हफीजुल के बयान पर भड़के इरफान, कहा अगर लंबी पारी खेलनी है तो उलूल-जुलूल बकना बंद करें, बाबा मंदिर जाने से वोट बढ़ता है, घटता नहीं।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता इरफान अंसारी आज बहुत दुखी हैं। दुख इस बात को लेकर है कि मधुपुर से चुनाव जीते झामुमो प्रत्याशी हफीजुल अंसारी ने कुछ बात ही ऐसी कर दी हैं। चुनाव जीतने के बाद शायद हफीजुल अंसारी ने कही बयान दिया है कि कांग्रेस पार्टी के नेता इरफान अंसारी के बाबा वैद्यनाथ मंदिर चले जाने से उनका वोट का रेशियो कम हो गया।इरफान अंसारी ने इस दुख को शायराना अंदाज में अभिव्यक्त किया है। इरफान ने कहा…
खिले जो फूल तो कहते हो फूल मेरे हैं,
जिसने पौधे लगाए, उसी का नाम नहीं।
पड़ी जो वक्त गुलिस्ता को लहू हमने दिया,
आई बहार तो कहते हैं, तेरा नाम नहीं।
सच्चाई भी है कि मधुपुर से झामुमो प्रत्याशी हफीजुल अंसारी को जीताने में कांग्रेस पार्टी के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी की भी कम भूमिका नहीं रही। इसे झामुमो भी जानती है, ये अलग बात है कि जब उसे जीत मिल गई तो अब कांग्रेस को ही ताना मारने लगी। इरफान अंसारी ने हफीजुल अंसारी को चेतावनी देते हुए कहा कि हफीजुल अंसारी अगर चाहते है कि वे लंबी पारी खेलें तो उन्हें इस प्रकार के बयानबाजी से बचना होगा, जो लोग उन्हें मिसगाइड कर रहे हैं, उनसे उन्हें बचना होगा, क्योंकि मधुपुर में वे भी रहते हैं और इरफान अंसारी का परिवार भी रहता है, बिना फुरकान अंसारी के मधुपुर सीट पर जीत हासिल करना किसी का भी नामुमकिन है।
उन्होंने कहा कि क्या हफीजुल अंसारी को पता नहीं कि मधुपुर विधानसभा के 27 हिन्दू बहुल गांवों में इरफान का बचपन गुजरा है, जहां आज भी लोग उन्हें वहीं सम्मान देते हैं, जिसका प्रतिफल यह रहा कि लोगों ने भारी संख्या में झामुमो के पक्ष में मतदान किया और आज कह रहे है कि इरफान अंसारी के बाबा मंदिर जाने से वोट का रेशियो कम हो गया, क्या मधुपुर के चुनावी इतिहास में किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को एक लाख से ज्यादा वोट मिला है?
इरफान अंसारी ने कहा कि बाबा मंदिर जाने से वोट घटता नहीं, वोट बढ़ता हैं, हफीजुल अंसारी को जानना चाहिए कि इरफान अंसारी दो बार से विधायक है और हफीजुल अंसारी उनसे जूनियर है। इरफान अंसारी जब भी नोमिनेशन करने गया, बाबा मंदिर जाकर बाबा का आशीर्वाद ग्रहण किया और चुनाव जीता, हफीजुल अंसारी को किसने कह दिया कि बाबा मंदिर जाने से वोट का रेशियो कम हुआ? आखिर इस प्रकार की सोच ये लोग लाते कहां से हैं? अरे झामुमो की जीत में सिर्फ झामुमो ही नहीं, बल्कि यूपीए के एक-एक गठबंधन की बहुत बड़ी भूमिका रही हैं, इसे किसी को भूलना नहीं चाहिए।