न्यूज 11 चैनल के एक संवाददाता का बयान – मैं लंगा-लूच्चा हूं, एक SDO, दो CO को खा चुका हूं, अब बारी…
ये नया जमाना है। इस जमाने में एक चैनल का संवाददाता गर्व से कहता है कि वह लंगा-लूच्चा है, उसे खोने को क्या है, पर पाने को बहुत है। वह जानता है कि पूरी व्यवस्था घूसखोरों की है, सरकार में जो शामिल हैं, या जो सरकार चलाते हैं, वे लोग खुद उसके मालिक की चरण वंदना करते हैं, तभी तो वह गर्व से यह भी कहता है कि वह एक एसडीओ को खा चुका है, दो सीओ को खा चुका है, और एक दो-दिन के अंदर, एक और को खाने जा रहा हैं और अगर वो बचना चाहता है तो जो कमा रहा हैं, उसका एक हिस्सा उसे भी दें।
और अगर नहीं देगा तो फिर न्यूज 11 में डंके की चोट पर दो घंटे लाइव भी करेगा और जब उसे अपना हिस्सा दे देगा तो फिर लाइव नहीं होगी, यानी तुम खुब लूटो, उससे उस संवाददाता/न्यूज 11 को कोई मतलब नहीं, पर उस लूट का एक हिस्सा उसे मिले, उसके चैनल को मिले, इसमें उसे गर्व महसूस हो रहा है।
हम आपको बता दें कि इसका सबूत विद्रोही24 डॉट कॉम के पास है, यह सबूत राज्य सरकार के पास भी है, पर जरा देखिये राज्य सरकार को, कि वह ऐसे चैनलों और लोगों पर कार्रवाई नहीं करती और न ही कार्रवाई होने देती, ऐसे लोगों को बढ़ावा देती है, शायद ऐसे लोगों ने समय-समय पर राज्य सरकार का चेहरा चमकाने का ठेका ले रखा है, जबकि सच्चाई यह है कि जब रघुवर सरकार चल रही थी, तो इस चैनल ने कभी हेमन्त की ओर देखा भी नहीं और अब चूंकि सरकार बदल गई है तो विज्ञापन प्राप्त करने के उद्देश्य से उसने अपनी नीतियां बदल दी और सरकार में शामिल बड़े-बड़े रईसों व पुलिस पदाधिकारियों ने उसे सलाखों में रखने के बजाये, उसे बॉडीगार्ड तक उपलब्ध करा दी।
अब जरा सोचिये, जिस राज्य में, जहां इस प्रकार की सोच चल रही हो, वहां सामान्य लोगों को न्याय मिलेगा? ये सोचना ही बेइमानी है। ऐसे न्यूज 11 के खिलाफ कई ऑडियो है, जो मार्केट में वायरल है, कई पुलिस पदाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में है, पर सूत्र बताते है किसी की हिम्मत नहीं कि न्यूज 11 को छू दे, सभी का मानना है कि फिलहाल सीएम हेमन्त का आशीर्वाद उसे प्राप्त है और जब तक आशीर्वाद प्राप्त रहेगा, उसका बाल बांका नहीं हो सकता।
तभी तो वह कुछ भी करता है, वह लूटेरों से लूटता है और फिर लूट कर उन लूटेरों को लूटने का लाइसेंस दे देता है, साथ ही उन लूटेरों से अपना हक भी बड़े गर्व से मांगता है, अब आप बताइये कि क्या यही पत्रकारिता है? पत्रकारिता तो बुराइयों का पर्दाफाश करने का नाम है, पर जब आप बुराइयों का पर्दाफाश करने के बजाय उससे संबंध बनाकर रुपये ऐंठने का काम करेंगे तो आप पत्रकारिता कर रहे हैं, या …..? आप खुद बताइये या हेमन्त सरकार ही बताएं तो अच्छा रहेगा, हालांकि न्यूज 11 का संवाददाता खुद ही कह रहा है कि वो लंगा-लूच्चा हैं। फिलहाल इस ऑडियो में क्या है, वो जानिये… इसके बाद हम दूसरे दिन एक और ऑडियो का अंश हुबहू छापेंगे…
न्यूज 11 संवाददाता – हां गुड मार्निंग।
बिचौलिया – देखिये न आपका ही समाचार देख रहे थे।
न्यूज 11 संवाददाता – कहां पे।
बिचौलिया – वही व्हाट्सएप पर।
न्यूज 11 संवाददाता – हम तो निकले हुए है।
बिचौलिया – पूरा कचरा कर दिये है, आप लोग हे हे हे हे हे हे।
न्यूज 11 संवाददाता – आप ही का न कहना था।
बिचौलिया – दुबारा फोन नहीं किये थे …….. को, एक और मामला आया है कल, ओरमांझी अंचल का ही है। पशुपालन विभाग का जमीन है, दो एकड़ 65 डिसिमिल, उस जमीन को भी जबर्दस्ती अंचल अधिकारी लोग ही मिलकर कब्जा करवा रहा है।
न्यूज 11 संवाददाता – कौन है वहां का सीओ।
बिचौलिया – शिव शंकर पांडेय। मेन मास्टर सीआइ रंजीत कुमार है।
न्यूज 11 संवाददाता – तो उसको बोल दीजिये, हमको जानकारी हो गया है, आज न्यूज 11 वाला लाइव करेगा, अगर बातचीत होता है तो…
बिचौलिया – बातचीत तो है, कल हम गये थे न।
न्यूज 11 संवाददाता – है तो बोल दीजिये, हम लाइव यूनिट के साथ लाइव करेगा, दो घंटा, आकाश भार्गव, मेरा नंबर भी दे दीजिये, कुछ होगा तो फरिया लेंगे, फिर हम आपको आगे कर देंगे, हम तो फरियाते नहीं हैं।
बिचौलिया – फिर इ चल जायेगा न, अगर उ पहुंच गया तो फिर उधर कचरा हो जायेगा।
न्यूज 11 संवाददाता – पहुंच जायेगा तो पहुंच जायेगा, तो फिर उधर रहेगा। इसमें अपना जाता क्या है, लंगा-लूच्चा का जाता क्या है?
बिचौलिया – हे हे हे हे हे हे।
न्यूज 11 संवाददाता – जैसे है, वैसे रहेंगे।
बिचौलिया – ये भी बात सही है, जहां है, वहीं रहेंगे।
न्यूज 11 संवाददाता – जाने का तो कुछ नहीं न है, पाने का है क्या? तो उसको बोल दीजिये, लाइव करेगा 12 बजे से, फलानां है, उनका नंबर है, हम जानते है। एगो एसडीओ को खा गये, दो गो सीओ को खा गये, अभी दो-तीन दिन के अंदर, अब आपका नंबर लगा दिये है।
बिचौलिया – इसका क्या होगा, इसका कुछ होगा कि नहीं, इ इहा से जाये तो बड़ा अच्छा होगा।
न्यूज 11 संवाददाता – उ सुसाइड कर लेगी।
बिचौलिया – हमको नहीं लगता कि इहा से जायेगी, इ बहुत हरामी है रे बाप, जाये तो यहां से तो ठीक है, एकदम अति कर के रखी हुई थी, आग में मूत कर रखे हुई थी।
न्यूज 11 संवाददाता – आपलोग काम नहीं करते हैं न प्रोपरली।
बिचौलिया – काम क्या भैया, हम तो आपको लाइन अप, आखिर जितना लाइन अप मेरा ही किया हुआ है न।
न्यूज 11 – बड़ाइक का, अरे वो तो इ तो ऐसे ही विष्णु, जिसका कोई विष्णु नहीं, उसका अरुप विष्णु, इ तो अइवे करता।
बिचौलिया – इसलिये न हम आपको आगे किये थे, कि देखिये भैया, फरिया सकते है, नहीं तो साला बड़ा मुश्किल है। इ तो वहां वाली बात हो रहा है, उ तो हम आपको बता ही रहे है, एविडेंस हम जुटाने में लगे है, जैसे ही जुट जायेगा,तो हम आपको तुरंत ट्रांसफर कर देंगे।
न्यूज 11 संवाददाता – ओरमांझी में पड़ना है तो पड़िए।
बिचौलिया – पूरा पड़े हुए है, हम तो आपका नंबर मैसेज कर देंगे, और कहेंगे कि बात कर लीजिये, आप।
न्यूज 11 संवाददाता – नहीं हमसे नहीं, हां एक बार बात करा लीजिये।
बिचौलिया – पूरा डिटेल्स हम भेज देते हैं।
न्यूज 11 संवाददाता – हां भेज दिजिये, हां भेज दिजिये।
सूत्र बताते हैं कि इसमें इस संवाददाता का कोई दोष ही नहीं है, ये तो पूरा चरित्र ही न्यूज 11 के मालिक का है, जिसे उसने अपना रखा है, इन्हें कही भी गड़बड़ियां पता चलती है, तो ये सीधे सौदेबाजी करते है कि वे इसे अपने न्यूज 11 चैनल पर चलायेंगे, अगर आप न्यूज नहीं चलवाना चाहते है तो आप इतनी राशि उपलब्ध करा दें, नहीं तो आपकी इज्जत का फलूदा निकाल देंगे और इसी इज्जत को बचाने के चक्कर में बेईमान व लूटेरा अधिकारी या नेता इसके चंगूल में फंसकर सौदेबाजी कर बैठता है, ये इसके रोज का चक्कर है, ये कभी सुधर नहीं सकता, चाहे आप कुछ कर लीजिये, क्योंकि सत्ता भाजपा की आये या झामुमो अथवा कांग्रेस की, सभी इसकी अंत में चरणवंदना में ही लगेंगे, जबकि ईमानदार आदमी को ये सभी मिलकर सूली पर चढ़ा देंगे।
( जारी )