दारोगा रूपा तिर्की हत्याकांडः बाबूलाल ने सीएम हेमन्त को लिखा पत्र, सीबीआई जांच की मांग
साहेबगंज की बहुचर्चित दारोगा रूपा तिर्की हत्याकांड अब हाई-फाई होता जा रहा है। कुछ लोग इस मामले को आदिवासी युवती की हत्या से जोड़ कर देख रहे हैं, तो कुछ लोग रूपा तिर्की को होनहार युवती बताते हुए, दारोगा होने के बावजूद, आदिवासी युवतियों की क्या स्थिति राज्य में हैं, उस मामले से इसे जोड़ रहे हैं, इधर रूपा तिर्की के मां के बयान ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
हालांकि राज्य सरकार इस मामले की जांच करने के आदेश दिये हैं, पुलिस के वरीय अधिकारी इस मामले की जांच में जूट गये है, फिर भी विपक्ष और जनसंगठन से जुड़े लोगों का मानना है कि इस मामले को दबाने का उच्चस्तरीय षडयंत्र चल रहा है। इधर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबू लाल मरांडी ने इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें रूपा तिर्की के शव की फिर से पोस्टमार्टम कराने और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को बाबू लाल मरांडी द्वारा लिखा गया पत्र इस प्रकार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी,
साहेबगंज जिला अंतर्गत दो दिन पूर्व मृत दारोगा रूपा तिर्की के परिजन आज मुझसे मिलने आये थे। उन्होंने मुझसे मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी दी है, परिजनों ने जो घटनास्थल पर देखा और सुना है, इसके आधार पर इस मामले में दारोगा रूपा तिर्की की हत्या किये जाने की संभावना प्रतीत होती है। परिजन को इस घटना में जो आशंका दिख रहा है, इससे यह मामला बहुत गंभीर है, जो उच्चस्तरीय जांच का विषय है।
स्थानीय पुलिस प्रशासन शुरुआत से ही इस मामले की लीपापोती करने के लिहाज से ढिलाई बरत रही है। दारोगा रूपा तिर्की की मौत के मामले में कुछ सवाल है, जैसे-
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लाश देखते समय पुलिस ने वीडियोग्राफी कराई या नहीं?
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लाश या घर में पड़े सामान को छूने से पहले फिंगर प्रिंट लिया गया था या नहीं, या वीडियोग्राफी हुई थी या नहीं?
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मृतका के शरीर पर कुछ काले धब्बे के निशान थे तो इसका पोस्टमार्टम विशेषज्ञों या फॉरेन्सिक विशेषज्ञों की निगरानी में सारी प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं की गई?
ऐसे कई सवाल हैं, जो इस घटना में कई आशंकाओं को जन्म देते हैं। ऐसी परिस्थिति में मैं आग्रह करता हूं कि इससे पहले की सबूत नष्ट हो जाये, इसलिए मृतका का पुनः पोस्टमार्टम रिम्स के फॉरेन्सिंक विशेषज्ञों से कराने का निर्देश देने का कष्ट करें एवं अविलम्ब इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को भेजा जाये