अपनी बात

चुल्लू भर पानी में डूब मरो “रांची प्रेस क्लब” के लोगों व “आक-थू” करनेवालों, CM हेमन्त से मार्मिक अपील विनय मुर्मू की जान बचाएं  

क्यों “रांची प्रेस क्लब” के अधिकारियों याद हैं कि भूल गये, पिछले साल तो जब एक ने आपको आइना दिखाया था, तो भर-भर मुंह “आक-थू करने के लिए फेसबुक व अन्य सोशल साइट का सहारा लिया था, अब फिर तैयार हो जाओ, “आक-थू” करने-कराने के लिए, हो सके तो फिर  विनय मुर्मू के पास पहुंच जाओ, उसका बयान लेने के लिए ताकि तुम्हें फिर से “आक-थू” करने का अभियान चलाने का मौका मिल जाये, पर इस बार ऐसा संभव हो पायेगा, हमें लगता है कि मुश्किल है।

संयोग देखिये, पिछले साल की बात हो या इस साल की बात, मामला विनय मुर्मू के इर्द-गिर्द ही घुम रहा हैं, कल तक जिन “रांची प्रेस क्लब” के अधिकारियों ने यह कहा था कि वे विनय मुर्मू के साथ हुई घटना की जांच करवाकर न्याय दिलवायेंगे, वो मुद्दा अब ठंडे बस्ते में चला गया, पता नहीं, रांची प्रेस क्लब के महान अधिकारियों को वो सारी बाते पिछले साल वाली याद भी हैं या नहीं, लेकिन मैं तो याद दिलाउंगा, बस वो “आक-थू” याद रखें, सब उनके जेहन में निकल आयेगा।

लेकिन सवाल तो उससे भी बड़ा है, इस कोरोना काल में एक बार फिर विनय मुर्मू पर संकट गहराया है। विनय मुर्मू “रांची प्रेस क्लब” के सम्मानित सदस्य हैं, और वे पिछले 27 दिनों से रांची के सदर अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे हैं, पर उन्हें वो सुविधा नहीं मिल रही, जो यही इलाजरत रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह को मिल रही है। राजेश सिंह के पास तो बड़े-बड़े डाक्टर आ रहे हैं, उनका इलाज भी कर रहे हैं, विडियो भी ले रहे हैं, सेल्फी भी खींचा रहे हैं, पर यही पर इलाजरत विनय मुर्मू के पास कोई डाक्टर तक नहीं आता, अगर डाक्टर आया भी तो ऑक्सीजन का लेवल देखा, चल दिया।

विद्रोही 24 को यह दुखभरी वेदना तब पता चला जब ये बातें एक व्हाट्सएप ग्रुप में देखने व सुनने को मिली, जहां “रांची प्रेस क्लब” के अध्यक्ष राजेश सिंह को मिल रही शानदार व विशेष सुविधा के फोटोग्राफ्स व विडियो डाले गये हैं, वहीं “रांची प्रेस क्लब” के सामान्य सदस्य विनय मुर्मू ने अपनी दुखभरी दास्तान सुना दी है। विनय मुर्मू ने साफ कहा है, आप खुद देखिये… क्लब फॉर इन्फॉरमेशन में यह बाते आई है –

विनय मुर्मू – डा. अजीत अच्छे डाक्टर है लेकिन हम जब से एडमिट हुए है, आज लगभग 27 दिन हो गया, आज तक हमको देखने तक नहीं आये हैं।

परवेज कुरैशी – आपको दूसरे कोई चिकित्सक देख रहे होंगे…

विनय मुर्मू – मेरे पास जो भी डाक्टर आता था, ऑक्सीजन लेवल देखकर चला जाता था, सरकारी हॉस्पिटल ऐसा ही होता है, यहां नर्स लोग ही सब कुछ है। अगर तुम्हारा पैरवी और पहुंच है तो अच्छा से इलाज होगा।

मतलब, आप रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं तो आपको डाक्टर देखेंगे, आपको हर प्रकार से इलाज करवायेंगे, आपको खुब मदद करेंगे, आपको हर प्रकार की चीजें बतायेंगे, आपसे करवायेंगे और अगर आप सामान्य सदस्य हैं या आदिवासी है तो भगवान भरोसे पड़े रहिये, उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, कोई देखने तक नहीं आयेगा, रांची प्रेस क्लब का आदमी भी यह जानने की कोशिश नहीं करेगा कि आप जिन्दा हैं या मर रहे हैं।

कल की ही बात ले लीजिये, मैं पत्रकारों के हित के लिए भूख हड़ताल पर बैठा था। सदर अस्पताल में इलाजरत विनय मुर्मू को पता चला कि पत्रकार अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, वो भी आंदोलन में शामिल हो गया और यही इलाजरत “रांची प्रेस क्लब” का अध्यक्ष आंदोलन में शामिल होना तो दूर, पत्रकारों के हित में एक शब्द भी नहीं बोला, ये हैं इसका दोहरा मापदंड, ये है दोहरा चरित्र, जो बताने के लिए काफी हैं कि हम रहे मस्ती में, दुनिया भाड़ में जाये, उससे क्या मतलब?

नहीं तो हमारे जैसा आदमी सदर अस्पताल में इलाजरत रहता या कोई भी चरित्रवान व्यक्ति इलाजरत रहता तो यही कहता कि भाई पहले हमें छोड़िये, हमारे उन भाइयों का पहले बेहतर इलाज करिये, जो संकट में हैं, यहां तो दूसरों को संकट में छोड़, अपनी सबकी फिक्र है, ऐसे में अब “रांची प्रेस क्लब” से जुड़े अधिकारियों अब फिर किस दिन से “आक-थू” कार्यक्रम चला रहे हो, क्योंकि तुम्हें शर्म तो हैं नहीं, वो तो विनय मुर्मू के दर्द से पता चल जाता है।

अपनी इलाज बेहतर ढंग से करवा रहे हो और उसे ऐसे ही छोड़ दिये हो। वो 27 दिन से पड़ा हैं, और डाक्टर उसका ठीक से इलाज नहीं कर रहा और तुम इस बेबसी में भी सदर अस्पताल में निजी अस्पताल के मजे ले रहे हो, कमाल है, इतनी बेशर्मी कहां से लाते हो। याद रखो, ईश्वर सब तुम्हारे पापों का हिसाब रख रहा हैं, नहीं बच पाओगे उसकी मार से, विनय मुर्मू जैसे लोगों का दर्द तुम्हें बर्बाद करके रख देगा।

मैं राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से अपील करुंगा कि वे इस पूरे प्रकरण पर ध्यान दें, तथा सदर अस्पताल में मिल रही एक को विशेष सुविधा और दूसरे को नगण्य सुविधा पर सिविल सर्जन या राज्य के उपायुक्त से रिपोर्ट प्राप्त करें, आखिर एक को सब कुछ और दूसरे को कुछ नहीं, ऐसा क्यों? आखिर विनय मुर्मू ने कौन सा पाप किया हैं कि उसे वो सुविधा नहीं मिल रही, जो रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष को मिल रही हैं?