अमर बाउरी का दलित मुद्दे पर राज्यपाल से मिलना इरफान अंसारी को नहीं लगा अच्छा, पूर्व मंत्री को ‘गुंडा’ कह डाला
शुक्रवार को भाजपा के चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने चाईबासा कांड के पीड़ित परिवारों के साथ झारखंड की राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य के दलित परिवारों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को राज्य में हो रहे दलितों के ऊपर अत्याचारों की घटनाओं से अवगत भी कराया। अमर कुमार बाउरी द्वारा दलित मुद्दे को राज्यपाल के समक्ष उठाने पर कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष इतने बिफरे कि उन्होंने अमर बाउरी को साउथ इंडियन गुंडा तक कह डाला।
अब सवाल उठता है कि क्या अब राजनीतिज्ञों के पास शब्दों का अभाव हो गया है, क्या उन्होंने मान लिया है कि उन्हें अपने समकक्षों को सम्मान नहीं देना है या यह स्वीकार कर लिया कि अब सत्ता कभी बदलेगी ही नहीं, या वे हमेशा विधायक बने रहेंगे। राजनीतिज्ञों को सोचना चाहिए कि जनता की सेवा करते हुए लोकप्रिय होना अलग बात है, और अपने विरोधियों के लिए गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए स्वयं को लोकप्रिय बनाना अलग बात है, अगर आप सम्मान देंगे तो आपको सम्मान मिलेगा, और अगर आप सम्मान नहीं देंगे तो आपको भी सम्मान नहीं मिलेगा।
राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि हर नेताओं को भाषा पर कंट्रोल होना चाहिए। आखिर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास में कमी क्या थी? यही तो कमी थी, कि वे अपने सामने किसी को लगाते नहीं थे, विधानसभा में भी अपने विरोधियों के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग कर देते थे, जनसभाओं में भी उनकी उग्रता और भाषा अशोभनीय थी। ऐसे में जनता के पास विकल्प क्या था? जनता को जितना सहना था सही, विकल्प मिला, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
राजनीतिक पंडित ये भी मानते है कि इरफान अंसारी एक डाक्टर भी हैं, साथ ही एक राष्ट्रीय स्तर पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, अब डाक्टर इरफान अंसारी खुद सोचे कि उनकी भाषा एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष स्तर की है। जब इस मुद्दे पर विद्रोही24 ने झारखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से बात की, तब उनका कहना था कि किसी को भी इस प्रकार की भाषा से परहेज करना चाहिए, पर मुद्दा क्या हैं, उन्हें नहीं पता, इरफान अंसारी की ये भाषा उनकी अपनी है, पार्टी को इससे कोई लेना-देना नहीं।
अमर बाउरी का कहना था कि चाईबासा में जो घटना घटी हैं, वो हृदयविदारक है। एक विशेष समुदाय के लोगों ने दलित परिवार को उनके घर के शौचालय को साफ नहीं करने जाने के खिलाफ उनके साथ लाठी-डंडे, बैट, ईट पत्थर से मारपीट की। जिसमें करीब आठ लोग बुरी तरह से घायल हो गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जिसको लेकर वे राज्यपाल से मिलने गये थे।
अब इरफान अंसारी का क्या बयान है, वो भी देख लीजिये – “अमर बाउरी आज नकली हितैषी बनकर सामने आ रहे हैं। दिखने में साउथ इंडियन गुंडा लगता है। अरे गुंडा कभी हितैषी नहीं हो सकता। भाजपा शासित राज्यों में दलितों की क्या दुर्दशा है। मैं पूछना चाहता हूं। बहू बेटियां वहाँ सुरक्षित नहीं है सरेआम बलात्कार होता है। उनका हक छीना जाता है। उन्होंने अमर बावरी को चेताते हुए शब्दों में कहा कि दलितों के नाम पर नेतागिरी मत करो।”