जगह पर पहुंचाने के लिए।
इसलिए कांग्रेसियों, भाजपाइयों और झामुमो से जुड़े विधायकों ऐसे चिरकुट पत्रकारों से आप भी दूरी बनाइये, नहीं तो ये तो जायेंगे ही आपको भी सदा के लिए ले जायेंगे, फिलहाल जिसे जनता ने सेवा का मौका दिया है, वे सेवा करें और जिन्हें विपक्ष में रहने का मौका दिया है, वे विपक्ष का काम ईमानदारी से संभाले, रही बात ऑपरेशन लोटस के नाम पर गंध फैलानेवालों की, तो उनकी भी जनता जवाब देने के लिए मन बना चुकी है, इसकी चिन्ता किसी को करने की जरुरत नहीं।
कोई मुख्यमंत्री भाजपाई गृह मंत्री से मिल लिया या कोई भाजपाई नेता कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता से जाकर मिल लिया तो ये शिष्टाचार भेंट भी हो सकता है, ऑपरेशन लोटस या ऑपरेशन हैंड्स नहीं हो जाता, इसलिए कोई ज्यादा दिमाग न लगाए, अच्छा है कि इन झूठी और मनगढ़ंत खबरों से दूरी बनाएं और ऐसी खबरों से अपना मान बढ़ाएं, जो जन-समस्याओं से जुड़ा हो। खुशी इस बात की है कि कथित ऑपरेशन लोटस के इस खबर को उन पार्टियों ने भी भाव नहीं दिया, जिनके बारे में लिखी जा रही है, वेलडन राजनीतिज्ञों आपने अच्छा जवाब दिया है, ऐसे चिरकूटों को।