राजनीति

भारी बारिश भी नहीं रोक सकी, मृत स्टेन स्वामी के खिलाफ हुए अन्याय को लेकर रांची में मानव शृंखला बनानेवालों को

शहीद फ़ादर स्टेन स्वामी को न्याय दो, UAPA राजद्रोह धारा समेत सभी दमनकारी कानून रद्द हो, देश समेत झारखंड के जेलों में बंद राजनैतिक- मानवाधिकार-बंदियों को रिहा करो, बेल की प्रक्रिया को पूर्ण रूप से स्थापित करो, ताकि बेल मिलना असामान्य बात न हो। पीड़ित विचाराधीन कैदियों के परिवारों को मुआवज़ा दो एवं गलत मामला दर्ज करने के लिए दोषी प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो।

झारखंड सरकार स्टेन स्वामी समेत सभी आदिवासी-मूलवासियों पर पत्थलगड़ी आन्दोलन के दौरान लगाए गए सभी मामलों को तुरंत रद्द करो, झारखंड में UAPA व राजद्रोह धारा का इस्तेमाल और पुलिसिया दमन पूर्णत: बंद हो, फ़ादर स्टेन स्वामी की सांस्थानिक हत्या की जांच करो आदि नारों के साथ रांची का प्रमुख मार्ग आज गूंज उठा।

आज पीयूसीएल, शहीद फ़ादर स्टेन स्वामी न्याय मंच, एआईपीएफ़, झारखंड जनाधिकार महासभा, बागईचा, हॉफमैन लॉ एसोसिएट, आदिवासी अधिकार मंच, आदिवासी महिला नेटवर्क, आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, भाकपा माले, सीपीएम, एसयूसीआई, पीपुल्स साइंस फोरम, साझा कदम, समाजवादी जनपरिषद समेत अनेक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी,छात्र, संगठनों के प्रतिनिधियों ने साथ मिलकर परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक, रांची में मानव श्रृंखला बनाकर फादर स्टेन स्वामी के विरुद्ध हुए अन्याय का विरोध किया।

भारी बारिश के बावज़ूद लोग इस अन्याय के विरुद्ध मांगों भरे प्लेकार्ड लेकर एकजुट होकर खड़े रहे। देशव्यापी विरोध कार्यक्रम के तहत आज रांची में भी प्रदर्शन हुआ। 100 से भी अधिक संगठनों द्वारा स्टेन स्वामी की संस्थागत हत्या, UAPA जैसी दमनकारी कानून एवं लोकतंत्र पर बढ़ते हमलों के विरुद्ध एक देश अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड में अनेक संगठन इस अभियान से जुड़े हैं।

आज मानव श्रृंखला में आए प्रतिभागियों ने राज्यपाल के लिए संलग्न पत्र बनाया जिसमें निम्न मांग की गयी हैं- 1) स्टैन स्वामी को न्याय मिले, 2) UAPA, राजद्रोह धारा समेत सभी दमनकारी कानून रद्द हो, 3) सभी राजनैतिक बंदियों को रिहा किया जाए, 4) बेल की प्रक्रिया को पूर्ण रूप से स्थापित किया जाए ताकि बेल मिलना असामान्य बात न हो।

5) पीड़ित विचारधीन कैदियों के परिवारों को मुआवज़ा मिले एवं गलत मामला दर्ज करने के लिए दोषी प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो, 6) झारखंड सरकार स्टेन स्वामी समेत सभी आदिवासी-मूलवासियों पर पत्थलगड़ी आन्दोलन के दौरान लगाए गए सभी मामलों को तुरंत रद्द करे एवं 7) झारखंड में UAPA व राजद्रोह धारा का इस्तेमाल और पुलिसिया दमन पूर्णत: बंद हो।

मानव श्रंखला में देशव्यापी अर्थशास्त्री सह एक्टिविस्ट ज्यां द्रेज, फ़िल्मकार मेघनाथ, आंदोलनकारी दयामनी बारला, डॉ चंद्रभूषण चौधरी, अलोका, अरविंद अविनाश, कुमार वरुण, फ़ादर महेंद्र पीटर तिग्गा, फ़ादर टोनी, वाल्टर कुलडुलना, प्रफुल्ल लिंडा, भुवनेश्वर केवट, समीर दास, नदीम खान, अधिवक्ता श्याम, आकाश रंजन, दीपक बाड़ा, बी.बी.चौधरी, सेराज दत्ता, परवीन पीटर, सेलिना होरो, तमन्ना बेगम, शांति सेन, ऐति तिर्की, अभय, पॉवेल कुमार, मो एनामुल, मो बब्बर एव अन्य शामिल थे।