अपनी बात

किसी को भी इज्जत देना अगर सीखना हो तो कोई CM हेमन्त सोरेन से सीखें 

जोहार जगरनाथ दा, टाइगर महतो का अपने घर स्वागत है। जी हां, रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इन्हीं शब्दों से स्वागत किया है। राज्य के मंत्री जगरनाथ महतो का। जब वे विमान से रांची की सरजमीं पर स्वास्थ्य लाभ कराकर आज लौटे। राज्य के मंत्री जगरनाथ महतो पिछले कई महीनों से चेन्नई के एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद रांची पहुंचने का जैसे ही समाचार राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को मिला, वे स्वागत करने के लिए स्वयं एयरपोर्ट पर मौजूद थे।

मुख्यमंत्री का स्वयं अपने मंत्री के लिए स्वागत करने के लिए पहुंचना अपने आप में आश्चर्यचकित करनेवाला हैं, क्योंकि आम तौर पर ऐसा होता नहीं, हर जगह मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए मंत्री पहुंचते हैं, पर जिस राज्य में हेमन्त सोरेन जैसा संवेदनशील, मानवीय मूल्यों वाला व्यक्ति मौजूद हो, तो वहां कुछ भी असंभव नहीं। मैंने स्वयं 35 वर्षों की पत्रकारिता में ऐसा दृश्य नहीं देखा, लेकिन यह दृश्य मानवीय मूल्यों को लेकर एक नई दिशा दे रहा हैं। खासकर उनलोगों के लिए जो राजनीति में अपने लोगों को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं, कम से कम ये बातें तो हेमन्त सोरेन से सीखी ही जा सकती है।

मैंने तो ज्यादातर राजनीतिक दलों में एक-दूसरे के प्रति खींचतान ही देखी है, या एक-दूसरे को नीचा दिखाने की ही ज्यादा कोशिशें होती देखी हैं, ऐसा दृश्य तो कभी नहीं देखा। ऐसा नहीं कि इस प्रकार की घटना पहली बार हो रही थी, घटनाएं तो कई बार हुई, पर इस प्रकार का मुख्यमंत्री नहीं देखने को मिला। आज का दिन ऐतिहासिक हैं, लोग याद रखेंगे, कि कोई राज्य का मुख्यमंत्री अपने मंत्री की आवभगत के लिए सारे प्रोटोकॉल को दरकिनार कर केवल मानवीय मूल्यों को अपने सामने रखा और रांची एयरपोर्ट पर पहुंच गया।

निश्चय ही, जिस दल के प्रमुख नेता के पास ऐसे सुंदर भाव होंगे, उसके कार्यकर्ता, उस पार्टी के सामान्य नेता स्वयं को भाग्यशाली समझेंगे और पार्टी बदलने की अगर जरुरत भी भविष्य में पड़ेंगी तो वे इसके लिए दस बार सोचेंगे कि ऐसा प्यार और मोहब्बत करनेवाला नेता उन्हें कहां मिलेगा?

टाइगर के नाम से अपने लोगों मे लोकप्रिय जगरनाथ महतो इस मामले में भाग्यशाली है। हम तो कहेंगे कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी इस मामले में हेमन्त सोरेन से सीखना चाहिए, क्योंकि जो अच्छी आदतें हैं, उसे लेने में क्या दिक्कत है? पर ऐसा होगा, हमें नहीं दिखता, होने को तो ये चीजें कांग्रेस में भी नहीं हैं, राजद में भी नहीं हैं, और नहीं हो सकता है।

लेकिन झामुमो में हैं, उसके कार्यकर्ता व सामान्य नेता ताल-ठोक कर कह सकते हैं कि मेरे पास हेमन्त सोरेन जैसा नेता हैं, जिसके दिल में घमंड नहीं हैं, वो अपनों के लिए हमेशा दिल खोलकर रखा है, जब भी मौका मिलेगा, वो अपनों पर इसी प्रकार प्यार लूटायेगा, सेवा व आवभगत के साथ, वह सबके लिए हाथ जोड़कर हर वक्त, हर जगह खड़ा रहेगा।