CM रघुवर दास ने मारी पलटी, ‘दैनिक भास्कर’ और ‘प्रभात खबर’ के होश उड़े
27 अक्टूबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिया बयान कि रांची के मेन रोड और जमशेदपुर में बिष्टुपुर के गोपाल मैदान चौक से लेकर लाइट सिग्नल चौक तक शाम को वाहनों की नो इंट्री रहेगी और 28 अक्टूबर की देर रात जब उनको दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ तो उन्होंने गजब की पलटी मारी और अपनी कनफूंकवों की टीम को बुलाकर कहा कि चुपके से व्हाटसएप ग्रुप में ये खबर प्रसारित करो कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऐसा कहा ही नहीं था और न ही इस प्रकार का कोई दिशा-निर्देश दिया है तथा न ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है, फिर क्या था, कनफूंकवों की टीम ने जल्द से अपना व्हाटसएप्प ग्रुप खोला और सीएम के पलटी मारे बयान को प्रमुखता से, चुपके से प्रसारित कर दिया।
सीएम रघुवर दास का ऐसा पलटीमार बयान पढ़कर रांची से प्रकाशित ‘प्रभात खबर’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे अखबारों को सांप सूंघ गया, क्योंकि उनकी खबरें जनता के सामने झूठी साबित होने जा रही थी, अब बेचारे क्या करें? चूंकि सीएम रघुवर दास ने गजब की पलटी मारी है, ऐसे में वे सीएम रघुवर दास के खिलाफ कुछ लिख भी नहीं सकते और न ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं, क्योंकि फिर सीएम और उनके कनफूंकवे का कोपभाजन होने का भय उन्हें सता रहा था। इधर इनके मालिकों को लग रहा था कि सीएम गुस्सा गये तो फिर विज्ञापन पर ताला लटक सकता है, क्योंकि कुछ दिनों के बाद माइनिंग शो के नाम पर राज्य सरकार विज्ञापनोत्सव का खेल खेंलेगी, ऐसे में कहीं लेनी के देनी न पड़ जाये, इसलिए इन दोनों अखबारों ने अपनी और सीएम की इज्जत बचाने के लिए बीच का रास्ता अपनाया।
29 अक्टूबर को प्रकाशित इन अखबारों ने सीएम की खबर को प्रसारित किया पर इसमें अखबार की गलती थी या सीएम की गलती, जिसके कारण इतना बड़ा गलत समाचार प्रसारित हो गया, इन दोनों ‘प्रभात खबर’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे अखबारों ने कुछ नहीं लिखा। चुपचाप सीएम के पलटी मारनेवाले बयान को अपने अखबारों में जगह दे दी। इन अखबारों का ये हरकत साफ बताता है कि ये अखबार कितने नीचे गिर चुके हैं।
आखिर सीएम रघुवर दास ने पलटी क्यों मारी?
आइये हम आपको बताते है, चूंकि जैसे ही खबर सीएम रघुवर दास द्वारा प्रकाशित कराया गया कि रांची के मेन रोड में 15 नवम्बर के बाद से शाम को नो इंट्री रहेगी। रांची के मेन रोड में दुकान एवं शोरुम खोले, तथा अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान चला रहे व्यवसायियों की नींद उड़ गयी।
उन्हें लगा कि ऐसा होने से उनका व्यवसाय ही ठप पड़ जायेगा। इन व्यवसायियों का, कल सुबह से जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, आक्रोश बढ़ता गया। स्थिति ऐसी हो गई कि बात सीएम और उनके कनफूंकवों के कानों तक चली गई, यहीं हाल जमशेदपुर का था। चूंकि बताया जाता है कि झारखण्ड के सीएम रघुवर दास को उतना ज्ञान नहीं है, इसलिए वे कनफूंकवों की बात सुनते हैं। कुछ तो साफ कहते है कि यहां रघुवर दास नहीं, कनफूंकवे सरकार चलाते हैं, इसलिए सीएम ने कनफूंकवों की मदद से अपने बयान पलट डाले तथा सारा तोहमत अखबारों पर मढ़ दिया। अब बेचारे अखबारवाले क्या करते?, सीएम और कनफूंकवों से लड़ नहीं सकते, इसलिए खुद झूठा बनना उचित समझा और सीएम के आगे सारे अखबार नतमस्तक हो गये, फिर वहीं हुआ जो आज की इन अखबारों में है।
सूत्र बताते है कि जैसे ही मुख्यमंत्री रघुवर दास का बयान रांची के विभिन्न अखबारों में आया, वैसे ही नो इंट्री के फैसले के विरोध में रांची के चैंबर आफ कामर्स से जुड़े व्यवसायियों ने मेन रोड के व्यवसायियों के साथ बैठक की और इस फैसले को अनुचित तथा जनविरोधी करार दिया। व्यवसायियों का साफ कहना था कि इस प्रकार की तुगलकी फरमान से व्यवसाय ही समाप्त हो जायेगा। उधर रघुवर सरकार में ही शामिल एक मंत्री सरयू राय जमशेदपुर में बयान दिया कि जमशेदपुर के बिष्टुपुर मेन रोड में शाम को नो इंट्री करना रुमानी ख्याल है, जिससे लोगों को परेशानी छोड़कर दूसरा कुछ नहीं हासिल होगा।
सही पकड़े है,नैतिकता का पतन