ई-पास को लेकर कांग्रेस नाराज, डा. इरफान ने कहा जन-विरोधी फैसले वापस ले सरकार, इस मुद्दे पर CM हेमन्त से कल मिलेंगे कांग्रेसी
हेमन्त सरकार द्वारा राज्य में किसी भी तरह के आवागमन के लिए, ई-पास अनिवार्य कर दिये जाने को लेकर, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. इरफान अंसारी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला पूर्णतः जन-विरोधी है और इसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता। डा. इरफान अंसारी इस मुद्दे को लेकर अपने नेता आलमगीर आलम से भी बात कर चुके हैं, संभावना है कि कल वे इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भी मिले।
डा. इरफान का कहना है कि ई-पास जारी कर दिये जाने की वजह से हजारों दिहाड़ी मजदूर, प्रतिदिन सब्जी-फल और पत्ते बेचकर जीविका चलाने वाले गरीब प्रभावित हो रहे हैं, सरकार जनहित में कई अच्छे और कड़े कदम उठा रही है, जो सराहनीय भी है, पर ये फैसला जन-हित में नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार से ई-पास को लेकर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
उनका कहना था कि हाट-बाजारों, सब्जी-विक्रेताओं और मीडियाकर्मियों के लिए ई-पास की अनिवार्यता समाप्त कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसके कारण लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो जाये, वैसी व्यवस्था को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता।इरफान अंसारी का यह भी कहना था कि राज्य में हमारी सरकार लोगों को राहत देने के लिए बनी है, और ऐसे में अगर आम जनता ही परेशान होगी, तो यह सही नहीं होगा। इस तरह के फैसले से पुलिसकर्मियों का भी मनोबल बढ़ जाता है, जिसके कारण आम जनता परेशान होती है।
पुलिसकर्मी जबरन जुर्माना वसूलने लगते हैं। इरफान अंसारी ने कहा कि आज पूरे देश की जनता जागरूक है और सभी लोग स्वेच्छा से घर में रहकर प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, बेवजह कोई भी सड़क पर नहीं घूम रहा, तो ऐसे हालात में वे चाहेंगे कि सरकार इस फैसले को अविलंब निरस्त कर जनता को राहत देने का काम करें।