मौसमी चौधरी की 12वीं पुण्य तिथि, मदर्स डे पर मां तापसी ने लगाई न्याय की गुहार, पहले पुलिस और अब CBI पर बिकने का आरोप
आज ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी की 12वीं पुण्य तिथि है। कोविड को देखते हुए मां तापसी चौधरी ने सार्वजनिक जगह पर कोई कार्यक्रम नहीं किया बल्कि घर पर ही मौसमी चौधरी को श्रद्धांजलि दी। सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत ओझा के घर पर मौसमी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर और शंख बजाकर श्रद्धांजलि दी गई।
जमशेदपुर के चर्चित इस कांड के बारे में सभी जानते हैं कि आहा संस्थान की ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी को होटल सोनेट से 9 मई को संदिग्ध परिस्थितियों में टीएमएच लाया गया था, जहां पहले आईसीयू फिर सीसीयू में इलाजरत रहने के बाद 20 मई को उसे मृत घोषित किया गया था। मां तापसी चौधरी ने बेटी के साथ होटल में दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाया था।
मां का स्पष्ट कहना था कि मौसमी की हत्या 9 मई को ही हो गई थी और टीएमएच में तत्कालीन टाटा स्टील के वीपी पार्थो सेन गुप्ता के दबाव पर जबरन मौसमी के शव को रखा गया था और बाद में 20 मई को उसे मृत घोषित किया गया था। मां का आरोप है कि होटल मालिक के रसूख और टाटा के बड़े अधिकारियों तक उसके बेहतर संपर्क की वजह से मामले की पहले पुलिस ने लीपापोती की।
जिसके बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दो-दो बार सीबीआई जांच हो गई है, लेकिन न्याय नहीं मिला। मां ने आरोप लगाया है कि रसूखदार आरोपियों की वजह से सीबीआई भी बिक गई। आज मदर्स डे पर एक बार फिर मां तापसी चौधरी ने न्याय की गुहार लगाई। सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत ओझा ने सीबीआई कोर्ट के न्यायधीश से इस मामले में न्याय की अपील की है।
मामले के तार डा. प्रभात हत्याकांड से जुड़े
मां तापसी चौधरी ने मौसमी चौधरी की हत्या के छह महीने के भीतर टीएमएच की इमरजेंसी के हेड डा. प्रभात की हत्या के पीछे भी मौसमी हत्याकांड को वजह बताया है। मां का कहना है कि मौसमी को सबसे पहले टीएमएच के इमरजे़सी लाया गया था, जहां शव के दाखिले को डा. प्रभात ने दाखिला लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद तत्कालीन टाटा के वीपी पार्थो सेनगुप्ता के दबाव पर मौसमी को पहले आईसीयू और फिर सीसीयू में दाखिल कराया गया। तापसी चौधरी ने आरोप लगाया कि मौसमी किस हालत में टीएमएच लाई गई थी इसके अहम गवाह डा. प्रभात थे, जिस वजह से उनकी भी हत्या कर दी गई।
मृत मौसमी को न्याय दिलाने के लिए, मां तापसी का 2009 से चला आ रहा संघर्ष बताता है कि मां क्या होती है? मदर्स डे पर मां तापसी का ये संघर्ष आनेवाले समय में जमशेदपुरवासियों के लिए हमेशा यादगार बना रहेगा। हमें लगता है कि आज नहीं तो कल मां तापसी का ये संघर्ष रंग लायेगा, सीबीआई पर लग रहा कलंक, सीबीआई धोने की प्रयास करेगी, पर ये कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
तापसी जैसों को ईस देश में कभी न्याय नही मिलेगा क्योंकि न्याय भी पैसे और रसूख वालों के अनुसार ही चलता है !