अपनी बात

उधर सुबोधकांत पत्रकार रोहित को श्रद्धाजंलि दे रहे थे और इधर उनका फैंस बना एक तथाकथित पत्रकार उलूल-जुलूल लिख रहा था, ग्रुप एडमिन ने दिखाया उसे बाहर का रास्ता

आखिर और कितना गिरेंगे, रांची के तथाकथित पत्रकार। इधर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने आज तक के दिवंगत पत्रकार रोहित सरदाना को श्रद्धाजंलि दी और उधर फैंस ऑफ सुबोधकांत व्हाट्सएप्प ग्रुप में एक तथाकथित पत्रकार ने रोहित सरदाना के खिलाफ उलूल-जुलूल लिखकर अपने चरित्र को उजागर कर दिया कि उसकी मानसिक स्थिति क्या है?

दरअसल कल जैसे ही आज तक से जुड़े पत्रकार रोहित सरदाना का निधन हुआ। देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। सभी ने अपने-अपने अनुभवों के आधार पर रोहित सरदाना को भावभीनी श्रद्धाजंलि देनी शुरु कर दी, इसी बीच कुछ ऐसे घटिया सोचवाले पत्रकार भी थे, जिन्होंने जमकर अपनी खुशियों का इजहार भी किया, जिसका जवाब भी वरिष्ठ पत्रकारों के साथ-साथ आम जनता ने उन्हें दे दिया, जिससे उन घटियास्तर के पत्रकारों को उनकी औकात का पता चल गया।

इस दौरान एक पत्रकार ने तो फेसबुक से अपनी लिखी पोस्ट, चुपके से हटा ली, पर दूसरा पत्रकार ढिठई से अड़ा रहा और उसने फैंस ऑफ सुबोधकांत में अपनी घटियास्तर की प्रतिक्रिया लिख दी, जिसकी सभी ने आलोचना की, उस घटियास्तर के पत्रकार ने क्या लिखा और उसका नाम क्या है, अगर ये जानना है तो लीजिये नीचे, इसको देख लीजिये…

इधर जैसे ही उक्त पत्रकार की इस घटिया सोच की जानकारी तीसरे पत्रकार को मिली तो उसने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए इसके ग्रुप एडमिन को कहा कि ऐसी सोच रखनेवाले पत्रकार को वे अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप से बाहर करें, क्योंकि एक ओर सुबोधकांत सहाय रोहित सरदाना को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और दूसरी ओर उनके फैंस कहे जानेवाले पत्रकार इस प्रकार की घटिया सोच का यहां इजहार करें, ये बातें दोनों एक साथ नहीं चल सकती, फिर क्या था ग्रुप एडमिन ने उस तथाकथित पत्रकार को तुरन्त बाहर का रास्ता दिखा दिया।

अब सवाल उठता है कि आखिर पत्रकार जो खुद को बुद्धिजीवी कहलाता है, अगर वही इस प्रकार की घटिया सोच रखेगा तो देश व समाज बनेगा या स्थितियां बिगड़ेगी, ये सवाल इन दिनों अच्छी सोच रखनेवाले पत्रकारों के मन में घर कर गया है, पर इन हरकतों को देख सभी किंकर्तव्यविमूढ़ है।