अच्छी खबरः बस एक सप्ताह का इंतजार करें झारखण्डवासी, जल्द मिलेगी कोरोना की दूसरी लहर से राहत!
बस अब कुछ ही दिन बचे हैं, झारखण्ड में 25-30 अप्रैल के बीच कोरोना पीक पर होगा, उसके बाद धीरे-धीरे इसमें कमी आयेगी, ये बाते अपने राज्यवार ग्राफ में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल ने बताई है। मणीन्द्र अग्रवाल की ये बातें झारखण्ड में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे, प्रशासकों, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना प्रभावितों व सरकार के लिए भी राहत देनेवाली है।
झारखण्ड में कोरोना की दूसरी लहर से जनता भयभीत हैं और उसे भयभीत करने में कई लोगों के हाथ हैं, इसका जिक्र करना हम यहां उचित नहीं समझते, लेकिन जो ऐसा कर रहे हैं, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं कर सकता। सभी जानते हैं कि अभी कोरोना की कोई मेडिसिन तैयार नहीं हुई हैं, वैज्ञानिकों का दल उसे नेस्तनाबूद करने के लिए लगा है, फिर भी झारखण्ड में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मारामारी चल रही है।
यह जानते हुए भी कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन कोरोना को मात देनेवाली इंजेक्शन नहीं हैं, फिर भी इसकी कालाबाजारी भी यहां खूब हो रही हैं और लोग इसके लिए 20 से 25 हजार तक देने के लिए तैयार है। आश्चर्य इस बात की है कि केन्द्र से लेकर राज्य सरकार तक इस रेमडेसिविर की इंजेक्शन का इंतजाम करने तथा इसके दाम करने/कराने में लग गई।
कमाल है, निजी अस्पतालों ने तो इस कोरोना काल में अकूत संपत्ति बनाने की योजना को धरातल पर उतारना शुरु कर दिया, इनकी तो ऐसी हो गई कि जैसे लॉटरी लग गई है, चाहे ऑक्सीजन सिलिण्डर की बात हो या रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की बात हो या बेड उपलब्ध कराने की, सभी में इनकी चांदी ही चांदी है, शायद ऐसा दिन फिर कभी लौट कर नहीं आयेगा, ये जानते हैं, इसलिए इन गिद्धों ने शवों से भी पैसे जुटाने शुरु कर दिये, जो शर्मनाक है। सरकार को चाहिए कि कोरोना काल बीतने के बाद, इसको लेकर एक कमीशन बैठाकर ऐसे हरामखोर निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
प्रो. मणिन्द्र अग्रवाल की मानें तो महाराष्ट्र में पीक आ चुका है, जल्द ही वहां संक्रमण काबू में आ जायेगा। प्रो. अग्रवाल की मानें तो बिहार में 25-30 अप्रैल, पश्चिम बंगाल में 25-30 अप्रैल, छत्तीसगढ़ में 19-25 अप्रैल के बीच में कोरोना पीक पर होगा। पूरे देश में मई के प्रथम सप्ताह में कोरोना के पीक पर पहुंचने की उन्होंने संभावना बताई है। उनका यह भी कहना है कि इसके बाद कोरोना की कोई लहर नहीं आयेगी।