मानवीय मूल्यों के प्रहरी वरिष्ठ पत्रकार महेश्वर सिंह ‘छोटू’ के निधन पर पूरे झारखण्ड के पत्रकारों में शोक की लहर
मानवीय मूल्यों के प्रहरी वरिष्ठ पत्रकार महेश्वर सिंह ‘छोटू’ का निधन हो गया है। उनके निधन का समाचार जैसे-जैसे लोगों को पता चला, पूरे झारखण्ड के पत्रकारों के बीच शोक की लहर देखी जा रही है। कई राजनीतिक दलों के शीर्षस्थ नेताओं व ईमानदार अधिकारियों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने हंसमुख व जिंदादिल विचारों के लिए जाने-जानेवाले महेश्वर सिंह ज्यादातर लोगों के बीच में छोटू जी के नाम से जाने जाते थे। उनके हृदय की विशालता का पता इसी से लग जाता है कि रांची में कोई ऐसा व्यक्ति या पत्रकार नहीं मिला, जो उनके निधन का समाचार जानकर दुखी न हुआ हो।
अगर कबीर के शब्दों में कहे तो उनका जीवन सार्थक था। कबीर कहते है – ‘कबीरा हम पैदा हुए, हम रोए जग हंसे, ऐसी करनी कर चलो, कि हम हंसे जग रोए’ आज सारा पत्रकार जगत उनके लिए रो रहा है। हमारी पहली मुलाकात छोटू जी से उस वक्त हुई थी, जब मैं रांची में ईटीवी संवाददाता के रुप में कार्य करना शुरु किया था, और जब से उनसे मेरी मुलाकात हुई, तब से लेकर मृत्यु पर्यन्त तक उनके साथ मेरी मित्रता जारी रही। एक-दो बार उन्होंने मुझे अपने घर पर भी बुलाया था, ताकि मैं उनके यहां पत्रकारिता का कोर्स कर रहे विभिन्न संस्थाओं से जुड़े विद्यार्थियों को अपने अनुभव बता सकूं, इस दौरान उनसे इतनी अच्छी विभिन्न विषयों पर वार्ताएं होती कि क्या कहे, उन्हें शब्दो में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता।
आज वे दुनिया में नहीं हैं, पर सभी उनके लिए रो रहे हैं। उनके द्वारा की गई फोटोग्राफी, उनके द्वारा लिये गये कई शॉट्स पूरे झारखण्ड में चर्चा के विषय रहे, उनके द्वारा लिये गये कोरोना काल के समय के एक फोटो तो पूरे झारखण्ड में चर्चा का विषय बन गया था, कई अखबारों ने उस फोटों को अपने यहां स्थान दिया था, क्योंकि वो फोटो था ही ऐसा। जिसका जिक्र आज कई पत्रकारों ने अपने श्रद्धांजलि देने के दौरान किया है। पूरा सोशल साइट महेश्वर सिंह छोटू के निधन के बाद हुए क्षति को लेकर श्रद्धांजलियों से पटा है, क्योंकि रांची में कई ऐसे पत्रकार भी हैं, जिनका उन्होंने मार्गदर्शन किया, जो आज विभिन्न संस्थाओं में कार्य कर अपनी जिंदगी को नई दिशा दे रहे हैं। विद्रोही24 की ओर से भी वरिष्ठ पत्रकार महेश्वर सिंह छोटू को विनम्र श्रद्धांजलि।