राजनीति

झारखंड उच्च न्यायालय में विधायक खरीद-फरोख्त मामले की जांच CBI से कराये जाने को लेकर पंकज यादव द्वारा PIL दायर

झारखंड में विधायक खरीद-फरोख्त मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच चुका है। सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव के तरफ से दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। पंकज यादव ने राइट टू वोटर के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा है कि झारखंड के माननीय जनता के वोट को पैसों के लिए बेच देते हैं।

यह वोटरों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। पंकज यादव ने अपनी याचिका में इस बात का उल्लेख किया है कि सन 2005 से झारखंड, लगातार हॉर्स ट्रेडिंग का केंद्र रहा है और विधायक हमेशा सरकार बनाने में और राज्यसभा सदस्य चुनने में खुद को बेचते रहे हैं। अभी भी आधा दर्जन से अधिक माननीय विधायक हॉर्स ट्रेडिंग मामले में फंसे हुए हैं।

माननीय विधायकों के इस करतूत से झारखंड की जनता हमेशा ठगी हुई महसूस करती रही है। जनहित याचिका में इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी, रांची एसएसपी, कोतवाली थाने तथा विधायक जय मंगल सिंह को पार्टी बनाते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई है। उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि खुद को बेचने वाले विधायक और खरीदने वाली पार्टी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

मामला इंटर स्टेट का है जिसमें दिल्ली और महाराष्ट्र और यूपी का भी नाम आ रहा है इसलिए सीबीआई जांच जरुरी है । साथ ही मामला मनी लॉन्ड्रिंग का भी है और इसमें याचिकाकर्ता ने कहा की संलिप्त जो भी किंगपिन है,  उन पर राजद्रोह का और सरकार को अस्थिर करने का मुकदमा दर्ज होनी चाहिए और अगर इस प्रकरण में सत्ता पक्ष का कोई प्रोपेगेंडा है।

जैसा विपक्ष का आरोप है तो उसका भी पर्दाफाश होना चाहिए और इस प्रोपेगेंडा को लीड करने वाले लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में झारखंड के माननीय जनता की कीमती वोट को अपने निजी फायदे और पद प्रतिष्ठा के लिए नहीं बेच सके। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका दायर की है।