एचइसी की वित्त निदेशक अरुंधति पंडा के खिलाफ भाजपा नेता विरंची नारायण ने खोला मोर्चा
बगैर सेवा संपुष्टि के ही पिछले तीन वर्षों से झारखण्ड स्थित हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन (एचइसी) में वित्त निदेशक के पद पर कार्यरत अरुंधति पंडा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं झारखण्ड विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने सचिव, भारी उद्योग विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को एक पत्र लिखा है।
यह पत्र विरंची नारायण ने गत 24 दिसम्बर 2020 को लिखा है, जिसकी प्रतिलिपि प्रकाश जावेडकर, मंत्री, भारी उद्योग मंत्रालय, जितेन्द्र सिंह राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय सह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार एवं अध्यक्ष पब्लिक इंटरप्राइजेज, सैलेक्शन बोर्ड को भी संप्रेषित कर दी है।
पत्र में विरंची नारायण ने इस बात का उल्लेख किया है कि बगैर सेवा संपुष्टि के तीन वर्षों से वित्त निदेशक के पद पर अरुंधति पंडा कैसे जमी है? जबकि अधिक से अधिक बगैर सेवा संपुष्टि के एक साल तक वो पद पर बनी रह सकती है। एचइसी के सीएमडी व भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव की रिपोर्ट में भी वित्त निदेशक के कार्य संतोषजनक नहीं पाये गये है। वित्त निदेशक के जवाब से सीएमडी भी संतुष्ट नहीं है।
विरंची नारायण ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि बिना कन्फर्म हुए तीन वर्षों से पद पर बने रहना एक तरह से कानून के साथ मजाक है, वर्तमान में वित्त निदेशक के द्वारा करोड़ों रुपये की राशि की वित्तीय स्वीकृति भी दी जा रही है, जो कानूनन सही नहीं हैं। ऐसे में विरंची नारायण ने सचिव से मांग की है कि अरुंधति पंडा को पदमुक्त कर उन्हें प्रदत्त शक्तियों को निरस्त किया जाय।