न्यूज 11 भारत को पिछले दरवाजे से मदद क्यों? सामने के दरवाजे से उसे मदद करें झारखण्ड पुलिस, हमें कोई ऐतराज नहीं
हम आपको बता दें कि न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी के इशारे पर उनका एक अधिकारी, नाम –अनूप सोनू ने मेरे उपर रांची के कोतवाली थाने में रंगदारी तथा अन्य विषयों से संबंधित झूठे गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराये हैं, जिसका कांड संख्या 49/2021 है, लेकिन आज तक कोतवाली थाने ने इस पर ईमानदारी से जांच नहीं की, अगर जांच कर दी होती, तो निश्चय ही ये केस अब तक झूठा घोषित हो चुका होता, और जिन्होंने झूठे केस किये, उन पर खुद ही उलटा मुकदमा हो चुका होता।
फिर भी पता नहीं रांची पुलिस इस पूरे प्रकरण पर, न्यूज 11 भारत पर कृपा क्यों लूटा रही हैं? मुझे नहीं पता। हम तो यही जानते है कि पुलिस का काम है, सत्य की जांच करना, पर जब सत्य ही प्रताड़ित होने लगे, तो जनता के बीच में अपनी बाते ईमानदारी से रख देना चाहिए। जनता निर्णय करें, क्या सही है, क्या गलत? जिस दिन हमारे उपर कोतवाली थाने में केस हुआ, मैंने दो दिन बाद स्वयं कोतवाली थाना प्रभारी के पास उपस्थित होकर कहा कि मैं ही वो शख्स हूं, जिसके खिलाफ आपके थाने में केस दर्ज हुई है, मैंने स्वयं ही अपना पक्ष और कुछ प्रश्न भी लिखित तौर पर उन्हे दिये, लेकिन कुछ उसका असर नहीं दिख रहा।
इसी बीच कई बार मुझे कोतवाली थाने बुलाये गये। अंतिम बार, 31 मई 2021 को मुझे रांची कोतवाली थाना द्वारा एसएसपी आवासीय कार्यालय में बुलाया गया, पता चला कि वहां अरुप चटर्जी को बुलाया गया है, अरुप चटर्जी ने बिना किसी किन्तु-परन्तु के एसएसपी व थाना प्रभारी को कहा कि वो अपना केस वापस लेगा, और यह काम 01 जून को हो जायेगा, वो इसके लिए अपने मातहत कर्मचारी को कह देगा, चूंकि आज उसका ऑफ हैं, वो कल आयेगा और कल ही यानी 01 जून को ये काम हो जायेगा।
सच्चाई क्या है? एक महीने बीत गये, अरुप चटर्जी टहला रहा है, किसे टहला रहा है, आप खुद समझिये, क्योंकि मैंने तो अरुप चटर्जी को एसएसपी आवासीय कार्यालय में बुलाया नहीं था, जो बुलाये वे जाने। मैं तो अभी भी कहता हूं कि रांची पुलिस को इसमें क्या दिक्कत हो रही हैं, क्यों नहीं उसके द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर अनुसंधान करती है, और दोषियों को उलटा लटकाने का प्रबंध कर रही है, ये क्या केस वापस अगर होगा तो जीत तो न्यूज 11 भारत की ही हो जायेगी, वो आराम से बच जायेगा, क्योंकि उसके आरोप उतने ही झूठ हैं, जैसे कोई कह दे कि सूरज कल से अब निकलेगा ही नहीं।
अंत में, मेरे पास जो सबूत है, वो भी मैं यहां दे रहा हूं कि 31 मई को मैं कहा था, गुगल का लोकेशन डायरेक्शन देख लिया जाय, अंततः मुझे अब इस सरकार या उनके किसी भी बड़े पदाधिकारियों पर भरोसा नहीं, क्योंकि मुझे अब पता चल गया कि यहां सत्य को परास्त करने की तैयारी की जा रही हैं, सत्य लिखनेवाले को परेशान किया जा रहा और झूठे लोगों की जय-जयकार ही नहीं हो रही, बल्कि उन्हें महिमामंडित किया जा रहा, बल्कि उनके इशारों पर काम किये जा रहे, उन्हें संरक्षित किया जा रहा।
उनकी सेवा में पुलिस ही नहीं बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया जा रहा है। ऐसे में झारखण्ड पुलिस इस मामले में न्याय करेगी, हमें विश्वास नहीं होता। नहीं तो, खुद रांची एसएसपी जवाब दें कि 31 मई को जब अरुप चटर्जी ने ये कहा कि वो केस वापस लेगा, तो उसने केस वापस क्यों नहीं लिया? और वो केस वापस ले इसका इंतजार क्यों? आप केस की जांच क्यों नहीं कराते, झूठ व सच का फैसला करिये और जो गलत हैं, उसे दंडित करिये। ये क्या न्यूज 11 भारत की मदद पिछले दरवाजे से क्यों? सामने से करिये, हमें कोई दिक्कत नहीं।