राजनीति

हेमन्त सरकार वादा निभाओ, रोजगार कहां है वह बतलाओ के नारों के साथ AISA व RYA ने किया विधानसभा मार्च

ऑल इंडिया स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन और इंक्लाबी नौजवान सभा ने रोजगार के सवाल को लेकर आज विधानसभा मार्च किया। विधानसभा मार्च के दौरान इसमें शामिल युवा विभिन्न प्रकार के नारे लगा रहे थे। उन नारों में प्रमुख नारे थे – “हेमन्त सरकार वादा निभाओ, रोजगार कहां है वह बतलाओ, शिक्षा का निजीकरण नहीं चलेगा, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।”

यह विधानसभा मार्च हटिया रेलवे स्टेशन से शुरु हुआ और यह विधानसभा के कूटे मैदान तक गया, जहां यह मार्च एक सभा में तब्दील हो गया। जिस सभा को भाकपा माले के विधायक कॉ. विनोद सिंह, आइसा के कार्यकारिणी महासचिव कॉ. प्रसनजीत, आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव कॉ. नीरज ने संबोधित किया, जिसमें राज्य के कोने-कोने से आये हजारों छात्रों-युवाओं की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही।

सभा को संबोधित करते रंजीत ने कहा कि राज्य के अंदर नौकरियों के लाखों की संख्या में पद खाली हैं लेकिन नियुक्तियां बंद है। हेमन्त सरकार द्वारा किए गए वादे, प्रतिवर्ष पांच लाख रोजगार, बेरोजगारी भत्ता महज एक अखबारों की सुर्खियों में बन के रह गये हैं। राज्य में सरकार गठन के 14 महीने से ज्यादा हो गए, परंतु रोजगार सहित ज्वलंत सवालों पर कोई भी नीति स्पष्ट नहीं दिख रही है। दूसरी ओर कोरोना के नाम पर छात्रों का एक साल बर्बाद कर दिया गया है।

विधायक कॉ. विनोद सिंह ने कहा, गरीब छात्रों को पैसे के अभाव में रूम व हॉस्टल से धक्का मार के निकाला गया है। राज्य के अंदर बाजार, यातायात शुरू हो गए, परंतु अभी तक स्कूल-कॉलेज में सुचारू रूप से फिजिकल क्लास शुरू नहीं हो पाई है। ऊपर से छात्रवृत्ति में कटौती और ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। झारखंड में 80% छात्रों के पास लैपटॉप या एंड्रॉयड फोन रिचार्ज के पैसे व बिजली उपलब्ध नहीं है, आखिर गरीब छात्र ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे?

राज्य में छात्राओं और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ बलात्कार हत्या जैसी घटनाओं में वृद्धि हो रही हैं, पर सरकार का ध्यान इस ओर नहीं हैं। कार्यक्रम के बाद अपने मांगों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल आरवाईए राज्य सचिव अमल घोष, अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, आइसा राज्य सचिव त्रिलोकीनाथम अध्यक्ष सोहेल अंसारी ने  प्रतिनिधि दंडाधिकारी को स्मार पत्र सौंपा। उस स्मार पत्र में दस सूत्री मांगे थी। वो मांगे क्या थी, जरा ध्यान दें…

  1. 5 लाख रोजगार देने का वादा पूरा किया जाय व तमाम रिक्त पड़े नियुक्तियों को अविलंब पूरा किया जाय।
  2. सभी शिक्षित बेरोजगारों को जिले में अविलंब रजिस्ट्रेशन कर बेरोजगारी भत्ता न्यूनतम 10000₹ प्रति महीना सुनिश्चित किया जाय।
  3. रेलवे सहित तमाम सरकारी संस्थानों को बेचे जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय।
  4. प्राइवेट कंपनियों में झारखंड के नौजवानों के लिए 80% सीट आरक्षित  किया जाय।
  5. पारा शिक्षक, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, रसोईया आदि संविदा आधारित कर्मियों को अविलंब स्थाई नियुक्ति दी जाय।
  6. सभी स्कूलों,कॉलेजों, पुस्तकालयों, छात्रावासों को तुरंत खोलें एवं कक्षाएं शुरू की जाए।
  7. “नई शिक्षा नीति 2020” वापस लेने हेतु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय और सत्र 2020 से 22 तक के छात्रों का फी माफ हो, छात्रवृत्ति कटौती वापस लिया जाय।
  8. जेपीएससी की अनियमितता को दूर कर समय सीमा में परीक्षा व परिणाम घोषित करने की गारंटी करे।
  9. अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में उर्दू अकादमी का विशेष शाखा बनाया जाए।
  10. झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन अनुसार मॉब लिंचिंग पर क़ानून बनाए।