अपराध

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बताएं SNMMCH में रखे-रखे 45 कॉर्निया कैसे बर्बाद हो गये, कौन है उसका जिम्मेवार?

कल धनबाद के सुप्रसिद्ध युवा क्रांतिकारी अंकित राजगढ़िया ने हमें फोन किया और धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रखे-रखे 45 कॉर्निया के खराब होने की जो जानकारी उपलब्ध कराई, उसे सुन मैं हैरान रह गया। भाई कोई परिवार मृत्यु के उपरांत अपने परिवार के मृत सदस्य का नेत्र दान क्यों करता है, स्वाभाविक है, कि उसकी यह कोशिश होती है कि इससे दुसरे का संसार भी आलोकित हो, पर जिन पर इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी है, वे ही सुस्त हो जायेंगे, तो फिर क्या होगा?

वही होगा, जो कल अंकित राजगढ़िया ने हमें बताया, और जिससे संबंधित समाचार को प्रभात खबर ने 10 फरवरी के अंक में प्रथम पृष्ठ पर धनबाद संस्करण में जगह दी। प्रभात खबर ने तो हेडिंग ही दे दी “एसएनएमएमसीएच में रखे-रखे खराब हो गये 45 कॉर्निया”। ये कॉर्निया केवल इसलिए खराब हो गया, क्योंकि उक्त अस्पताल में उसे सुरक्षित रखने के लिए अपनाया जानेवाला केमिकल कोरिसिनोल सॉल्यूशन ही नहीं हैं।

अब सवाल उठता है कि इस सॉल्यूशन को रखने तथा कॉर्निया को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी किसकी है? अच्छा रहेगा कि इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के के सोन दे। अब तो लोग यहां कहने लगे है कि यहां नेत्र दान करने से क्या फायदा, जब इसका फायदा दूसरे नहीं उठा सकें और कॉर्नियां रखे-रखे नष्ट हो जाये।

अंकित राजगढ़िया कहते हैं कि धनबाद जिले के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में 2015 से अब तक 72 नेत्रदान हुआ, जिसमें से 45 खराब हो गया। इस व्यवस्था का जिम्मेदार कौन है? हम मरने के बाद लोगो को जीवन देने के लिए नेत्रदान करते हैं पर इनकी लापरवाही से ये कीमती नेत्र व्यर्थ हो गए हैं। क्या इन पर कारवाई नही होगी? अगर यही हालत रही तो आने वाले समय मे लोग नेत्रदान के लिए आगे नही आएंगे।

एसएनएमएमसीएच में कॉर्निया को रखने सुरक्षित रखने वाला केमिकल तक कोर्नियासोल तक उपलब्ध नही है  जिले के सबसे बड़ा अस्पताल अब खुद बीमार हो गया है वेंटिलेटर पर है। यह कथन है है धनबाद के समाजसेवी अंकित राजगढ़िया का, जिनके परिवार से चार लोगों ने अब तक नेत्रदान की हैं। बड़े पिता – स्वर्गीय देवी प्रसाद राजगढ़िया, पिता – स्वर्गीय प्रकाश चंद्र राजगढ़िया, बड़ी माता – स्वर्गीय विमला देवी राजगढ़िया, मामा – स्वर्गीय सुरेश अग्रवाल।

अंकित राजगढ़िया के परिवार में तकरीबन 100 से अधिक सदस्य है और हर सदस्य ने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लिया है। इतना ही नही अंकित ने धनबाद एसएनएमएमसीएच को अपना देहदान किया है धनबाद कोर्ट से एफिडिफिट करवा कर।अंकित ने राज्य मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर कड़ी कारवाई की मांग की है।