अपनी बात

CM हेमन्त, स्वास्थ्य विभाग के मंत्री/अधिकारी व अरुप चटर्जी याद रखें, गरीबो की आह आपको लग चुकी, अब आप कुछ भी कर लें, नहीं बचेंगें

याद करिये 22 मई 2021 का विद्रोही 24, जिसने डंके की चोट पर एक समाचार प्रकाशित किया था। समाचार का शीर्षक था – “काश हम भी अरुप चटर्जी होते, और हमारी कंपनी की लिखित पैरवी राज्य का औषधि निदेशक करता” और इसी के साथ याद करिये 04 जून 2021 का विद्रोही 24 जिस दिन यह समाचार प्रकाशित किया गया था – “दवाई दोस्त को ठिकाने लगाने का काम शुरु, गरीबों से जीने का अधिकार मतलब सस्ती दवाएं छीनने की भी कोशिश”।

और लीजिये वो दिन आज आ भी गया, जब रिम्स प्रबंधन ने राज्य के “राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय” के निदेशक औषधि द्वारा लिखित पैरवी की बातों को शिरोधार्य कर एक पत्र भी निर्गत कर दिया। साथ ही यह भी सिद्ध कर दिया कि हेमन्त सरकार, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के सारे वरिष्ठ अधिकारी, रिम्स तथा इससे जुड़े सारे लोगों की निष्ठा गरीब मरीजों की सेवा में नहीं, बल्कि उनकी सेवा में हैं, जो गरीबों की लाशों पर भी गिद्धों की तरह नजर टिकाए हुए हैं।

न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी के समर्थन में औषधि निदेशक द्वारा रिम्स प्रबंधन को भेजा गया वो पैरवी पत्र

आज हम फिर आपको बतायेंगे कि राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय के औषधि निदेशक ने रिम्स के निदेशक को क्या लिखा था? उसने लिखा था – “रिम्स रांची परिसर में औषधि प्रतिष्ठान खोलने हेतु रुद्रालय हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पत्र प्राप्त हुआ है। स्थल आवंटित हेतु रिम्स निदेशक सक्षम प्राधिकार है। रुद्रालय हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के अरुप चटर्जी द्वारा सूचित किया गया है कि उनके द्वारा अबाधित रुप से औषधियों एवं मेडिकल डिवाइस की आपूर्ति डिस्काउन्ट रेट पर की जायेगी। स्थल आवंटन के पश्चात ही अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन के आलोक में अनुज्ञप्ति निर्गत करने की कार्रवाई की जायेगी। अतः रुद्रालय हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त पत्र अग्रतर कार्रवाई हेतु संलग्न कर भेजी जा रही है”।

रिम्स प्रबंधन द्वारा दवाई दोस्त प्रतिष्ठान को भेजी गई वो चिट्ठी, जिसमें कहा गया है कि दवाई दोस्त अपनी दुकान रिम्स परिसर से हटा लें।

यहां आपको हम बता दें कि ये वही अरुप चटर्जी हैं, जो न्यूज 11 भारत का मालिक है। जिसकी पहुंच डायरेक्ट सीएमओ तक है। कहा ही नहीं जाता, सच्चाई है कि उसकी सीएम हेमन्त सोरेन और उनकी परिक्रमा करनेवालों से भी गजब की अंतरंगता है, जिसके कारण भय अथवा प्रेम से राज्य के सारे (मात्र एक-दो को छोड़कर) आइएएस व आइपीएस सर्वदा अरुप चटर्जी की स्तुति करने में लगे रहते हैं।

यहीं कारण है कि उसे तीन-तीन बॉडीगार्ड वो भी एके 47 के साथ दिये गये हैं। कई अपराधिक मामले भी उस पर राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज हैं, कई बार अदालते सम्मन भी दे चुकी है, पर आश्चर्य है कि जिस पुलिस का काम सम्मन का सम्मान करना था, वो अपराधियों की सुरक्षा में ही अपनी शान समझती है। यहां किसी की भी सरकार हो चाहे भाजपा की या झामुमो की। इसका कोई बाल बांका नहीं होता।

विद्रोही 24 को लगा था कि रघुवर शासन समाप्त होने के बाद ऐसे लोगों के बाजार बंद होंगे, पर विद्रोही 24 की बात गलत निकली, आज ऐसे लोगों की बाजार खुब निकल पड़ी है। ब्लैक मेलिंग जोरों से चल रहा है। यह किसी के खिलाफ किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दे रहा हैं और थाने से लेकर एसएसपी तक कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि ये सारे अरुप चटर्जी से भय खाते हैं।

इन्हें डर लगता है कि कही सीएम या उनके परिक्रमाधारियों से कहकर ये कुछ करवा न दें। लेकिन हमारा मानना है कि अरुप चटर्जी का कुछ पूर्व जन्म का पुण्य अंश हैं, जो इतनी गड़बड़ियों के साथ भी वो शान बघार रहा है, जिस दिन पुण्य अंश खत्म होगा, ये कहां रहेगा, इसे कुछ नहीं मालूम। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक आईएएस से उसकी मधुरता ने गजब कर डाला है।

दवाई दोस्त को रिम्स से बाहर करवा दिया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों को कुछ दिन पहले प्रतिष्ठान में भेजकर छापा मरवा कर दवाई दोस्त को जलील किया गया था, और अब तो रिम्स ने पत्र भी निर्गत कर दिया कि दवाई दोस्त अपना प्रतिष्ठान रिम्स परिसर से हटा लें। दवाई दोस्त अब रिम्स में नहीं दिखेगा।

हम रांची के संभ्रांत लोगों से अपील करेंगे कि दवाई दोस्त के लिए आगे आये। रिम्स के ही आस-पास सस्ते दर पर एक स्थान दिलवा दें, ताकि कोई गरीब, दवा के अभाव में मर नहीं सकें। ऐसे मेरा अनुरोध है कि स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव, स्वास्थ्य मंत्री, हेमन्त सरकार, कनफूंकवें और न्यूज 11 भारत का मालिक सभी कबीर के इस दोहे को पढ़ लो…

“निर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।

मरे मृग के छाल से, लौह भस्म हो जाये।।

आप सभी ने ऐसा अपराध किया है, कि यह अपराध अक्षम्य है। गरीबों की हाय तुम सब ने ली है। याद करों, बच्चे तुम्हारे भी हैं, पत्नी तुम्हारी भी हैं, मां-बाप जिन्दा हैं या मर गये तुम जानों, लेकिन गरीबों की हाय से अब तुम नहीं बचोगे, उनकी हाय तुम्हें ले जायेगी। ईश्वर भी माफ नहीं करेगा।

इस प्रकार की हरकतें तुमलोग करते हो। गरीबों के मुख से भोजन छीन लिया, उनके घर छीन लिये और अब दवाएं भी छीन ली। अरे तुम जैसे लोगों का तो चेहरा देखना पाप है। समय आ चुका है। ईश्वर की मार से तुम अब बच नहीं सकते। दवाई दोस्त से जुड़े लोगों मैं तो आपको जानता तक नहीं और न मिला हूं और न मिलना चाहता हूं, पर मैं इतना जरुर आपको दुआए दुंगा कि आप लोगों ने जो भी काम किया है, वो मानवता के लिए किया है।

चिन्ता मत करिये। रिम्स का मोह त्यागिये। जब आप अच्छा करेंगे तो रावण और कंस लोग भी आपकी अच्छाई को रोकने के लिए आगे आयेंगे। कभी श्रीरामचरितमानस को लिखने के पूर्व भी गोस्वामी तुलसीदास ने खल वंदना किया था। जो आज भी श्रीरामचरितमानस के बालकांड में उद्धृत है। चिन्ता मत करिये। आपको गरीबों की दुआएं मिलेगी, अवश्य मिलेगी।

आम जनता को मालूम होना चाहिए कि जब राज्य में दवाओं के नाम पर लूट मची थी, तब झारखण्ड की राजधानी रांची में दवाई दोस्त नामक संस्था ही मसीहा बन कर आई और जेनेरिक दवाओं के साथ, कम पैसों में जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई, आज हेमन्त सरकार और एक चैनल का मालिक उस पर अपनी क्रूरता दिखा रहा है। जिसका परिणाम निश्चय ही गरीब जनता पर पड़ेगा, लेकिन घबराइये नहीं।

हर रात के बाद एक दिन का निकलना होता है, एक दिन ऐसा आयेगा कि इन सारे लोगों के पाप, इन्हें स्वयं नाश की ओर ले जायेंगे। वो दिन दूर नहीं, निकट ही हैं, मैं तो देख रहा हूं, क्योंकि मुण्डकोपनिषद् कहता है – “सत्यमेव जयते”। लालचियों को कहूंगा कि हर नोट पर ये खुदा होता है, पढ़ लिया करें, पर पढ़ेगा कैसे, उसे तो कागज की इन मुद्राओं पर किसी अंक के बाद कितने शुन्य खुदे हुए हैं, वो दिखाई पड़ता हैं। ऐसे लोगों को आक्-थू।