अपनी बात

सवाल तो गंभीर है ही, क्या इस राज्य में एक भी महिला ऐसी नहीं कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बन सकें

सवाल तो गंभीर है ही, क्या इस राज्य में एक भी महिला ऐसी नहीं कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बन सकें, वो भी उस राज्य में जहां महिलाओं से संबंधित कई कुप्रथाएं इस प्रकार चल रही है कि शायद ही कोई महीना होता होगा, जिसमें प्रमुखता से राज्य के विभिन्न समाचार पत्रों में ये प्रकाशित नहीं होता होगा कि फलां गांव में एक या कई महिलाएं, डायन-बिसाही जैसी कुप्रथाओं की शिकार हो गई अथवा राज्य की कई संभ्रांत महिलाएं, झारखण्ड में विभिन्न अत्याचारों की शिकार हो गई और उन्हें न्याय तक नहीं मिला।

ऐसे तो देखा जाये तो राज्य महिला आयोग भी कई मामलों में महिलाओं को न्याय देने में असफल रही हैं, पिछली रघुवर सरकार में तो एक मामले में जब महिलाओं का दल, राज्य महिला आयोग से मदद मांगने गया तो उलटे राज्य महिला आयोग ही महिलाओं को दोषी करार दे दी, मामला आइपीआरडी के मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र से संबंधित था। कई-कई बार राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण के बयान ही विवादों को जन्म दे दिये।

फिर भी इन सारी घटनाओं के बाद भी कई महिलाओं ने इस बात को फिर से जन्म दिया कि आखिर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पिछले एक साल से खाली क्यों हैं? क्या राज्य में राजनीति कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों या अपने राज्य/समाज में एक भी ऐसी महिला नहीं, जो महिला आयोग के अध्यक्ष का पद संभाल सके या राज्य सरकार पर इतना राजनीतिक दबाव है कि वो निर्णय नहीं ले पा रही कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर किसे रखा जाये।

06 जून 2020 को कल्याणी शरण ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद को छोड़ा था, उसके बाद से आज तक राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद खाली है, किसी का इस पर ध्यान भी नहीं, जबकि झारखण्ड में महिलाओं पर नाना प्रकार के अत्याचार बराबर होते रहते हैं, राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर किसी के नहीं होने से जाहिर है कि महिलाओं को उनका हक नहीं मिल रहा, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा।

जमशेदपुर की वरिष्ठ तेज तर्रार पत्रकार अन्नी अमृता ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। अन्नी अमृता का कहना है कि राज्य सरकार बतायें कि महिला आयोग का अध्यक्ष पद कब तक खाली रहेगा, एक साल तो ऐसे ही बीत गये और कितने साल बिताने हैं? राज्य सरकार जितना जल्द हो सकें, ऐसी योग्य महिला को अध्यक्ष पद पर बिठाएं, जिससे महिलाओं को खोया गौरव-सम्मान पुनः प्रतिस्थापित हो सकें।

अन्नी अमृता का कहना था कि केवल बोलने से नहीं होगा कि हमने महिलाओं को न्याय दिया, वो दिखना भी चाहिए, जो दिख नहीं रहा। अन्नी अमृता ने कहा कि हेमन्त सरकार को इसमें दिलचस्पी दिखाना चाहिए, तथा जल्द ही राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर सुयोग्य महिला को बिठाने का प्रबंध करना चाहिए।