अपराध

ठन गई रघुवर और हरिनारायण में, जीत किसकी होगी, सभी का ध्यान अब अदालत पर

झारखण्ड के वरिष्ठ पत्रकार एवं आजाद सिपाही के प्रधान संपादक हरिनारायण सिंह, राहुल सिंह, अजय शर्मा व अन्य के खिलाफ रांची के व्यवहार न्यायालय में एक शिकायत वाद दर्ज कराई गई है, जिसकी शिकायतवाद संख्या 4096/2020 है। शिकायतकर्ता सुनील कुमार साहू है। इनका आरोप है हरिनारायण सिंह व अन्य ने मिलकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में संचालित भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बदनाम करने की नीयत से अपराधिक षडयंत्र की रचना की तथा इसे क्रियान्वित भी किया।

सुनील कुमार साहू का यह भी कहना है कि इन लोगों ने 2014 से 2019 तक रघुवर दास के नेतृत्व में संचालित सरकार के मान-सम्मान व प्रतिष्ठा को धूमिल करने की नीयत से तथा भाजपा को बदनाम करने के लिए एवं राजनीतिक व सामाजिक रुप से नुकसान पहुंचाने के नीयत से दैनिक समाचार पत्र आजाद सिपाही में एक झूठा व भ्रामक समाचार प्रकाशित किया। खबर का शीर्षक था दक्षिण अफ्रीका में बन रही है रघुवर की सपनों की वंडर कार। सीएम रहते इंग्लैंड की कंपनी को दिया था आर्डर, अग्रिम रुप से 40 लाख का भी भुगतान किया गया।

सुनील कुमार साहू ने अपने शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया है कि रघुवर दास के द्वारा किये गये बेहतर कार्यों के कारण उपरोक्त अभियुक्त गणों को रघुवर दास एवं भाजपा हमेशा खटकती रही और फिर इन अभियुक्तगणों ने मिलकर तथाकथित समाचार को ही विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों, सोशल मीडिया, न्यूज पोर्टल आदि पर प्रकाशित एवं प्रसारित कर दिया। यह खबर 27 जून 2020 को प्रकाशित हुई थी। सुनील कुमार साहू ने इस खबर को फर्जी बताते हुए इसे अपराध की संज्ञा दी है। सुनील कुमार साहू द्वारा दर्ज शिकायत में नीरज सिन्हा, छोटे खान, युग कुमार, अजय भंडारी के भी नाम है।

सुनील कुमार साहू ने इन सारे लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120बी, 499, 500, 501, 502, 420, 467, 468, 471 के तहत संज्ञान लेने एवं अभियुक्तों को कठोर से कठोर दंड देने की अपील न्यायालय से की है। इस केस के गवाहों में संजय कुमार जायसवाल, अविनाश राय, मनमीत कुमार, राकेश कुमार एवं कई अन्य लोगों के नाम शामिल है। जिसकी अगली तारीख 16 फरवरी 2021 है।

ज्ञातव्य है कि इस खबर के प्रकाशित होने के पहले, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने वकील विनोद कुमार साहू के माध्यम से 07.07.2020 को, पचास करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा ठोकने का जिक्र करते हुए हरिनारायण सिंह को लीगल नोटिस भेजा था, पर हरिनारायण सिंह द्वारा इस लीगल नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। लीगल नोटिस में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का भी जिक्र था, पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपना पक्ष संबंधित अधिवक्ता को प्रेषित कर दिया था।

अधिवक्ता विनोद कुमार साहू के अनुसार उन्हें हरिनारायण सिंह की ओर से उनके लीगल नोटिस का जवाब नहीं मिला, अंततः सुनील कुमार साहू ने अपने नेता के खिलाफ छपे समाचार को देखते हुए हरिनारायण सिंह के विरुद्ध केस दर्ज करा दिया, जो अभी रांची व्यवहार न्यायालय में चल रहा है।

इधर राजनीतिक पंडित कहते हैं कि एक समय था कि हरिनारायण सिंह की रघुवर दास से खुब पटती थी। उनके अखबार में रघुवर ही रघुवर नजर आते थे। दुसरा कोई नेता शायद ही उनके अखबार में नजर आता था। विशेष अवसरों पर तो कई पृष्ठ रघुवर दास को समर्पित होते थे, जिसे देख रघुवर दास भी उन पर खुब कृपा लूटाते थे। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से भी वो कृपा बराबर देखने को मिलती थी।

जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे, तो एक समय ऐसा भी आया कि नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के खिलाफ भी एक दो समाचार उनके अखबारों में छपे, जिसे वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी नहीं भूले होंगे। लेकिन अब सत्ता बदली है, रघुवर दास नेपथ्य में चले गये है, हेमन्त सोरेन अब उनके अखबारों में खुब नजर आ रहे हैं। जरुरी भी है, अगर नजर नहीं आयेंगे तो अखबार कैसे चलेगा, कृपा कैसे बरसेगी? अखबारों में भी बहुत सारे लोग काम करते हैं, उनका घर कैसे चलेगा? इसलिए अभी हेमन्त ही हेमन्त है, रघुवर गायब हो चले।

इधर हरिनारायण सिंह के इस कार्य से रघुवर दास और भाजपा वाले बहुत ही नाराज है, नाराज तो भाजपा वाले उन सारे अखबारों से हैं, जो कल तक भाजपा का गुणगान गाते थे, और आज भाजपा से कन्नी कटा रहे हैं। ये गुस्सा भाजपाइयों में साफ दिख रहा है, पर ये सच्चाई है, कि फायदा में हमेशा वे ही रहे हैं, जिन्होंने पलटी मारी या मौके का फायदा उठाया, चाहे वो कोई भी हो, जिसने भी सिद्धांत की लड़ाई लड़ी, वो हमेशा गांधी की तरह गोली खाया, गांधी को तो जानते ही होंगे, वे भी पत्रकार थे, बाद में राजनीतिक संत बने और गोलियों के शिकार हो गये। अब देखना है कि आगे क्या होता है? हरिनारायण सिंह रघुवर दास के पास जाकर माफी मांगते है या अदालत में केस का सामना करते है? क्योंकि ये लड़ाई सामान्य नहीं है, दोनों अपने-अपने क्षेत्र के धुरंधर माने जाते हैं, देखते हैं कौन जीतता है?