गाड़ी पर प्रेस, कोर्ट, पुलिस आदि लिखकर चलना पड़ेगा महंगा, होगी कार्रवाई
राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में विधायिका प्राधिकार, न्यायपालिका प्राधिकार, कार्यपालिक प्राधिकार, वैधानिक आयोग एवं केन्द्रीय कार्यालय अथवा राज्यस्थित प्रतिष्ठानों से संबंधित वाहनों में कौन से नाम प्रयुक्त होंगे और उनके रंग क्या होंगे, इससे संबंधित जानकारी दी गई हैं।
इसी में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि मोटरयान अधिनियम एवं नियमावली के प्रावधानों के आलोक में कोर्ट, आर्मी, पुलिस, प्रेस, सरकार, प्रशासन, मंत्रालय इत्यादि शब्दों का प्रयोग वर्जित है, इसके उल्लंघन के फलस्वरुप दोषी वाहन स्वामियों/चालकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। अधिसूचना में इस बात को उल्लेखित किया गया है कि मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 179 (1) के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा, अधिसूचना के प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन भी प्राप्त है।
अब सवाल उठता है कि क्या सचमुच में जो अधिसूचना निकाली गई है, उसका क्रियान्वयन जमीन पर नजर आयेगा या इसी प्रकार ये अधिसूचना सामान्य अधिसूचनाओं की तरह केवल कागज पर ही दिखेगा, क्योंकि 10 मार्च को यह अधिसूचना जारी हुई है, पर यह सड़कों पर दृष्टिगोचर होता नहीं दिख रहा। आज भी प्रेस, कोर्ट, पुलिस आदि नाम को उल्लेखित करती हुई गाड़ियां सामान्य दिनों की तरह ही सड़कों पर दिखाई दे रही है।