CM हेमन्त जी/ महिला आयोग संज्ञान लें, एक पत्रकार ने महिला अधिकारी के सम्मान के साथ खेलने की कोशिश की है
शर्म आ रही है, खुद को पत्रकार कहते हुए, क्योंकि एक पत्रकार ने ही, एक महिला के सम्मान को ऐसी ठेस पहुंचाई है, जिसकी जितनी निन्दा की जाय कम है, भारतीय दंड संहिता में तो ऐसे लोगों के खिलाफ गैर-जमानतीय धाराओं तक के प्रावधान है, हमारे विचार से तो इस कांड को लेकर राज्य महिला आयोग/राष्ट्रीय महिला आयोग को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
राज्य प्रशासनिक सेवा या राज्य के मुख्य पदों पर बैठे सभी अधिकारियों को चाहिए कि इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर, उक्त पत्रकार के खिलाफ एक्शन लें, ताकि फिर कोई पत्रकार किसी भी महिला को अपमानित करने का दुस्साहस नहीं कर सकें। मैं तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भी निवेदन करुंगा कि वे इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर, उक्त पत्रकार को कानून का रास्ता दिखाएं, ताकि कोई भी महिला झारखण्ड में ससम्मान सेवा दे सकें, तथा उसके सम्मान से खेलने की कोशिश करने के पहले कोई भी व्यक्ति दस बार सोचें कि ऐसा करने से उसका क्या परिणाम होगा?
दरअसल यह बात मैं इसलिए लिख रहा हूं कि बिरसा टाइम्स.कॉम ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में कार्यरत उप-निदेशक शालिनी वर्मा के लिए बहुत ही गलत शब्दों का प्रयोग किया है, तथा उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक कुमार पिंटू की भाभी कहकर संबोधित किया है, हेडिंग लगाई है।
उसने अपने समाचार में शालिनी वर्मा को कई जगहों पर विक्टोरिया रानी कहकर चिढ़ाने की कोशिश भी की है, जिसे पढ़कर कोई भी सभ्य आदमी, उक्त पत्रकार के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट कर देगा। जब हमने इस संबंध में बिहार व झारखण्ड के कई गण्यमान्य संपादकों/बुद्धिजीवियों/प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की, तो उनका कहना
था कि ये पत्रकारिता की भाषा नहीं है, कोई भी व्यक्ति या महिला जो प्रशासनिक सेवा में हैं या नहीं हैं, उसके साथ आप इस प्रकार की अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं कर सकते, अगर शालिनी वर्मा इसको लेकर कानून का सहारा लेती है, तो उन्हें कानून मदद करेगा, हालांकि ऐसे मामलों में राज्य महिला आयोग/राष्ट्रीय महिला आयोग स्वतः संज्ञान ले लेती है, क्योंकि यह मामला पूरी तरह एक महिला के सम्मान के साथ जुड़ा है, जिसे कोई नकार नहीं सकता।
सूत्र बताते है कि बिरसा टाइम्स.कॉम ने ऐसा लिखकर सारी मर्यादाओं को नष्ट कर दिया है, आप किसी भी महिला को किसी भी व्यक्ति के साथ रिश्तों से कैसे जोड़ सकते हैं? प्रत्येक महिला का अपना सम्मान है, उसका नाम है, उसके पद है, उससे आप उन्हें संबोधित करें, आप जो चाहे, जो करेंगे, ये नहीं चलेगा।
इधर सूत्र बताते है कि दरअसल सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में कई ऐसे अधिकारी है, जो शालिनी वर्मा से जलते हैं, जलन इतनी है कि ये पूर्व में भी कई अखबारों में अपने लोगों से गलत-गलत बातें किसी के बारे में भी छपवा देते हैं, जिसके कभी शिकार पूर्व निदेशक डा. अवधेश कुमार पांडेय भी हो चुके है, सूत्रों का कहना है कि दरअसल ज्यादातर मामलों में ऐसी खबरों पर बड़े-बड़े अधिकारी ध्यान नहीं देते, पर इस बार एक महिला का अपमान करना, उक्त बिरसा टाइम्स.कॉम को महंगा न पड़ जाये, इसको लेकर पूरे सूचना भवन में कल तरह-तरह की चर्चा चलती रही।
संभव है कि सोमवार को शालिनी वर्मा इस प्रकरण पर अपने वरीय अधिकारियों से मिलें, तथा अपने सम्मान को पहुंची ठेस को लेकर, अपने वरीय अधिकारियों से बात करें, अगर वरीय अधिकारियों ने इन्हें हरी झंडी दे दी, तो उक्त पत्रकार के लिए बहुत ही महंगा पड़ सकता है, क्योंकि ऐसे में उक्त पत्रकार को किसी की सहायता भी नहीं मिलेगी, भला किसी के सम्मान के साथ खेलनेवाले को कौन मदद करेगा?