आजाद सिपाही के प्रधान संपादक हरिनारायण ने EX-CM रघुवर दास से मांगी माफी, अखबार के माध्यम से भी प्रकट किया खेद
आज यानी 9 फरवरी 2021 का “आजाद सिपाही” हिन्दी दैनिक का प्रथम पृष्ठ देखिये। जिसमें एक समाचार छपा है, जिसकी हेडिंग है – “भूलवश गलत समाचार छप गया था” और उसके नीचे विस्तार से ये समाचार छपा है – आजाद सिपाही के 27 जून 2020 के अंक में भूलवश गलत समाचार छप गया था। उसका शीर्षक था – “दक्षिण अफ्रीका में बन रही है रघुवर के सपनों का वंडर कार”। वही समाचार आजाद बोल में भी प्रसारित हुआ था। अपुष्ट जानकारी के कारण ऐसी गलती हुई थी। इसका हमें खेद है। – संपादक
बताया जाता है कि यह माफीनामा अथवा खेद प्रकटीकरण का खेल इसलिए हुआ है कि प्रधान संपादक को यह ऐहसास हो चुका है कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है, और उसका अदालत में परिणाम क्या आयेगा? इसलिए उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए यह माफीनामा अथवा खेदप्रकटीकरण कर, उन्होंने इस घटना से अपना पिंड छुड़ाने की कोशिश की।
सूत्र बताते है कि कल ही आजाद सिपाही के प्रधान संपादक हरिनारायण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने उनके आवास पर गये थे, जहां उन्होंने रघुवर दास से अपने किये की माफी मांगी, जबकि रघुवर दास ने हरिनारायण सिंह को उनके द्वारा छापे गये समाचार की कड़ी आलोचना करते हुए, उन्हें खुब भला-बुरा सुनाया था।
इस मामले को अदालत में रघुवर दास की ओर से देख रहे विनोद कुमार साहू अधिवक्ता कहते है कि दरअसल अब कोरोना काल खत्म हो चुका है और इस मामले में कोर्ट नें पहले से ही 16 फरवरी 2021 समय तय कर दिया है, ऐसे में कार्रवाई होनी शुरु हो जायेगी और गलत समाचार को लेकर कम से कम इस मामलें में शामिल प्रमुख तीन लोगों को दो-दो साल तक की सजा मिलनी तय है, शायद इन्हीं संभावनाओं को देख, बचने के उद्देश्य से हरिनारायण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने गये होगे, उनसे माफी मांगी होगी और आज अखबार में माफीनामा छाप दिया।
अब रघुवर दास माफ अभी तक किये हैं या नहीं, उन्हें नहीं पता, पर उन्हें इस बात की अच्छी तरह जानकारी है कि वे दयालु स्वभाव के हैं, वे माफ कर ही देंगे, जिसकी संभावना ज्यादा है, क्योंकि वे राजनीतिज्ञ है और उनका मकसद किसी को हानि पहुंचाना नहीं रहा है। हम आपको बता दे कि विद्रोही 24 डॉट कॉम ने हाल ही में यानी 2 फरवरी 2021 को ”ठन गई रघुवर और हरिनारायण में, जीत किसकी होगी, सभी का ध्यान अब अदालत पर” शीर्षक के माध्यम से इससे संबंधित समाचार प्रकाशित किया था।
जिसमें इस बात का उल्लेख था कि “अब देखना है कि आगे क्या होता है? हरिनारायण सिंह रघुवर दास के पास जाकर माफी मांगते है या अदालत में केस का सामना करते है? क्योंकि ये लड़ाई सामान्य नहीं है, दोनों अपने-अपने क्षेत्र के धुरंधर माने जाते हैं, देखते हैं कौन जीतता है?”
आज के आजाद सिपाही को देखकर और उसमें छपी इस समाचार से संबंधित खबरें चीख-चीखकर बताती है कि रघुवर दास जीत चुके हैं, आजाद सिपाही के प्रधान संपादक हरिनारायण सिंह माफीनामा छापकर अपनी गलती स्वीकार कर ली है। पत्रकारिता जगत के धुरंधर को एक भाजपा नेता, वह भी रघुवर दास ने उन्हें बुरी तरह हरा दिया है, अब देखना है कि 16 फरवरी को इस संबंध में व्यवहार न्यायालय रांची में रघुवर दास के इस प्रकरण से संबंधित सुनील कुमार साहू के वकील विनोद कुमार साहू की भूमिका क्या होती है? क्योंकि इन्हीं की भूमिका से पता चलेगा कि रघुवर दास ने हरि नारायण सिंह को माफ किया या नहीं।